रांचीः मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में मंगलवार को महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग की समीक्षा बैठक आयोजित की गई. बैठक में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों निर्देश दिया कि प्रत्येक महीने के 5 तारीख तक पेंशन राशि का भुगतान सुनिश्चित कराएं. इसके साथ ही आंगनबाड़ी भवनों के निर्माण में तेजी लाए. उन्होंने कहा कि झारखंड को कुपोषण मुक्त बनाना सरकार की प्राथमिकता है. इसमें किस स्तर पर कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
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मुख्यमंत्री ने कहा कि सामाजिक सुरक्षा के तहत सभी पेंशनधारियों के खाते में प्रत्येक महीने के 5 तारीख तक पिछले महीने की पेंशन राशि अनिवार्य रूप से क्रेडिट होना चाहिए. पेंशन राशि क्रेडिट होने की सूचना लाभुकों को एसएमएस के जारिए उपलब्ध कराने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए. इसके अलावा सभी पंचायतों में पंचायती राज अधिनियम और पेसा एक्ट के तहत एक सब कमेटी बनाने का नियम है. इसके तहत पंचायत स्तर पर एक समिति गठित की जाए. उन्होंने कहा कि सब कमिटी में मानकी, मुखिया, प्रधान आदि अन्य परंपरागत नेतृत्वकर्ताओं को शामिल किया जाए. यह सब कमिटी महीने में दो बार बैठक कर ग्रामीणों से जुड़े छोटे-छोटे मामलों जैसे जन्म प्रमाण पत्र, मृत्यु प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र आदि जारी करने को लेकर सत्यापन का काम करेंगे.
बैठक में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि जो लोग वृद्धा पेंशन पाने योग्य हैं. लेकिन लाभ से वंचित हैं. इन लोगों को अभियान चलाकर पेंशन का लाभ सुनिश्चित कराए. दिव्यांगता प्रमाण पत्र के लिए डॉक्टर की कमी है तो आईएमए के साथ बैठक कर प्राइवेट डॉक्टर्स का सहयोग लेकर दिव्यांगता जांच कैंप लगाएं.मुख्यमंत्री ने कहा कि विभाग की ओर से संचालित समर योजना के तहत कुपोषित बच्चों को चिन्हित कर उनके परिवार को सरकार के विभिन्न महत्वकांक्षी योजनाओं का लाभ उपलब्ध कराएं. उन्होंने कहा कि कुपोषण मुक्त झारखंड का लक्ष्य सरकार की प्राथमिकता है. इसके लिए अभियान चलाकर कुपोषण से ग्रसित बच्चों को चिन्हित करें तथा उन्हें सरकार की योजनाओं का लाभ पहुंचाये. बैठक में महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग की मंत्री जोबा मांझी, मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग के प्रधान सचिव अविनाश कुमार सहित कई आलाधिकारी उपस्थित थे.