रांचीः मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा को 8 घंटे की पूछताछ के बाद ईडी ने गिरफ्तार कर लिया है. मंगलवार की सुबह पंकज मिश्रा ईडी की समन पर रांची स्थित ईडी के जोनल कार्यालय पहुंचे थे. 8 घंटे की पूछताछ के बाद मंगलवार की देर शाम पंकज मिश्रा को गिरफ्तार कर लिया गया. गिरफ्तारी के बाद पंकज मिश्रा का सदर अस्पताल में मेडिकल जांच करवाया गया. उसके बाद उन्हें रांची के कोतवाली थाने में पुलिस कस्टडी में रखा गया. आज ईडी कोर्ट में उनकी पेशी होगी.
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क्या है पूरा मामलाः मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा को अवैध खनन और टेंडर मैनेज करने से जुड़े मनी लाउंड्रिंग के केस में ईडी ने मंगलवार की देर शाम गिरफ्तार कर लिया. दो बार समन में गैरहाजिर होने के बाद पंकज मिश्रा मंगलवार की सुबह 10.40 बजे ईडी के जोनल आफिस पहुंचे थे. देर शाम 7.26 बजे ईडी ने पंकज मिश्रा को जांच में सहयोग नहीं करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया. इससे पहले पूरे दिन संथाल परगना में अवैध खनन के जरिए 100 करोड़ से अधिक की अवैध कमाई और टेंडर मैनेज करने से जुड़े खेल में पंकज मिश्रा से ईडी ने पूछताछ की.
कारीबियों को साथ बिठा पूछताछ करने की थी योजनाः मंगलवार को ईडी ने पंकज मिश्रा और उनके खास सहयोगी दाहू यादव को आमने सामने बैठाकर पूछताछ की योजना बनायी थी. लेकिन मंगलवार को दाहू यादव एजेंसी के समक्ष हाजिर नहीं हुआ. मंगलवार दोपहर दाहू यादव के वकील शशिकांत जायसवाल ईडी जोनल कार्यालय पहुंचे और बताया कि दाहू यादव की मां की तबीयत बिगड़ गई है, ऐसे में वह एजेंसी के समक्ष हाजिर नहीं हो सकते.
वायरल ऑडियो सुनाकर पूछा, आवाज किसकीः बीते साल जून में टेंडर प्रक्रिया में शामिल नहीं होने को लेकर पंकज मिश्रा ने पाकुड़ के ठेकेदार शंभूनंदन प्रसाद को फोन किया था. इस बातचीत में मंत्री आलमगीर आलम की भी आवाज थी. ईडी के अधिकारियों ने मिश्रा को आडियो सुनाकर पूछा कि यह आवाज किसकी है, साथ ही वह क्यों टेंडर को प्रभावित करना चाहते थे.
कारोबार, अवैध खनन और अचानक बढ़ी संपत्ति पर पूछे सवालः ईडी ने मिश्रा से उनके कारोबारी हितों के बारे में पूछा. पंकज मिश्रा ने ईडी को बताया कि वह राजनीतिक व्यक्ति हैं, लेकिन उन्होंने कभी अपनी राजनीतिक शक्ति का दुरुपयोग नहीं किया. ईडी ने पूछा कि अचानक बीते सालों में उनकी संपत्ति कैसे बढ़ी. अवैध खनन और गंगा के रास्ते खनिजों की अवैध ढुलाई के संबंध में भी सवाल पूछे गए. ईडी ने पूछा कि कैसे उन्होंने बीते सालों में अपने करीबियों व साझेदारों के नाम पर संपत्ति अर्जित की. इससे संबंधित दस्तावेज दिखाए व कई सवाल पूछे. कटिहार में एक स्कूल में निवेश के संबंध में भी सवाल पूछे. हालांकि अधिकांश मामलों में पंकज मिश्रा ईडी के सवालों को टालते रहे.
पंकज मिश्रा को ईडी ने माना है मास्टरमाइंडः ईडी ने अब तक की जांच में माना है कि संथाल परगना में अवैध खनन के जरिए 100 करोड़ से अधिक की कमाई हुई है. पंकज मिश्रा को ईडी ने अवैध खनन का मास्टरमाइंड माना है. ईडी ने इस मामले में पंकज मिश्रा और उनके कारोबारी साझेदारों की 11.88 करोड़ बैंक में जमा राशि, छापेमारी के दौरान जब्त 5.34 करोड़ नकदी राशि भी जब्त की है. वहीं पांच क्रशर प्लांट को सील किया गया है.
कब कब पंकज मिश्रा के खिलाफ कार्रवाईः
- 8 जुलाई को पंकज मिश्रा समेत 14 लोगों के 19 ठिकानों पर छापा. ईडी को 5.34 करोड़ कैश, पांच जिंदा गोलियां मिलीं. निवेश संबंधी दस्तावेज भी मिले
- 12 जुलाई को पंकज मिश्रा को समन देकर हाजिर होने का निर्देश. इसी दिन साहिबगंज में वह सूर्या अस्पताल में बीमारी की बात कह एडमिट हुए. हालांकि सहयोगी बच्चू यादव और कारोबारी संजय दीवान ईडी कार्यालय आए.
- 15 जुलाई को दूसरी नोटिस पर भी पंकज मिश्रा हाजिर नहीं हुए, उनके राइट हैंड माने जाने वाले दाहू यादव, बच्चू यादव से ईडी ने पूछताछ की.
- 19 जुलाई को पंकज मिश्रा ईडी के सामने उपस्थित हुए और देर शाम उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया