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नक्सलियों की हिटलिस्ट में चाईबासा SP और छतरपुर DSP, खुफिया एजेंसियों ने किया अलर्ट

झारखंड में भाकपा माओवादियों ने चाईबासा के एसपी इंद्रजीत महथा और पलामू के छतरपुर डीएसपी शंभू कुमार सिंह को अपने निशाने पर रखा है. बता दें कि इसे लेकर खुफिया एजेंसियों ने अलर्ट किया है.

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सर्च ऑपरेशन के दौरान जवान
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Published : Jul 25, 2020, 9:30 PM IST

रांची: झारखंड में नक्सलियों के खिलाफ कड़े तेवर दिखाने वाले दो पुलिस अफसर नक्सलियों के निशाने पर हैं. झारखंड में भाकपा माओवादियों ने चाईबासा के एसपी इंद्रजीत महथा और पलामू के छतरपुर डीएसपी शंभू कुमार सिंह को अपने निशाने पर रखा है.

खुफिया विभाग को मिली जानकारी
राज्य पुलिस और खुफिया एजेंसियों को इस संबंध में जानकारी भी मिली है. पलामू में एसपी रहते हुए भी इंद्रजीत महथा ने भाकपा माओवादियों के खिलाफ जबरदस्त अभियान चलाया था. चाईबासा में पोस्टिंग के बाद भी लगातार एंटी नक्सल ऑपरेशन को लेकर भी एसपी इंद्रजीत महथा माओवादियों के निशाने पर हैं. हाल के दिनों में चाईबासा जिला में भाकपा माओवादियों ने लगातार धमाके और आगजनी कर वारदातों को भी अंजाम दिया था. इस संबंध में जानकारी मिलने के बाद दोनों अधिकारियों को अलर्ट किया गया है.

ये भी पढ़ें- तीन पत्थलगड़ी समर्थक को गुजरात एटीएस ने किया गिरफ्तार

तीन महिला माओवादियों के एनकाउंटर का बदला लेने के फिराक में माओवादी
4 अप्रैल को चाईबासा के पोड़ैयाहाट जंगल में भाकपा माओवादियों और पुलिस बलों के बीच मुठभेड़ हुई थी. मुठभेड़ में माओवादी महिला कैडर शांति, प्रियंका और सुजाता मारी गई थी. मुठभेड़ के बाद माओवादी इस एनकाउंटर का बदला लेने की फिराक में हैं. भाकपा माओवादियों ने जून महीने में झींगामार्चा चौक, उड़निया स्कूल समेत कई जगहों पर दक्षिणी जोनल कमेटी के नाम से हिंदी और हो भाषा में पोस्टर लगाया था. पोस्टर के जरिए पुलिस अफसरों को चिन्हित कर सजा-ए-मौत देने की बात माओवादियों ने कही थी. ऐसे में चाईबासा एसपी की जान को माओवादियों से खतरा बताया जा रहा.

क्यों निशाने पर पलामू के डीएसपी
पलामू के छतरपुर डीएसपी शंभू कुमार सिंह भी माओवादियों की हिटलिस्ट में हैं. बीते विधानसभा चुनाव से लेकर हाल तक पलामू के इलाके में गतिविधियां बढ़ी थी. पलामू के डीएसपी ने औरंगाबाद तक कई दफे माओवादियों का पीछा किया था. इसे लेकर माओवादियों ने हिटलिस्ट पर रखा था. डीएसपी के खिलाफ कार्रवाई को लेकर औरंगाबाद के चकरबंधा में माओवादियों ने रणनीति बनाई थी. औरंगाबाद के चकरबंधा से ही पलामू, गढ़वा के इलाके में नक्सल गतिविधियां संचालित हो रही हैं.

ये भी पढ़ें- कारगिल विजय दिवस विशेष: गुमला के शहीद बिरसा उरांव की जिद ने जीती जंग

चिप से खुले हैं कई राज
भाकपा माओवादी कैडर के खिलाफ अभियान में पुलिस को एक चिप मिला था. इस चिप के जरिए पुलिस को माओवादियों की गतिविधियों के संबंध में कई जानकारी मिली है. बताया जा रहा है कि चिप में माओवादियों के संबंध में कई गोपनीय जानकारी भी मिले हैं.

रांची: झारखंड में नक्सलियों के खिलाफ कड़े तेवर दिखाने वाले दो पुलिस अफसर नक्सलियों के निशाने पर हैं. झारखंड में भाकपा माओवादियों ने चाईबासा के एसपी इंद्रजीत महथा और पलामू के छतरपुर डीएसपी शंभू कुमार सिंह को अपने निशाने पर रखा है.

खुफिया विभाग को मिली जानकारी
राज्य पुलिस और खुफिया एजेंसियों को इस संबंध में जानकारी भी मिली है. पलामू में एसपी रहते हुए भी इंद्रजीत महथा ने भाकपा माओवादियों के खिलाफ जबरदस्त अभियान चलाया था. चाईबासा में पोस्टिंग के बाद भी लगातार एंटी नक्सल ऑपरेशन को लेकर भी एसपी इंद्रजीत महथा माओवादियों के निशाने पर हैं. हाल के दिनों में चाईबासा जिला में भाकपा माओवादियों ने लगातार धमाके और आगजनी कर वारदातों को भी अंजाम दिया था. इस संबंध में जानकारी मिलने के बाद दोनों अधिकारियों को अलर्ट किया गया है.

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तीन महिला माओवादियों के एनकाउंटर का बदला लेने के फिराक में माओवादी
4 अप्रैल को चाईबासा के पोड़ैयाहाट जंगल में भाकपा माओवादियों और पुलिस बलों के बीच मुठभेड़ हुई थी. मुठभेड़ में माओवादी महिला कैडर शांति, प्रियंका और सुजाता मारी गई थी. मुठभेड़ के बाद माओवादी इस एनकाउंटर का बदला लेने की फिराक में हैं. भाकपा माओवादियों ने जून महीने में झींगामार्चा चौक, उड़निया स्कूल समेत कई जगहों पर दक्षिणी जोनल कमेटी के नाम से हिंदी और हो भाषा में पोस्टर लगाया था. पोस्टर के जरिए पुलिस अफसरों को चिन्हित कर सजा-ए-मौत देने की बात माओवादियों ने कही थी. ऐसे में चाईबासा एसपी की जान को माओवादियों से खतरा बताया जा रहा.

क्यों निशाने पर पलामू के डीएसपी
पलामू के छतरपुर डीएसपी शंभू कुमार सिंह भी माओवादियों की हिटलिस्ट में हैं. बीते विधानसभा चुनाव से लेकर हाल तक पलामू के इलाके में गतिविधियां बढ़ी थी. पलामू के डीएसपी ने औरंगाबाद तक कई दफे माओवादियों का पीछा किया था. इसे लेकर माओवादियों ने हिटलिस्ट पर रखा था. डीएसपी के खिलाफ कार्रवाई को लेकर औरंगाबाद के चकरबंधा में माओवादियों ने रणनीति बनाई थी. औरंगाबाद के चकरबंधा से ही पलामू, गढ़वा के इलाके में नक्सल गतिविधियां संचालित हो रही हैं.

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चिप से खुले हैं कई राज
भाकपा माओवादी कैडर के खिलाफ अभियान में पुलिस को एक चिप मिला था. इस चिप के जरिए पुलिस को माओवादियों की गतिविधियों के संबंध में कई जानकारी मिली है. बताया जा रहा है कि चिप में माओवादियों के संबंध में कई गोपनीय जानकारी भी मिले हैं.

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