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RMC क्षेत्र से कचरा उठाने वाली कंपनी CDC की पकड़ी गई चालाकी, निगम ने दी ब्लैक लिस्ट करने की चेतावनी - RFID

रांची नगर निगम क्षेत्र से कचरे उठाने वाली जयपुर की कंपनी CDC एग्रीमेंट का उल्लंघन करते मिली है. इस पर निगम ने कंपनी को एग्रीमेंट का पालन न करने पर ब्लैक लिस्ट(jaipurs company to be blacklist on violation of agreement) करने की चेतावनी दी है.

CDC put barcodes on houses Instead of RFID in RMC area,  company to be blacklist on violation of agreement
RMC क्षेत्र से कचरा उठाने वाली कंपनी CDC ने कुछ घरों में ही एनएफसी चिप लगाए
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Published : Aug 25, 2021, 1:07 PM IST

Updated : Aug 25, 2021, 2:05 PM IST

रांची: रांची नगर निगम (RMC) क्षेत्र से कचरे का उठाव करने वाली जयपुर की कंपनी CDC की चालाकी आखिरकार पकड़ ली गई. अब कंपनी की काली करतूत के चलते उस पर कार्रवाई की तलवार लटकने लगी है. नगर निगम ने उसे एग्रीमेंट के अनुसार ही कार्य करने की हिदायत दी है और CDC द्वारा घरों के बाहर रेडियो फ्रिक्वेंसी आईडेंटिफिकेशन या नियरफिल्ड कम्युनिकेशन चिप की जगह QR code (क्यू आर कोड) लगाए जाने पर नाराजगी जाहिर की है.

साथ ही क्यू आर कोड हटाकर एग्रीमेंट के अनुसार घरों के बाहर रेडियो फ्रीक्वेंसी आईडेंटिफिकेशन या नियरफिल्ड कम्युनिकेशन चिप लगाने के निर्देश दिए हैं. वहीं निगम ने ऐसा न करने पर कंपनी को ब्लैक लिस्ट करने की भी चेतावनी दी है.

देखें पूरी खबर

ये भी पढ़ें-रेलवे सभी यात्री कोचों और मालगाड़ी के डिब्बों पर लगाएगी आरएफआईडी टैग

चिप से घरों से कचरा उठाए जाने की होगी निगरानी

दरअसल, रांची नगर निगम ने शहर में कचरे के प्राइमरी कलेक्शन के लिए जयपुर की कंपनी सीडीसी से एग्रीमेंट किया है. एग्रीमेंट के अनुसार घरों से निकलने वाले कचरे का उठाव सही तरीके से हो, इसकी निगरानी के लिए घर के बाहर कंपनी को रेडियो फ्रीक्वेंसी आईडेंटिफिकेशन डिवाइस (RFID)या नियरफिल्ड कम्युनिकेशन चिप लगाना था.

लेकिन कंपनी ने इसकी जगह घरों के बाहर क्यूआर कोड लगा दिया गया, निगम ने इसे गलत करार दिया है. इस संबंध में रांची नगर निगम के उप नगर आयुक्त रजनीश कुमार ने बताया कि अगर कंपनी एग्रीमेंट के अनुसार कार्य नहीं करती है तो उसे ब्लैक लिस्ट कर दिया जाएगा.

एग्रीमेंट का उल्लंघन

रांची नगर निगम के उप नगर आयुक्त रजनीश कुमार ने बताया कि एग्रीमेंट के अनुसार आरएफआईडी और एनएफसी चिप प्रत्येक घर में इंस्टॉल करना है, ताकि यह पता चल सके कि कितने घरों से कचरे का उठाव हुआ. लेकिन पता चला है कि चिप की जगह कई घरों में कंपनी क्यूआर कोड लगा रही है, जो एग्रीमेंट का उल्लंघन है.

CDC put barcodes on houses Instead of RFID in RMC area,  company to be blacklist on violation of agreement
RMC क्षेत्र से कचरा उठाने वाली कंपनी CDC की पकड़ी गई चालाकी

उन्होंने बताया कि इसको लेकर कंपनी को लेटर लिखा गया है, ताकि वह उसे हटा ले, नहीं तो नियम संगत कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने बताया कि कंपनी को ब्लैक लिस्टेड भी किया जा सकता है.

रांची के 2.25 घरों में से 20 हजार में ही लगवाए आरएफआईडी और एनएफसी चिप

बता दें कि राजधानी रांची में लगभग 2.25 लाख घर हैं, जिसमें सिर्फ 20 हजार घरों में कंपनी ने आरएफआईडी और एनएफसी चिप लगवाया है. जबकि अन्य घरों में क्यूआर कोड लगा रही है. रांची नगर निगम को बिना जानकारी दिए हुए क्यू आर कोड लगाने को निगम ने मामले को गंभीरता से लिया है.

CDC put barcodes on houses Instead of RFID in RMC area,  company to be blacklist on violation of agreement
RMC क्षेत्र से कचरा उठाने वाली कंपनी CDC की पकड़ी गई चालाकी

दरअसल क्यूआर कोड से बिना कचरा उठाए भी कंपनी कर्मचारी कचरे का उठाव दिखा सकते हैं. इससे लोगों को सुविधा नहीं मिलेगी और कंपनी बिना कचरा उठाए ही नगर निगम से कचरा उठाने की रकम वसूल लेगी.

ये भी पढ़ें-ट्रेनों में जीपीएस से सुधरेगा परिचालन, 2022 तक सभी बोगियों में आरएफआईडी

RFID कैसे करता है काम

रेडियो फ्रीक्वेंसी (Radio frequency) की पहचान या आरएफआईडी टैग विभिन्न वस्तुओं को ट्रैक करने और पहचानने के लिए विद्युत चुम्बकीय क्षेत्रों का इस्तेमाल करता है. RFID टैग में एक छोटा रेडियो ट्रांसपोंडर, एक ट्रांसमीटर और एक रेडियो रिसीवर होता है. RFID रीडर (जो घरों पर इंस्टॉल रहेगी) RFID टैग से भेजी गई सूचना (जो वाहनों पर रहती है) को डीकोड करता है. यह बारकोड से तेज है. इससे कचरा उठाने वाले वाहनों की निगरानी हो सकेगी.

CDC put barcodes on houses Instead of RFID in RMC area,  company to be blacklist on violation of agreement
RMC क्षेत्र से कचरा उठाने वाली कंपनी CDC ने आरएफआईडी की जगह घरों पर यह बारकोड लगा दिया

फास्टैग में भी इसी प्रणाली का प्रयोग

टोल प्लाजा पर शुल्क वसूलने के लिए लगाए जा रहे फास्टैग में भी इसी प्रणाली का इस्तेमाल किया जा रहा है. इससे टोल देने के लिए वाहनों को प्लाजा पर रूकना नहीं पड़ता और जाम की समस्या से निजात मिल जाती है.

रांची: रांची नगर निगम (RMC) क्षेत्र से कचरे का उठाव करने वाली जयपुर की कंपनी CDC की चालाकी आखिरकार पकड़ ली गई. अब कंपनी की काली करतूत के चलते उस पर कार्रवाई की तलवार लटकने लगी है. नगर निगम ने उसे एग्रीमेंट के अनुसार ही कार्य करने की हिदायत दी है और CDC द्वारा घरों के बाहर रेडियो फ्रिक्वेंसी आईडेंटिफिकेशन या नियरफिल्ड कम्युनिकेशन चिप की जगह QR code (क्यू आर कोड) लगाए जाने पर नाराजगी जाहिर की है.

साथ ही क्यू आर कोड हटाकर एग्रीमेंट के अनुसार घरों के बाहर रेडियो फ्रीक्वेंसी आईडेंटिफिकेशन या नियरफिल्ड कम्युनिकेशन चिप लगाने के निर्देश दिए हैं. वहीं निगम ने ऐसा न करने पर कंपनी को ब्लैक लिस्ट करने की भी चेतावनी दी है.

देखें पूरी खबर

ये भी पढ़ें-रेलवे सभी यात्री कोचों और मालगाड़ी के डिब्बों पर लगाएगी आरएफआईडी टैग

चिप से घरों से कचरा उठाए जाने की होगी निगरानी

दरअसल, रांची नगर निगम ने शहर में कचरे के प्राइमरी कलेक्शन के लिए जयपुर की कंपनी सीडीसी से एग्रीमेंट किया है. एग्रीमेंट के अनुसार घरों से निकलने वाले कचरे का उठाव सही तरीके से हो, इसकी निगरानी के लिए घर के बाहर कंपनी को रेडियो फ्रीक्वेंसी आईडेंटिफिकेशन डिवाइस (RFID)या नियरफिल्ड कम्युनिकेशन चिप लगाना था.

लेकिन कंपनी ने इसकी जगह घरों के बाहर क्यूआर कोड लगा दिया गया, निगम ने इसे गलत करार दिया है. इस संबंध में रांची नगर निगम के उप नगर आयुक्त रजनीश कुमार ने बताया कि अगर कंपनी एग्रीमेंट के अनुसार कार्य नहीं करती है तो उसे ब्लैक लिस्ट कर दिया जाएगा.

एग्रीमेंट का उल्लंघन

रांची नगर निगम के उप नगर आयुक्त रजनीश कुमार ने बताया कि एग्रीमेंट के अनुसार आरएफआईडी और एनएफसी चिप प्रत्येक घर में इंस्टॉल करना है, ताकि यह पता चल सके कि कितने घरों से कचरे का उठाव हुआ. लेकिन पता चला है कि चिप की जगह कई घरों में कंपनी क्यूआर कोड लगा रही है, जो एग्रीमेंट का उल्लंघन है.

CDC put barcodes on houses Instead of RFID in RMC area,  company to be blacklist on violation of agreement
RMC क्षेत्र से कचरा उठाने वाली कंपनी CDC की पकड़ी गई चालाकी

उन्होंने बताया कि इसको लेकर कंपनी को लेटर लिखा गया है, ताकि वह उसे हटा ले, नहीं तो नियम संगत कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने बताया कि कंपनी को ब्लैक लिस्टेड भी किया जा सकता है.

रांची के 2.25 घरों में से 20 हजार में ही लगवाए आरएफआईडी और एनएफसी चिप

बता दें कि राजधानी रांची में लगभग 2.25 लाख घर हैं, जिसमें सिर्फ 20 हजार घरों में कंपनी ने आरएफआईडी और एनएफसी चिप लगवाया है. जबकि अन्य घरों में क्यूआर कोड लगा रही है. रांची नगर निगम को बिना जानकारी दिए हुए क्यू आर कोड लगाने को निगम ने मामले को गंभीरता से लिया है.

CDC put barcodes on houses Instead of RFID in RMC area,  company to be blacklist on violation of agreement
RMC क्षेत्र से कचरा उठाने वाली कंपनी CDC की पकड़ी गई चालाकी

दरअसल क्यूआर कोड से बिना कचरा उठाए भी कंपनी कर्मचारी कचरे का उठाव दिखा सकते हैं. इससे लोगों को सुविधा नहीं मिलेगी और कंपनी बिना कचरा उठाए ही नगर निगम से कचरा उठाने की रकम वसूल लेगी.

ये भी पढ़ें-ट्रेनों में जीपीएस से सुधरेगा परिचालन, 2022 तक सभी बोगियों में आरएफआईडी

RFID कैसे करता है काम

रेडियो फ्रीक्वेंसी (Radio frequency) की पहचान या आरएफआईडी टैग विभिन्न वस्तुओं को ट्रैक करने और पहचानने के लिए विद्युत चुम्बकीय क्षेत्रों का इस्तेमाल करता है. RFID टैग में एक छोटा रेडियो ट्रांसपोंडर, एक ट्रांसमीटर और एक रेडियो रिसीवर होता है. RFID रीडर (जो घरों पर इंस्टॉल रहेगी) RFID टैग से भेजी गई सूचना (जो वाहनों पर रहती है) को डीकोड करता है. यह बारकोड से तेज है. इससे कचरा उठाने वाले वाहनों की निगरानी हो सकेगी.

CDC put barcodes on houses Instead of RFID in RMC area,  company to be blacklist on violation of agreement
RMC क्षेत्र से कचरा उठाने वाली कंपनी CDC ने आरएफआईडी की जगह घरों पर यह बारकोड लगा दिया

फास्टैग में भी इसी प्रणाली का प्रयोग

टोल प्लाजा पर शुल्क वसूलने के लिए लगाए जा रहे फास्टैग में भी इसी प्रणाली का इस्तेमाल किया जा रहा है. इससे टोल देने के लिए वाहनों को प्लाजा पर रूकना नहीं पड़ता और जाम की समस्या से निजात मिल जाती है.

Last Updated : Aug 25, 2021, 2:05 PM IST
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