रांची: रांची नगर निगम (RMC) क्षेत्र से कचरे का उठाव करने वाली जयपुर की कंपनी CDC की चालाकी आखिरकार पकड़ ली गई. अब कंपनी की काली करतूत के चलते उस पर कार्रवाई की तलवार लटकने लगी है. नगर निगम ने उसे एग्रीमेंट के अनुसार ही कार्य करने की हिदायत दी है और CDC द्वारा घरों के बाहर रेडियो फ्रिक्वेंसी आईडेंटिफिकेशन या नियरफिल्ड कम्युनिकेशन चिप की जगह QR code (क्यू आर कोड) लगाए जाने पर नाराजगी जाहिर की है.
साथ ही क्यू आर कोड हटाकर एग्रीमेंट के अनुसार घरों के बाहर रेडियो फ्रीक्वेंसी आईडेंटिफिकेशन या नियरफिल्ड कम्युनिकेशन चिप लगाने के निर्देश दिए हैं. वहीं निगम ने ऐसा न करने पर कंपनी को ब्लैक लिस्ट करने की भी चेतावनी दी है.
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चिप से घरों से कचरा उठाए जाने की होगी निगरानी
दरअसल, रांची नगर निगम ने शहर में कचरे के प्राइमरी कलेक्शन के लिए जयपुर की कंपनी सीडीसी से एग्रीमेंट किया है. एग्रीमेंट के अनुसार घरों से निकलने वाले कचरे का उठाव सही तरीके से हो, इसकी निगरानी के लिए घर के बाहर कंपनी को रेडियो फ्रीक्वेंसी आईडेंटिफिकेशन डिवाइस (RFID)या नियरफिल्ड कम्युनिकेशन चिप लगाना था.
लेकिन कंपनी ने इसकी जगह घरों के बाहर क्यूआर कोड लगा दिया गया, निगम ने इसे गलत करार दिया है. इस संबंध में रांची नगर निगम के उप नगर आयुक्त रजनीश कुमार ने बताया कि अगर कंपनी एग्रीमेंट के अनुसार कार्य नहीं करती है तो उसे ब्लैक लिस्ट कर दिया जाएगा.
एग्रीमेंट का उल्लंघन
रांची नगर निगम के उप नगर आयुक्त रजनीश कुमार ने बताया कि एग्रीमेंट के अनुसार आरएफआईडी और एनएफसी चिप प्रत्येक घर में इंस्टॉल करना है, ताकि यह पता चल सके कि कितने घरों से कचरे का उठाव हुआ. लेकिन पता चला है कि चिप की जगह कई घरों में कंपनी क्यूआर कोड लगा रही है, जो एग्रीमेंट का उल्लंघन है.
उन्होंने बताया कि इसको लेकर कंपनी को लेटर लिखा गया है, ताकि वह उसे हटा ले, नहीं तो नियम संगत कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने बताया कि कंपनी को ब्लैक लिस्टेड भी किया जा सकता है.
रांची के 2.25 घरों में से 20 हजार में ही लगवाए आरएफआईडी और एनएफसी चिप
बता दें कि राजधानी रांची में लगभग 2.25 लाख घर हैं, जिसमें सिर्फ 20 हजार घरों में कंपनी ने आरएफआईडी और एनएफसी चिप लगवाया है. जबकि अन्य घरों में क्यूआर कोड लगा रही है. रांची नगर निगम को बिना जानकारी दिए हुए क्यू आर कोड लगाने को निगम ने मामले को गंभीरता से लिया है.
दरअसल क्यूआर कोड से बिना कचरा उठाए भी कंपनी कर्मचारी कचरे का उठाव दिखा सकते हैं. इससे लोगों को सुविधा नहीं मिलेगी और कंपनी बिना कचरा उठाए ही नगर निगम से कचरा उठाने की रकम वसूल लेगी.
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RFID कैसे करता है काम
रेडियो फ्रीक्वेंसी (Radio frequency) की पहचान या आरएफआईडी टैग विभिन्न वस्तुओं को ट्रैक करने और पहचानने के लिए विद्युत चुम्बकीय क्षेत्रों का इस्तेमाल करता है. RFID टैग में एक छोटा रेडियो ट्रांसपोंडर, एक ट्रांसमीटर और एक रेडियो रिसीवर होता है. RFID रीडर (जो घरों पर इंस्टॉल रहेगी) RFID टैग से भेजी गई सूचना (जो वाहनों पर रहती है) को डीकोड करता है. यह बारकोड से तेज है. इससे कचरा उठाने वाले वाहनों की निगरानी हो सकेगी.
फास्टैग में भी इसी प्रणाली का प्रयोग
टोल प्लाजा पर शुल्क वसूलने के लिए लगाए जा रहे फास्टैग में भी इसी प्रणाली का इस्तेमाल किया जा रहा है. इससे टोल देने के लिए वाहनों को प्लाजा पर रूकना नहीं पड़ता और जाम की समस्या से निजात मिल जाती है.