रांची: जिला में अब रैश ड्राइविंग, सिग्नल तोड़ने और ओवर स्पीड गाड़ी चलाने वालों की खैर नहीं. ऐसी हर गतिविधि पर अब कैमरे से नजर रखी जाएगी. शहर के सभी चौक चौराहों के साथ-साथ रिंग रोड पर हर जगह अत्याधुनिक कैमरे लगा दिए गए हैं. दुर्घटना होने पर फौरन आपातकालीन सुविधा मिलेगी. यही नहीं अपराधियों को भी ट्रेस करने में पुलिस को मदद मिलेगी. पुलिस वालों को चालान काटने के लिए गाड़ियों के पीछे नहीं दौड़ना पड़ेगा. राजधानी की ट्रैफिक व्यवस्था की मॉनिटरिंग कमांड, कंट्रोल एंड कम्यूनिकेशन सेंटर से होगी.
कमांड सेंटर से शहर की ट्रैफिक होगी नियंत्रित
स्मार्ट सिटी परिसर में बने इस कमांड सेंटर में शहर से जुड़ी हर सूचना तकनीक के माध्यम से पहुंचेगी और संबंधित विभाग की ओर से उसपर त्वरित कार्रवाई होगी. यहां 24 घंटे कॉल सेंटर काम करेगा. जहां से लोगों को सुरक्षा, स्वास्थ्य संबंधी सुविधा, अग्निशमन से जुड़ी सुविधा, रांची नगर निगम और स्मार्ट सिटी से जुड़ी समस्याओं का समाधान होगा. विभिन्न विभागों के प्रतिनिधि कमांड सेंटर में प्रतिनियुक्त होंगे. इसी कमांड सेंटर के माध्यम से राजधानी में 700 से ज्यादा सर्विलांस कैमरे हर संदिग्ध पर नजर रखेंगे और पूरी शहर की ट्रैफिक यहीं से नियंत्रित होगी.
ट्रैफिक सिस्टम होगी दुरुस्त
किसी भी शहर का आईना होता है वहां का ट्रैफिक सिस्टम. रांची की ट्रैफिक को संभालने के लिए 40 ट्रैफिक जंक्शन पर नए ट्रैफिक सिग्नल्स लगाए गए हैं. इन जंक्शन पर एटीसीएस, एनपीआर कैमरे, आरएलभीडी और एसभीडी सिस्टम लगाया गया है.
एटीसीएस करेगा ट्रैफिक कंट्रोल
सभी 40 जंक्शन पर एडॉप्टिव ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम लगाया गया है. यह एक ऐसी तकनीक है, जिससे ट्रैफिक सिग्नल ऑटोमेटिक भीड़ के हिसाब से सिग्नल के विभिन्न रंगों के लिए समय निर्धारित कर ट्रैफिक का संचालन कराता है. इससे बेवजह लोगों को सिग्नल पर तीन तीन मिनट तक नहीं रूकना पड़ेगा. जिस रूट में ट्रैफ्क डेन्सिटी ज्यादा होगी, उधर के मार्ग को ज्यादा समय दिया जाएगा और जिधर कम होगा उस रूट को कम समय मिलेगा. इसके लिए पूरे शहर में 40 जंक्शन पर एटीसीएस लगाए गए हैं.
एनपीआर के फायदे
एनपीआर एक प्रकार का विशेष कैमरा है. जिससे गाड़ियों का नंबर प्लेट रीड किया जा सके. शहर के सभी इलाके में इसे अधिस्ठापित किया गया है. इससे क्राइम या एक्सिडेंट कर भाग रहे चालक की गाड़ी को डिटेक्ट किया जा सकेगा. शहर के 50 लोकेशन पर एनपीआर कैमरे लगाए गए हैं.
आरएलभीडी क्या है और कैसे मिलेगी मदद
चौक चौराहों पर सिग्नल ब्रेक करने वाले वाहन चालकों को पकड़ने के लिए आरएलभीडी कैमरे लगाए गए हैं, जो रेड लाइट वायलेशन डिटेक्टर के रूप में काम करेंगे. शहर भर के 50 लोकेशन पर आरएलभीडी कैमरे लगाए गए हैं.
क्या है एसभीडी का काम
रैश ड्राइविंग पर रोक लगाने के लिए एसभीडी कैमरे लगाए गए हैं, जो स्पीड वायलेशन डिटेक्टर के रूप में काम करेंगे. हाई स्पीड वाली गाड़ियों की पहचान करने का काम करेंगे. शहर के दस लोकेशन पर एसभीडी कैमरे लगाए गए हैं.
सीसीटीवी सर्विलांस
शहर में क्राइम कंट्रोल के लिहाज से जगह जगह पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, जो कैमरे काफी दूर से भी किसी भी संदिग्ध की पहचान कर सकते हैं. इसके लिए मुख्य रूप से पीटीजेड, 360 डिग्री कैमरे और फिक्स बॉक्स कैमरों का इस्तेमाल किया गया है. सर्विलांस के लिए कुल 64 लोकेशन पर कैमरों का अधिष्ठापन किया किया गया है.
त्वरित मदद के लिए इसीबी
शहर के चौक चौराहों पर अगर आपको किसी भी आपात स्थिति में पुलिस, स्वास्थ्य सेवा, अग्निशमन या अन्य सेवा की जरूरत है. सरकारी मशीनरी से मदद लेनी है तो चौराहों पर लगे पीले रंग के बॉक्स का बटन दबाएं. कंट्रोल रूम से प्रतिनिधि आपसे बात करेंगे और जो जरूरत चाहिए वो उपलब्ध करानें के लिए संबंधित विभाग को सूचित करेंगे. इसके लिए 50 जंक्शन पर इमरजेंसी कॉल बॉक्स लगाया गया है.
वैरिएबल मैसेज साईन बोर्ड
पूरे शहर को एक बार में कोई सूचना देना हो या सरकार की योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने के लए 50 चौराहों पर वैरिएबल मैसेज साइन बोर्ड लगाए गए हैं. यह एक एचडी एलईडी है. जिसपर मुख्य जानकारी डिस्पले किया जा सकता है. इसका रिजोल्यूशन ऑटोमेटिक दिन और रात के हिसाब से एडजस्ट होते रहता है.
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क्या है पीए सिस्टम
किसी भी योजना के प्रचार प्रसार जो सीधे आम लोगों से जुड़ा हो या आपदा, महामारी, कर्फ्यू के समय में और ट्रैफिक नियमों के पालन को लेकर सूचनाएं ऑडियो के माध्यम से प्रसारित करने के लिए 50 चौक चौराहों पर पब्लिक एड्रेस सिस्टम लगाया गया है.
कब होगा उद्घाटन
स्मार्ट सिटी कॉरपोरेशन से जुड़े सूत्रों के मुताबिक 15 नवंबर को राज्य के स्थापना दिवस के दिन यह व्यवस्था काम करने लगेगी. इसका उद्घाटन झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन करेंगे.