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JPSC व्याख्याता नियुक्ति घोटाला: सीबीआई ने दायर की चार्जशीट, जांच में कॉपियों में छेड़छाड़ की हुई थी पुष्टि

जेपीएससी व्याख्याता नियुक्ति घोटाला मामले में सीबीआइ ने कुल 69 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल किया है. सीबीआइ से पहले मामले की निगरानी जांच हुई थी, इस जांच में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी पुष्टि पहले ही हो चुकी थी.

जेपीएससी भवन
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Published : Sep 30, 2019, 11:09 PM IST

रांची: झारखंड के चर्चित मेघा घोटाला मामले में सीबीआई ने चार्जशीट दाखिल कर दिया है. मेघा घोटाले में सीबीआइ ने कुल 69 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल किया है. इसमें जेपीएससी के अध्यक्ष, 59 लेक्चरर, तीन सदस्य, परीक्षा नियंत्रक और पांच परीक्षकों के नाम शामिल हैं. यह मामला झारखंड के प्रथम जेपीएससी परीक्षा में धांधली से जुड़ा है. सीबीआई इस मामले में पिछले 6 साल से जांच कर रही थी.

पूर्व अध्य्क्ष पर भी चार्जशीट
सीबीआइ ने सोमवार को जिन लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल किया है. उनमें जेपीएससी के तत्कालीन अध्यक्ष दिलीप प्रसाद, सदस्य गोपाल सिंह, राधा गोविंद प्रसाद, शांति देवी और परीक्षा नियंत्रक एलिस उषा रानी शामिल हैं.

ये भी पढ़ें- विधानसभा चुनाव 2019: JMM का दावा जल्द बैठेंगे महागठबंधन के घटक दल, कांग्रेस ने कहा-एकजुट हैं हम

2008 में हुई थी नियुक्ति
जेपीएससी के माध्यम से 2008 में व्याख्याता नियुक्ति में घोटाला हुआ था. तब जेपीएससी ने 745 व्याख्याता की बहाली के लिए जेटेट परीक्षा का आयोजन किया था. इस परीक्षा में बड़े स्तर पर धांधली की शिकायत सामने आने के बाद इस परीक्षा की जांच सीबीआइ से कराने की अनुशंसा की गई थी. अब खुलासा भी हो गया है कि गलत तरीके से नंबर बढ़वाकर कई आवेदकों ने नौकरी ली है. ऐसे व्याख्याता कॉलेज-विश्वविद्यालयों में योगदान दे चुके हैं और वेतन का लाभ भी उठा रहे हैं. अब इन पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है.

निगरानी जांच में सामने आई थी गड़बड़ी
सीबीआइ से पहले मामले की निगरानी जांच हुई थी, इस जांच में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी पुष्टि पहले ही हो चुकी थी. जांच में यह बात सामने आई थी कि जैक के कई प्रमाण पत्र और संबंधित कागजात ही गायब थे.

रांची: झारखंड के चर्चित मेघा घोटाला मामले में सीबीआई ने चार्जशीट दाखिल कर दिया है. मेघा घोटाले में सीबीआइ ने कुल 69 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल किया है. इसमें जेपीएससी के अध्यक्ष, 59 लेक्चरर, तीन सदस्य, परीक्षा नियंत्रक और पांच परीक्षकों के नाम शामिल हैं. यह मामला झारखंड के प्रथम जेपीएससी परीक्षा में धांधली से जुड़ा है. सीबीआई इस मामले में पिछले 6 साल से जांच कर रही थी.

पूर्व अध्य्क्ष पर भी चार्जशीट
सीबीआइ ने सोमवार को जिन लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल किया है. उनमें जेपीएससी के तत्कालीन अध्यक्ष दिलीप प्रसाद, सदस्य गोपाल सिंह, राधा गोविंद प्रसाद, शांति देवी और परीक्षा नियंत्रक एलिस उषा रानी शामिल हैं.

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2008 में हुई थी नियुक्ति
जेपीएससी के माध्यम से 2008 में व्याख्याता नियुक्ति में घोटाला हुआ था. तब जेपीएससी ने 745 व्याख्याता की बहाली के लिए जेटेट परीक्षा का आयोजन किया था. इस परीक्षा में बड़े स्तर पर धांधली की शिकायत सामने आने के बाद इस परीक्षा की जांच सीबीआइ से कराने की अनुशंसा की गई थी. अब खुलासा भी हो गया है कि गलत तरीके से नंबर बढ़वाकर कई आवेदकों ने नौकरी ली है. ऐसे व्याख्याता कॉलेज-विश्वविद्यालयों में योगदान दे चुके हैं और वेतन का लाभ भी उठा रहे हैं. अब इन पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है.

निगरानी जांच में सामने आई थी गड़बड़ी
सीबीआइ से पहले मामले की निगरानी जांच हुई थी, इस जांच में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी पुष्टि पहले ही हो चुकी थी. जांच में यह बात सामने आई थी कि जैक के कई प्रमाण पत्र और संबंधित कागजात ही गायब थे.

Intro:JPSC व्याख्याता नियुक्ति घोटाला- सीबीआई ने दायर की चार्जशीट ,जांच में कॉपियों में छेड़छाड़ कर नंबर बढ़ाए जाने की हुई थी पुष्टि


झारखंड के चर्चित मेघा घोटाला मामले में सीबीआई ने चार्जशीट दाखिल कर दिया है। मेघा घोटाले में सीबीआइ ने कुल 69 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल किया है। इसमें जेपीएससी के अध्यक्ष , 59 लेक्चरर, तीन सदस्य, परीक्षा नियंत्रक और पांच परीक्षकों के नाम शामिल हैं। यह मामला झारखंड के प्रथम जेपीएससी परीक्षा में धांधली को लेकर है ।सीबीआई इस मामले में पिछले 6 साल से जांच कर रही थी।

पूर्व अध्य्क्ष पर भी चार्जशीट

सीबीआइ ने सोमवार को जिन लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल किया है, उनमें जेपीएससी के तत्कालीन अध्यक्ष दिलीप प्रसाद, सदस्य गोपाल सिंह, राधा गोविंद प्रसाद, शांति देवी व परीक्षा नियंत्रक एलिस उषा रानी शामिल हैं।

2008 में हुई थी नियुक्ति

जेपीएससी के माध्यम से 2008 में व्याख्याता नियुक्ति में घोटाला हुआ था। तब जेपीएससी ने 745 व्याख्याता की बहाली के लिए जेट परीक्षा का आयोजन किया था। इस परीक्षा में बड़े स्तर पर धांधली की शिकायत सामने आने के बाद इस परीक्षा की जांच सीबीआइ से कराने की अनुशंसा की गई थी। अब खुलासा भी हो गया है कि गलत तरीके से नंबर बढ़वाकर कई आवेदकों ने नौकरी ली है। ऐसे व्याख्याता कॉलेज-विश्वविद्यालयों में योगदान दे चुके हैं और वेतन का लाभ भी उठा रहे हैं। अब इनपर कार्रवाई की तलवार लटक रही है।

निगरानी जांच में सामने आई थी गड़बड़ी

सीबीआइ से पहले मामले की निगरानी जांच हुई थी। इस जांच में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी पुष्टि पहले ही हो चुकी थी। जांच में यह बात सामने आई थी कि जैक के कई प्रमाणपत्र और संबंधित कागजात ही गायब थे।Body: ब्रेकिंगConclusion:ब्रेकिंग
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