रांची: झारखंड कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की की किस्मत का आज (28 मार्च) फैसला होना है. आय से अधिक संपत्ति मामले में सीबीआई की अदालत फैसला सुनाने वाली है. लेकिन सच तो यह है कि बंधु तिर्की के कानून के जाल में फंसने की पटकथा आज से 15 साल पहले ही लिखी जा चुकी थी. इसका बीजारोपण हुआ था 18 सितंबर 2006 को.
एक रोड के निर्माण विवाद में अर्जुन मुंडा की सरकार से समर्थन वापस लेकर निर्दलीय विधायक मधु कोड़ा राज्य के पांचवें मुख्यमंत्री बन गए थे. उन्हें झामुमो, राजद और अन्य निर्दलीयों का समर्थन मिला था. कांग्रेस बाहर से समर्थन कर रही थी. यह सरकार कुल 709 दिन तक सत्ता में रही. इसी दौरान मधु कोड़ा समेत उनकी कैबिनेट के लिए झारखंड की जेल का दरवाजा समय-समय पर खुलता रहा. इस मंत्रिमंडल पर कई गंभीर आरोप लगे.
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कोल ब्लॉक आवंटन घोटाले में खुद मधु कोड़ा को 2009 में जेल जाना पड़ा. एक तो उन्होंने बतौर निर्दलीय किसी राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में करीब 23 महीने तक शासन चलाने का रिकॉर्ड बनाया था. दूसरी तरफ एक पूर्व मुख्यमंत्री के रूप में जेल जाकर भी रिकॉर्ड बनाया, लेकिन इनके साथ-साथ इनके मंत्रिमंडल में शामिल कमलेश सिंह, हरिनारायण राय, एनोस एक्का, भानु प्रताप शाही और बंधु तिर्की को भी जेल जाना पड़ा.
मधु कोड़ा को तो कोल ब्लॉक आवंटन घोटाला मामले में सजा भी हुई. उनके कैबिनेट में मंत्री रहे हरिनारायण राय भी आय से अधिक संपत्ति मामले में सजा काट रहे हैं. दवा घोटाला में भानु प्रताप शाही जो आज भाजपा के विधायक हैं जेल में रहे. कमलेश सिंह भी लंबे समय तक आय से अधिक संपत्ति मामले में जेल में रहे. एनोस एक्का भी आय से अधिक संपत्ति मामले में लंबे समय तक जेल में रहे. बाद के दिनों में पारा शिक्षक की हत्या के मामले में उन्हें आजीवन कारावास की भी सजा हो गई.
इस फेहरिस्त में बंधु तिर्की का भी नाम जुड़ा. मधु कोड़ा कैबिनेट में मंत्री रहे बंधु तिर्की पर भी आय से अधिक संपत्ति का आरोप लगा. हालांकि 34वें राष्ट्रीय खेल के लिए सामानों की खरीद को लेकर हुए घोटाले में भी उन्हें जेल जाना पड़ा. फिलहाल, बंधु तिर्की पर आय से अधिक संपत्ति का आरोप लगा है. हालांकि महज साढ़े छह लाख रुपए की बात सामने आई फिर भी यह मामला कोर्ट की चौखट पर पहुंचा और अब उसी मामले में फैसला आना है.
मधु कोड़ा के कैबिनेट में रहते हुए जिन मंत्रियों को आय से अधिक संपत्ति और अन्य दूसरे मामलों में जेल जाना पड़ा, उनमें से आज की तारीख में बंधु तिर्की कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष बने हुए हैं. भानु प्रताप शाही अब भाजपा के विधायक हैं. पहले की तरह ही कमलेश सिंह एनसीपी के ही विधायक हैं. लेकिन वर्तमान विधानसभा में मधु कोड़ा, एनोस एक्का और हरिनारायण राय बस राजनीति के गलियारे में कभी कभार चर्चा का हिस्सा बन जाते हैं और कुछ नहीं.