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सदन में गूंजा खराब चापाकल और डीप बोरिंग का मामला, बिरंची नारायण ने कहा- मंत्री को दे देना चाहिए इस्तीफा

झारखंड विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान सरकार से भाजपा विधायक बिरंची नारायण ने पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था दुरुस्त करने को लेकर सवाल किया. वहीं, इस दौरान विधायक और सांसद फंड से बने चापाकल के खराब होने पर उसके मरम्मत की जिम्मेदारी विभाग की होगी. इस बात पर सहमति बनी.

Question Hour in Jharkhand Legislative Assembly
भाजपा विधायक बिरंची नारायण
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Published : Mar 10, 2021, 2:07 PM IST

Updated : Mar 10, 2021, 2:13 PM IST

रांचीः झारखंड में गर्मी ने दस्तक दे दी है. पारा चढ़ते ही पानी की किल्लत से लोग जूझने लगते हैं. चापाकल ठप होने लगते हैं. इसे ध्यान में रखते हुए भाजपा विधायक बिरंची नारायण ने पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए प्रश्नकाल के दौरान सरकार से पूछा कि पूरे राज्य में कितने चापाकल खराब पड़े हैं और डीप बोरिंग की क्या स्थिति है.

देखें पूरी खबर

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जवाब में पेयजल स्वच्छता मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने कहा कि उनकी सरकार इस मामले को लेकर गंभीर है. पिछले साल पेयजल को लेकर कोई दिक्कत नहीं हुई थी. गर्मी के मद्देनजर अब तक 8,848 चापाकल की विशेष मरम्मती हो चुकी है. 12,464 सड़े पाइप को मरम्मत किया गया है. राइजर पाइप बढ़ाकर चालू किए गए चापाकल की संख्या 1,634 है. 1,10,581 चापाकलों की सामान्य मरम्मत की गई है. 849 लघु ग्रामीण जलापूर्ति योजनाओं की मरम्मत हो चुकी है. विधायक बिरंची नारायण ने कहा कि उनके विधानसभा क्षेत्र में अभी भी बड़ी संख्या में चापाकल ठप पड़े हुए हैं.

अन्य माननीयों ने सवाल उठाया कि सांसद और विधायक फंड से बने चापाकल की मरम्मति का काम विभाग नहीं करता है. मंत्री से पूछा गया कि विधायक और सांसद फंड से पूरे राज्य में कितने चापाकल बने हैं और कितने खराब हैं. मंत्री के यह कहने पर कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है, विधायक बिरंची नारायण ने तल्ख लहजे में कहा कि तब तो मंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए.

ये भी पढ़ें-सचिन हत्याकांड: पेचकस घोपा, सिगरेट से दागा, डंडों से मारा, हत्यारों ने पुलिस को बताया वो खौफनाक मंजर

इस पर विभागीय मंत्री ने कहा कि सांसद और विधायक फंड से मानक का पालन न करते हुए चापाकल लगवाया जाता है इसलिए उसकी मरम्मति का काम विभाग कैसे कर सकता है. इस मामले पर अन्य विधायक भी उठ खड़े हुए. कहा गया कि विभाग की तरफ से चयनित एजेंसी से ही चापाकल लगवाया जाता है. इसलिए उसकी मरम्मत की जिम्मेदारी विभाग की होनी चाहिए. इस मसले पर स्पीकर ने भी दखल दिया और व्यवस्था बनी कि अब विधायक और सांसद फंड से बने चापाकल अगर खराब होते हैं तो उसकी मरम्मत भी विभाग की तरफ से की जाएगी.

खास बात है कि पेयजल आपूर्ति पर सवाल जवाब के दौरान भाजपा विधायक सीपी सिंह ने स्पीकर पर ही सवाल खड़े कर दिए. उन्होंने कहा कि जब अध्यक्ष ही मंत्रियों के जवाब से संतुष्ट हो जाएंगे तो हमारी संतुष्टि का क्या होगा. इस पर स्पीकर ने आपत्ति जताई और सीपी सिंह को कहा कि आप हमेशा आसन पर सवाल खड़े करते रहते हैं यह सही नहीं है.

रांचीः झारखंड में गर्मी ने दस्तक दे दी है. पारा चढ़ते ही पानी की किल्लत से लोग जूझने लगते हैं. चापाकल ठप होने लगते हैं. इसे ध्यान में रखते हुए भाजपा विधायक बिरंची नारायण ने पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए प्रश्नकाल के दौरान सरकार से पूछा कि पूरे राज्य में कितने चापाकल खराब पड़े हैं और डीप बोरिंग की क्या स्थिति है.

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जवाब में पेयजल स्वच्छता मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने कहा कि उनकी सरकार इस मामले को लेकर गंभीर है. पिछले साल पेयजल को लेकर कोई दिक्कत नहीं हुई थी. गर्मी के मद्देनजर अब तक 8,848 चापाकल की विशेष मरम्मती हो चुकी है. 12,464 सड़े पाइप को मरम्मत किया गया है. राइजर पाइप बढ़ाकर चालू किए गए चापाकल की संख्या 1,634 है. 1,10,581 चापाकलों की सामान्य मरम्मत की गई है. 849 लघु ग्रामीण जलापूर्ति योजनाओं की मरम्मत हो चुकी है. विधायक बिरंची नारायण ने कहा कि उनके विधानसभा क्षेत्र में अभी भी बड़ी संख्या में चापाकल ठप पड़े हुए हैं.

अन्य माननीयों ने सवाल उठाया कि सांसद और विधायक फंड से बने चापाकल की मरम्मति का काम विभाग नहीं करता है. मंत्री से पूछा गया कि विधायक और सांसद फंड से पूरे राज्य में कितने चापाकल बने हैं और कितने खराब हैं. मंत्री के यह कहने पर कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है, विधायक बिरंची नारायण ने तल्ख लहजे में कहा कि तब तो मंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए.

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इस पर विभागीय मंत्री ने कहा कि सांसद और विधायक फंड से मानक का पालन न करते हुए चापाकल लगवाया जाता है इसलिए उसकी मरम्मति का काम विभाग कैसे कर सकता है. इस मामले पर अन्य विधायक भी उठ खड़े हुए. कहा गया कि विभाग की तरफ से चयनित एजेंसी से ही चापाकल लगवाया जाता है. इसलिए उसकी मरम्मत की जिम्मेदारी विभाग की होनी चाहिए. इस मसले पर स्पीकर ने भी दखल दिया और व्यवस्था बनी कि अब विधायक और सांसद फंड से बने चापाकल अगर खराब होते हैं तो उसकी मरम्मत भी विभाग की तरफ से की जाएगी.

खास बात है कि पेयजल आपूर्ति पर सवाल जवाब के दौरान भाजपा विधायक सीपी सिंह ने स्पीकर पर ही सवाल खड़े कर दिए. उन्होंने कहा कि जब अध्यक्ष ही मंत्रियों के जवाब से संतुष्ट हो जाएंगे तो हमारी संतुष्टि का क्या होगा. इस पर स्पीकर ने आपत्ति जताई और सीपी सिंह को कहा कि आप हमेशा आसन पर सवाल खड़े करते रहते हैं यह सही नहीं है.

Last Updated : Mar 10, 2021, 2:13 PM IST
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