रांची: एक जुलाई को निकलने वाले भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा को लेकर लोगों में खासा उत्साह रहता है. मंदिर में रथ यात्रा को लेकर तैयारी जोर शोर से है लेकिन जिला प्रशासन व आपदा प्रबंधन विभाग के मेला नहीं लगाने के आदेश से लोग निराश हैं. रथयात्रा में लाखों लोग शामिल होते हैं और इसमें लगने वाले मेला से हजारों लोगों को रोजगार मिलता है. लेकिन इस बार भी मेला नहीं लगने से हजारों लोगों को आमदनी से वंचित होना पड़ेगा.
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रथ यात्रा में मेला लगाने की मांग: जगन्नाथ मंदिर न्यास समिति के सभी सदस्य और मेले में व्यापार करने वाले लोग यह मांग कर रहे हैं कि उन्हें मेला लगाने की अनुमति दी जाए. क्योंकि पिछले 2 वर्षों से कोरोना के कारण राजधानी रांची में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा नहीं निकल पा रही थी जिस वजह से लोगों को काफी आर्थिक नुकसान भी हुआ है. लेकिन इस वर्ष लोग उत्साह के साथ रथ यात्रा निकालना चाहते हैं. जिस प्रकार से रामनवमी, सरहूल,ईद में लोगों को आपदा प्रबंधन विभाग की तरफ से छूट दी गई. उसी प्रकार जगन्नाथ भगवान की रथ यात्रा में भी छूट दी जाए और मेला लगाने की अनुमति प्रदान की जाए.
व्यापार को होगा नुकसान: मेला लगाने वाले और मंदिर समिति के लोगों का कहना है कि जल्द से जल्द यदि आपदा प्रबंधन विभाग और जिला प्रशासन मेला लगाने की अनुमति नहीं देती है तो इससे व्यापार करने वाले लोगों को काफी नुकसान होगा. क्योंकि दस दिनों तक लगने वाले मेले के लिए लोगों को कम से कम 15 से 20 दिन पहले ही तैयारियां पूरी करनी पड़ती है अब ऐसे में यदि आपदा प्रबंधन विभाग पांच दिन पहले अनुमति देती है उससे कई लोग मेला में अपना समान नहीं लगा पाएंगे. इसलिए व्यापारी और मंदिर न्याय समिति के सदस्यों का कहना है कि जल्द से जल्द प्रशासन अनुमति दें ताकि वह तैयारियां अभी से ही शुरू कर सकें.
प्रशासन से आश्वासन की मांग: स्थानीय लोगों ने अपने स्तर से स्थानीय विधायक राजेश कच्छप से मुलाकात की और उनसे आग्रह किया कि उन्हें मेला लगाने की अनुमति दी जाए. विधायक राजेश कच्छप ने लोगों को आश्वासन दिया है कि मेला लगाने की अनुमति दी जाएगी. लेकिन लोग जिला प्रशासन और आपदा प्रबंधन विभाग से लिखित आश्वासन की मांग कर रहे हैं ताकि व्यापारियों के ऊपर मेला लगाने के बाद किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं हो.