रांची: शहीद गणेश हांसदा का पार्थिव शरीर रांची एयरपोर्ट लाया गया है. इस दौरान एयरपोर्ट पर राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू, सीएम हेमंत सोरेन, पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने शहीद को नम आंखों से श्रद्धांजलि दी.
'शहीद के आश्रितों को राज्य में कहीं भी मुफ्त में जमीन'
इस दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने घोषणा करते हुए कहा कि राज्य सरकार अब शहीदों के सम्मान को लेकर उनके आश्रितों को राज्य में कहीं भी मुफ्त में जमीन मुहैया कराएगी. साथ ही साथ मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री से आग्रह करेगी कि बॉर्डर पर शहीद होने वाले जवानों को पेट्रोल पंप खोलने के लिए लाइसेंस निर्गत कराने की नीति बनाई जाए, ताकि शहीद जवान के आश्रित और उनके परिजन स्वाभिमान से अपना जीवन यापन कर सकें.
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'आश्रितों और परिवारों को सम्मान देने का काम'
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस तरह से झारखंड के जवान देश की सेवा में बॉर्डर पर शहीद हो रहे हैं, उस हिसाब से राज्य सरकार ने अभी तक जवानों के आश्रितों को सुविधा मुहैया नहीं कराई थी. लेकिन हमारी सरकार यह घोषणा करती है कि अब बॉर्डर पर शहीद होने वाले जवानों को राज्य सरकार राज्य में कहीं भी भूखंड मुफ्त में देकर उनके आश्रितों और परिवारों को सम्मान देने का काम करेगी.
भारत के कुल 20 सैनिक शहीद हुए
झारखंड के पूर्वी सिंहभूम के जवान गणेश हांसदा भारत-चीन सैनिकों की झड़प में मंगलवार की रात शहीद हो गए थे. इस झड़प में भारत के कुल 20 सैनिक शहीद हुए हैं.
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पहली पोस्टिंग लद्दाख में हुई थी
गणेश हांसदा का सेना में चयन 2018 के सितंबर महीने में रांची स्थित मोरहाबादी मैदान की चयन रैली में हुआ था. चयन के बाद उन्होंने बिहार के दानापुर में 9 महीने तक प्रशिक्षण लिया. प्रशिक्षण पूरी करने के बाद गणेश एक महीने के लिए घर आए थे. उनकी पहली पोस्टिंग लद्दाख में हुई थी. बता दें कि गणेश हांसदा का पार्थिव शरीर शुक्रवार को उनके पैतृक आवास बहरागोड़ा प्रखंड के चिंगड़ा पंचायत स्थित कोसाफलिया गांव ले जाया जाएगा. वहीं उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.
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देश उनकी शहादत को हमेशा याद रखेगा
गणेश के शहादत की सूचना मिलते ही न सिर्फ उनके परिवार, बल्कि पूरे गांव में मातम का माहौल है. आर्मी ज्वाइन करने के बाद गणेश सिर्फ दो बार ही घर आ पाए आए थे. देश उनकी शहादत को हमेशा याद रखेगा.