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झारखंड में नहीं है ब्लैक फंगस की दवा 'एंफोटरइसिन-बी', 19 मई तक आने की संभावना

म्युकरमाइकोसिस यानी ब्लैक फंगस के मरीजों के इलाज में उपयोग आने वाला एंफोटरइसिन बी का इंजेक्शन बाजार से बिल्कुल खत्म हो गया है. इसको लेकर मरीजों के इलाज में काफी परेशानियों का सामना डॉक्टरों को करना पड़ रहा है.

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Published : May 18, 2021, 1:47 PM IST

Updated : May 18, 2021, 5:15 PM IST

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राज्य में ब्लैक फंगस की दवा 'एंफोटरइसिन बी' नहीं है उपलब्ध

रांची: कोरोना से ठीक होने वाले मरीज अब म्युकरमाइकोसिस (ब्लैक फंगस) की बीमारी से ग्रसित हो रहे हैं. ऐसे में उनके लिए एंफोटरइसिन-बी की दवा काफी मायने रखती है, लेकिन इस संकट की घड़ी में इस दवा की भी बाजार में काफी कमी देखी जा रही है. म्युकरमाइकोसिस या ब्लैक फंगस के मरीजों के इलाज में उपयोग आने वाली एंफोटरइसिन बी का इंजेक्शन बाजार से बिल्कुल खत्म हो गया है. इसको लेकर डॉक्टरों को मरीजों के इलाज में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

जानकारी देते रिम्स पीआरओ

ये भी पढ़ें- ऑक्सीजन लेवल 52 तक गिरने पर भी मरीज हुआ स्वस्थ, पलामू में संक्रमित 23 दिन बाद लौटा घर

यह वजह

कोरोना से ग्रसित होने के बाद रिम्स और कई निजी अस्पतालों में ब्लैक फंगस की बीमारी के कई मरीज भर्ती हैं. पिछले दिनों भी एंफोटरइसिन-बी इंजेक्शन के नहीं मिलने से रिम्स में एक मरीज की मौत भी हो गई थी. राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स की बात करें तो रिम्स के स्टोर इंचार्ज राकेश कुमार ने बताया कि यह दवा काफी कम मात्रा में पहले भी बना करती थी और इसका उपयोग नहीं के बराबर होता था. अचानक ब्लैक फंगस के मरीजों के लिए दवा की मांग बाजार में बढ़ गई है. इसीलिए दवा की उपलब्धता नहीं के बराबर है.

दुकानों में भी नहीं है एंफोटरइसिन-बी दवा

राजधानी के बड़े दवा व्यापारी राजधानी मेडिकल के संचालक कमलेश कुमार बताते हैं कि यह दवा की मांग पहले से ही काफी कम थी. लेकिन ब्लैक फंगस बीमारी में बढ़ोतरी होने के कारण एंफोटरइसिन-बी दवा खरीदने वाले ग्राहकों की संख्या काफी बढ़ गई है. एंफोटरइसिन-बी लाइकोजोमल नाम की दवा मार्केट में ना के बराबर है. लेकिन ब्लैक फंगस के मरीजों के लिए यह दवा रामबाण मानी जा रही है. इसलिए दवा कंपनियों को भी पत्र लिखे गए हैं ताकि ज्यादा से ज्यादा इस दवा का निर्माण हो सके और मरीजों तक पहुंच सके.

19 तक आ जाएगी दवा
सरकारी अस्पतालों की बात करें तो रिम्स अस्पताल में भी यह दवा उपलब्ध नहीं है. जिस वजह से मरीज के उपचार में डॉक्टरों को परेशानी झेलनी पड़ रही है. मरीजों को बचाने के लिए डॉक्टर की ओर से कई बार एंफोटरइसिन-बी दवा का पर्चा भी परिजनों को थमा दिया जाता है. लेकिन बाजार में भी गया दवा उपलब्ध नहीं हो पा रहा है. रिम्स के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. डीके सिन्हा बताते हैं कि दवा की कमी को लेकर स्वास्थ्य विभाग को जानकारी दी गई है. उन्होंने आश्वासन दिया है कि 19 मई तक यह दवा रिम्स और अन्य अस्पतालों में उपलब्ध कराई जाएगी.

इस दवा की कमी की वजह से कालाबाजारी के भी मामले सामने आ रहे हैं. अचानक ब्लैक फंगस के मरीजों की बढ़ोतरी को देखते हुए कई दवा व्यापारी इस दवा को ज्यादा दाम में बेचने का प्रयास कर रहे हैं, जिसको लेकर औषधि विभाग की ओर से कार्रवाई करने की भी बात कही गई है.

रांची: कोरोना से ठीक होने वाले मरीज अब म्युकरमाइकोसिस (ब्लैक फंगस) की बीमारी से ग्रसित हो रहे हैं. ऐसे में उनके लिए एंफोटरइसिन-बी की दवा काफी मायने रखती है, लेकिन इस संकट की घड़ी में इस दवा की भी बाजार में काफी कमी देखी जा रही है. म्युकरमाइकोसिस या ब्लैक फंगस के मरीजों के इलाज में उपयोग आने वाली एंफोटरइसिन बी का इंजेक्शन बाजार से बिल्कुल खत्म हो गया है. इसको लेकर डॉक्टरों को मरीजों के इलाज में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

जानकारी देते रिम्स पीआरओ

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यह वजह

कोरोना से ग्रसित होने के बाद रिम्स और कई निजी अस्पतालों में ब्लैक फंगस की बीमारी के कई मरीज भर्ती हैं. पिछले दिनों भी एंफोटरइसिन-बी इंजेक्शन के नहीं मिलने से रिम्स में एक मरीज की मौत भी हो गई थी. राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स की बात करें तो रिम्स के स्टोर इंचार्ज राकेश कुमार ने बताया कि यह दवा काफी कम मात्रा में पहले भी बना करती थी और इसका उपयोग नहीं के बराबर होता था. अचानक ब्लैक फंगस के मरीजों के लिए दवा की मांग बाजार में बढ़ गई है. इसीलिए दवा की उपलब्धता नहीं के बराबर है.

दुकानों में भी नहीं है एंफोटरइसिन-बी दवा

राजधानी के बड़े दवा व्यापारी राजधानी मेडिकल के संचालक कमलेश कुमार बताते हैं कि यह दवा की मांग पहले से ही काफी कम थी. लेकिन ब्लैक फंगस बीमारी में बढ़ोतरी होने के कारण एंफोटरइसिन-बी दवा खरीदने वाले ग्राहकों की संख्या काफी बढ़ गई है. एंफोटरइसिन-बी लाइकोजोमल नाम की दवा मार्केट में ना के बराबर है. लेकिन ब्लैक फंगस के मरीजों के लिए यह दवा रामबाण मानी जा रही है. इसलिए दवा कंपनियों को भी पत्र लिखे गए हैं ताकि ज्यादा से ज्यादा इस दवा का निर्माण हो सके और मरीजों तक पहुंच सके.

19 तक आ जाएगी दवा
सरकारी अस्पतालों की बात करें तो रिम्स अस्पताल में भी यह दवा उपलब्ध नहीं है. जिस वजह से मरीज के उपचार में डॉक्टरों को परेशानी झेलनी पड़ रही है. मरीजों को बचाने के लिए डॉक्टर की ओर से कई बार एंफोटरइसिन-बी दवा का पर्चा भी परिजनों को थमा दिया जाता है. लेकिन बाजार में भी गया दवा उपलब्ध नहीं हो पा रहा है. रिम्स के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. डीके सिन्हा बताते हैं कि दवा की कमी को लेकर स्वास्थ्य विभाग को जानकारी दी गई है. उन्होंने आश्वासन दिया है कि 19 मई तक यह दवा रिम्स और अन्य अस्पतालों में उपलब्ध कराई जाएगी.

इस दवा की कमी की वजह से कालाबाजारी के भी मामले सामने आ रहे हैं. अचानक ब्लैक फंगस के मरीजों की बढ़ोतरी को देखते हुए कई दवा व्यापारी इस दवा को ज्यादा दाम में बेचने का प्रयास कर रहे हैं, जिसको लेकर औषधि विभाग की ओर से कार्रवाई करने की भी बात कही गई है.

Last Updated : May 18, 2021, 5:15 PM IST
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