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सोशल मीडिया पर एक्टिव है BJP की आईटी सेल, जीत के लिए की जा रही हर संभव कोशिश - लोकसभा चुनाव 2019

लोकसभा चुनावों में जीत सुनिश्चित करने के लिए बीजेपी हर तरह के टूल्स का प्रयोग करने में जुटी है. पार्टी का आईटी सेल पूरे जोर-शोर से जुड़ा हुआ है. इसमें पार्टी के युवा कार्यकर्ताओं की एक टीम है, जो डिजिटल प्लेटफॉर्म पर प्रदेश बीजेपी की गतिविधियों को न केवल अपडेट करती है, बल्कि सोशल मीडिया और अन्य डिजिटल प्लेटफार्म पर अपनी मजबूत उपस्थिति बनाए रहने का दावा करती है.

झारखंड बीजेपी
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Published : Apr 5, 2019, 11:36 AM IST

रांची: लोकसभा चुनावों में जीत सुनिश्चित करने के लिए बीजेपी हर तरह के टूल्स का प्रयोग करने में जुटी है. पार्टी राज्य में 14 लोकसभा सीट पर जीत के अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए हरसंभव कोशिश कर रही है. इसी कोशिश में पार्टी का आईटी सेल पूरे जोर-शोर से जुड़ा हुआ है.

देखें वीडियो

सोशल मीडिया और अन्य डिजिटल प्लेटफार्म पर मजबूत
इसमें पार्टी के युवा कार्यकर्ताओं की एक टीम है, जो डिजिटल प्लेटफॉर्म पर प्रदेश बीजेपी की गतिविधियों को न केवल अपडेट करती है, बल्कि सोशल मीडिया और अन्य डिजिटल प्लेटफार्म पर अपनी मजबूत उपस्थिति बनाए रहने का दावा करती है. प्रदेश में बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख भानु जालान की माने तो सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म का प्रादुर्भाव पार्टी में 2009 में चुनाव के बाद हुआ.

ये भी पढ़ें- सरायकेला में छऊ महोत्सव की शुरुआत, कलाकारों ने की लोकतंत्र के महापर्व में हिस्सा लेने की अपील

हर तरह की गतिविधि डिजिटली अपडेट
उन्होंने कहा कि बीजेपी के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने प्रयास किया और हर प्रदेश में बाकायदा आईटी सेल स्थापित किया गया. उन्होंने कहा कि 2014 के इलेक्शन के बाद सोशल मीडिया का असली महत्व सामने आया. यही वजह है कि पार्टी की यह टीम न केवल पार्टी नेताओं बल्कि हर तरह की गतिविधियों को डिजिटली अपडेट कर रही है.

विपक्षी दल इस मामले में काफी पीछे
उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा प्लेटफार्म है जिस के मार्फत बड़े समूह को टारगेट कर अपनी बातें कही जाती है और इसका उपयोग हर राजनीतिक दल चुनावों में करता है. उन्होंने दावा किया कि झारखंड में बीजेपी की डिजिटल उपस्थिति और सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफार्म पर मौजूदगी काफी 'ब्रॉड' है. पार्टी सूत्रों की माने तो सात अलग-अलग प्लेटफार्म पर झारखंड बीजेपी एक्टिव है. जिसमें फेसबुक, टि्वटर, व्हाट्सएप, यूट्यूब, शेयर चैट, इंस्टाग्राम और पार्टी का अपना वेबसाइट है. वहीं तुलनात्मक अध्ययन करें तो विपक्षी दल इस मामले में काफी पीछे हैं.

क्या कहते हैं आकंड़े
जालान कहते हैं कि यह सारा आंकड़े का समीकरण है. उन्होंने कहा कि वैसे तो लगभग सभी राजनीतिक दल डिजिटल और सोशल मीडिया के प्लेटफार्म पर एक्टिव हैं, लेकिन बीजेपी ज्यादा मजबूत है. आंकड़ों पर गौर करें तो पिछले तीन महीने में झारखंड बीजेपी के 906 आर्टिकल को 483 हजार लोगों ने देखा है. जबकि विपक्षी झारखंड मुक्ति मोर्चा इस तुलना में काफी पीछे है. टि्वटर पर बीजेपी का सबसे ज्यादा प्रेजेंस है.

फेसबुक और अन्य साइट पर भी बीजेपी एक्टिव
हालांकि, फेसबुक और अन्य साइट पर भी बीजेपी एक्टिव है, लेकिन शेयर की बात करें तो 322% हिस्सेदारी बीजेपी की है. वहीं कांग्रेस कीमत 87% और झामुमो 91% पर सिमटा हुआ है. हैरत की बात यह है कि जहां बीजेपी के टि्वटर पेज पर 42 हजार से ज्यादा फॉलोअर हैं. वहीं प्रमुख विपक्षी दल झारखंड मुक्ति मोर्चा का कोई ऑफिशियल पेज तक नहीं है.

'कांग्रेस का एक्सपोजर झारखंड में काफी कम'
वहीं, फेसबुक की बात करें तो बीजेपी के 1,65000 से अधिक फॉलोअर हैं. जबकि झामुमो का कोई ऑफिशियल पेज तक नहीं है. हालांकि झारखंड मुक्ति मोर्चा का एक ऑफिशल वेबसाइट है, लेकिन वह अभी तक अपडेट नहीं हुआ है. बीजेपी के ढाई सौ से अधिक प्रदेश पदाधिकारी ट्विटर पर एक्टिव हैं. जबकि झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस के नेताओं की बात करें तो यह उंगली पर गिनने वाली संख्या है. बीजेपी का वॉइस रीच झारखंड में अन्य दलों के मुकाबले सबसे ज्यादा है, जो लगभग 79% है. वहीं एक्स्पोजर के मामले में कांग्रेस का एक्सपोजर झारखंड में काफी कम है.

ये भी पढ़ें- RJD प्रत्याशी सुभाष यादव का नामांकन आज, तेजस्वी यादव समेत पार्टी के दिग्गज करेंगे शिरकत

'कोई फर्जीवाड़ा नहीं किया गया है'
जालान का दावा है कि उनकी टीम न तो पेड लाइक्स को प्रमोट करती है और न ही किसी तरह का प्रोपोगेंडा करती है. उनके सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से जुड़े हुए लोग पूरी तरह से ऑर्गेनिक हैं और उसमें कोई फर्जीवाड़ा नहीं किया गया है.

रांची: लोकसभा चुनावों में जीत सुनिश्चित करने के लिए बीजेपी हर तरह के टूल्स का प्रयोग करने में जुटी है. पार्टी राज्य में 14 लोकसभा सीट पर जीत के अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए हरसंभव कोशिश कर रही है. इसी कोशिश में पार्टी का आईटी सेल पूरे जोर-शोर से जुड़ा हुआ है.

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सोशल मीडिया और अन्य डिजिटल प्लेटफार्म पर मजबूत
इसमें पार्टी के युवा कार्यकर्ताओं की एक टीम है, जो डिजिटल प्लेटफॉर्म पर प्रदेश बीजेपी की गतिविधियों को न केवल अपडेट करती है, बल्कि सोशल मीडिया और अन्य डिजिटल प्लेटफार्म पर अपनी मजबूत उपस्थिति बनाए रहने का दावा करती है. प्रदेश में बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख भानु जालान की माने तो सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म का प्रादुर्भाव पार्टी में 2009 में चुनाव के बाद हुआ.

ये भी पढ़ें- सरायकेला में छऊ महोत्सव की शुरुआत, कलाकारों ने की लोकतंत्र के महापर्व में हिस्सा लेने की अपील

हर तरह की गतिविधि डिजिटली अपडेट
उन्होंने कहा कि बीजेपी के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने प्रयास किया और हर प्रदेश में बाकायदा आईटी सेल स्थापित किया गया. उन्होंने कहा कि 2014 के इलेक्शन के बाद सोशल मीडिया का असली महत्व सामने आया. यही वजह है कि पार्टी की यह टीम न केवल पार्टी नेताओं बल्कि हर तरह की गतिविधियों को डिजिटली अपडेट कर रही है.

विपक्षी दल इस मामले में काफी पीछे
उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा प्लेटफार्म है जिस के मार्फत बड़े समूह को टारगेट कर अपनी बातें कही जाती है और इसका उपयोग हर राजनीतिक दल चुनावों में करता है. उन्होंने दावा किया कि झारखंड में बीजेपी की डिजिटल उपस्थिति और सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफार्म पर मौजूदगी काफी 'ब्रॉड' है. पार्टी सूत्रों की माने तो सात अलग-अलग प्लेटफार्म पर झारखंड बीजेपी एक्टिव है. जिसमें फेसबुक, टि्वटर, व्हाट्सएप, यूट्यूब, शेयर चैट, इंस्टाग्राम और पार्टी का अपना वेबसाइट है. वहीं तुलनात्मक अध्ययन करें तो विपक्षी दल इस मामले में काफी पीछे हैं.

क्या कहते हैं आकंड़े
जालान कहते हैं कि यह सारा आंकड़े का समीकरण है. उन्होंने कहा कि वैसे तो लगभग सभी राजनीतिक दल डिजिटल और सोशल मीडिया के प्लेटफार्म पर एक्टिव हैं, लेकिन बीजेपी ज्यादा मजबूत है. आंकड़ों पर गौर करें तो पिछले तीन महीने में झारखंड बीजेपी के 906 आर्टिकल को 483 हजार लोगों ने देखा है. जबकि विपक्षी झारखंड मुक्ति मोर्चा इस तुलना में काफी पीछे है. टि्वटर पर बीजेपी का सबसे ज्यादा प्रेजेंस है.

फेसबुक और अन्य साइट पर भी बीजेपी एक्टिव
हालांकि, फेसबुक और अन्य साइट पर भी बीजेपी एक्टिव है, लेकिन शेयर की बात करें तो 322% हिस्सेदारी बीजेपी की है. वहीं कांग्रेस कीमत 87% और झामुमो 91% पर सिमटा हुआ है. हैरत की बात यह है कि जहां बीजेपी के टि्वटर पेज पर 42 हजार से ज्यादा फॉलोअर हैं. वहीं प्रमुख विपक्षी दल झारखंड मुक्ति मोर्चा का कोई ऑफिशियल पेज तक नहीं है.

'कांग्रेस का एक्सपोजर झारखंड में काफी कम'
वहीं, फेसबुक की बात करें तो बीजेपी के 1,65000 से अधिक फॉलोअर हैं. जबकि झामुमो का कोई ऑफिशियल पेज तक नहीं है. हालांकि झारखंड मुक्ति मोर्चा का एक ऑफिशल वेबसाइट है, लेकिन वह अभी तक अपडेट नहीं हुआ है. बीजेपी के ढाई सौ से अधिक प्रदेश पदाधिकारी ट्विटर पर एक्टिव हैं. जबकि झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस के नेताओं की बात करें तो यह उंगली पर गिनने वाली संख्या है. बीजेपी का वॉइस रीच झारखंड में अन्य दलों के मुकाबले सबसे ज्यादा है, जो लगभग 79% है. वहीं एक्स्पोजर के मामले में कांग्रेस का एक्सपोजर झारखंड में काफी कम है.

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'कोई फर्जीवाड़ा नहीं किया गया है'
जालान का दावा है कि उनकी टीम न तो पेड लाइक्स को प्रमोट करती है और न ही किसी तरह का प्रोपोगेंडा करती है. उनके सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से जुड़े हुए लोग पूरी तरह से ऑर्गेनिक हैं और उसमें कोई फर्जीवाड़ा नहीं किया गया है.

Intro:रांची। लोकसभा चुनावों में जीत सुनिश्चित करने के लिए बीजेपी हर तरह के टूल्स का प्रयोग करने में जुटी है। पार्टी राज्य में 14 लोकसभा सीट पर जीत के अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए हरसंभव कोशिश कर रही है। इसी कोशिश में पार्टी का आईटी सेल पूरे जोर-शोर से जुड़ा हुआ है। इसमें पार्टी के युवा कार्यकर्ताओं की एक टीम है जो डिजिटल प्लेटफॉर्म पर प्रदेश बीजेपी की गतिविधियों को ना केवल अपडेट करती है बल्कि सोशल मीडिया और अन्य डिजिटल प्लेटफार्म पर अपनी मजबूत उपस्थिति बनाये रहने का दावा करती है। प्रदेश में बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख भानु जालान की माने तो सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म का प्रादुर्भाव पार्टी में 2009 में चुनाव के बाद हुआ। उन्होंने कहा कि बीजेपी के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्य्क्ष राजनाथ सिंह ने प्रयास किया और हर प्रदेश में बाकायदा आईटी सेल स्थापित किया गया। उन्होंने कहा कि 2014 के इलेक्शन के बाद सोशल मीडिया का असली महत्व सामने आया। उन्होंने कहा कि यही वजह है कि पार्टी की यह टीम न केवल पार्ट नेताओं बल्कि हर तरह की गतिविधियों को डिजिटली अपडेट कर रही है।





Body:उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा प्लेटफार्म है जिस के मार्फत बड़े समूह को टारगेट कर अपनी बातें कही जाती है और इसका उपयोग हर राजनीतिक दल चुनावों में करता है। उन्होंने दावा किया कि झारखंड में बीजेपी की डिजिटल उपस्थिति और सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफार्म पर मौजूदगी काफी 'ब्रॉड' है। पार्टी सूत्रों की माने तो सात अलग-अलग प्लेटफार्म पर झारखंड बीजेपी एक्टिव है। जिसमें फेसबुक, टि्वटर, व्हाट्सएप, यूट्यूब, शेयर चैट, इंस्टाग्राम और पार्टी का अपना वेबसाइट है। वही तुलनात्मक अध्ययन करें तो विपक्षी दल इस मामले में काफी पीछे हैं।

क्या कहते हैं आकंड़े
जालान कहते हैं कि यह सारा आंकड़े का समीकरण है। उन्होंने कहा कि वैसे तो लगभग सभी राजनीतिक दल डिजिटल और सोशल मीडिया के प्लेटफार्म पर एक्टिव हैं लेकिन बीजेपी ज्यादा मजबूत है। आंकड़ो पर गौर करें तो पिछले 3 महीने में झारखंड बीजेपी के 906 आर्टिकल को 483 हजार लोगों ने देखा है। जबकि विपक्षी झारखंड मुक्ति मोर्चा इस तुलना में काफी पीछे है। टि्वटर पर बीजेपी का सबसे ज्यादा प्रेजेंस है हालांकि फेसबुक और अन्य साइट पर भी बीजेपी एक्टिव है लेकिन शेयर की बात करें 322% हिस्सेदारी बीजेपी की है वहीं कांग्रेस कीमत 87% और झामुमो 91% पर सिमटा हुआ है। हैरत की बात यह है कि जहां बीजेपी के टि्वटर पेज पर 42 हजार से ज्यादा फॉलोअर हैं वहीं प्रमुख विपक्षी दल झारखंड मुक्ति मोर्चा का कोई ऑफिशियल पेज तक नहीं है।



Conclusion:वहीं फेसबुक की बात करें तो बीजेपी के 165000 से अधिक फॉलोअर हैं जबकि झामुमो का कोई ऑफिशियल पेज तक नहीं है हालांकि झारखंड मुक्ति मोर्चा का एक ऑफिशल वेबसाइट है लेकिन वह अभी तक अपडेट नहीं हुआ है बीजेपी के ढाई सौ से अधिक प्रदेश पदाधिकारी ट्विटर पर एक्टिव है जबकि झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस के नेताओं के बात करें तो यह उंगली पर गिरने वाली संख्या है। बीजेपी का वॉइस रीच झारखंड में अन्य दलों के मुकाबले सबसे ज्यादा है जो लगभग 79% है। वही एक्स्पोज़र के मामले में कांग्रेस का एक्सपोजर झारखंड में काफी कम है।
जालान का दावा है कि उनकी टीम न तो पेड़ लाइक्स को प्रमोट करती है और ना ही किसी तरह का प्रोपोगेंडा करती है। उनके सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से जुड़े हुए लोग पूरी तरह से ऑर्गेनिक हैं और उसमें कोई फर्जीवाड़ा नहीं किया गया है।
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