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झारखंड विधानसभा का बजट सत्रः बीजेपी ने कहा- बिना नेता प्रतिपक्ष कैसे चलेगा सदन

बजट सत्र के दूसरे दिन बीजेपी के विधायकों ने जमकर हंगामा किया. हाथों में तख्तियां लेकर सीढ़ी पर बैठे बीजेपी विधायकों ने साफ कहा कि अगर स्पीकर उनकी मांग नहीं मानेंगे तो ऐसी स्थिति में सदन की कार्यवाही चलाना संभव नहीं है.

second day of the budget session
झारखंड बजट सत्र
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Published : Mar 2, 2020, 12:02 PM IST

रांची: झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे दिन बीजेपी के विधायकों ने जमकर हंगामा किया. सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले बीजेपी के विधायक विधानसभा भवन के बाहर धरने पर बैठ गए. विधायकों ने बाबूलाल मरांडी को नेता प्रतिपक्ष का दर्जा देने की मांग की.

देखिए पूरी खबर

हाथों में तख्तियां लेकर सीढ़ी पर बैठे बीजेपी विधायकों ने साफ कहा कि अगर स्पीकर उनकी मांग नहीं मानेंगे, तो ऐसी स्थिति में सदन की कार्यवाही चलाना संभव नहीं है. बीजेपी के अनंत ओझा ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष को अगर लगता है बाबूलाल मरांडी को भाजपा विधायक दल का नेता बनाना व्यवस्था का उल्लंघन है तो उन्हें इस बाबत जल्द निर्णय लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि बिना नेता प्रतिपक्ष सदन कैसे चलेगा.

ये भी पढे़ं: 5 सालों में बदलेगी राज्य की दशा और दिशा: मुख्यमंत्री

वहीं, बीजेपी के विधायक विरंची नारायण ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष को लगता है कि दसवीं अनुसूची के तहत कार्रवाई होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि बाबूलाल मरांडी को बीजेपी में शामिल कराना और विधायक दल का नेता बनाना पार्टी का इंटरनल मामला है. इसमें विधानसभा अध्यक्ष को हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है. उन्होंने कहा कि जब तक नेता प्रतिपक्ष नेता के रूप में मरांडी को दर्जा नहीं मिलता है तब तक सदन की कार्यवाही नहीं चलने दी जाएगी.

रांची: झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे दिन बीजेपी के विधायकों ने जमकर हंगामा किया. सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले बीजेपी के विधायक विधानसभा भवन के बाहर धरने पर बैठ गए. विधायकों ने बाबूलाल मरांडी को नेता प्रतिपक्ष का दर्जा देने की मांग की.

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हाथों में तख्तियां लेकर सीढ़ी पर बैठे बीजेपी विधायकों ने साफ कहा कि अगर स्पीकर उनकी मांग नहीं मानेंगे, तो ऐसी स्थिति में सदन की कार्यवाही चलाना संभव नहीं है. बीजेपी के अनंत ओझा ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष को अगर लगता है बाबूलाल मरांडी को भाजपा विधायक दल का नेता बनाना व्यवस्था का उल्लंघन है तो उन्हें इस बाबत जल्द निर्णय लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि बिना नेता प्रतिपक्ष सदन कैसे चलेगा.

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वहीं, बीजेपी के विधायक विरंची नारायण ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष को लगता है कि दसवीं अनुसूची के तहत कार्रवाई होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि बाबूलाल मरांडी को बीजेपी में शामिल कराना और विधायक दल का नेता बनाना पार्टी का इंटरनल मामला है. इसमें विधानसभा अध्यक्ष को हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है. उन्होंने कहा कि जब तक नेता प्रतिपक्ष नेता के रूप में मरांडी को दर्जा नहीं मिलता है तब तक सदन की कार्यवाही नहीं चलने दी जाएगी.

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