रांची: बीजेपी ने राज्य में होने वाले विधानसभा चुनावों में प्रमुख विपक्षी दल जेएमएम पर उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती का मॉडल अपनाने का आरोप लगाया है. पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने गुरुवार को कहा कि जेएमएम ने कथित तौर पर विधानसभा चुनाव में आवेदकों से 51 हजार रुपये बतौर आवेदन शुल्क जमा करने को कहा है.
जेएमएम वसूल रहा भारी-भरकम शुल्क
प्रतुल शाहदेव ने कहा कि जेएमएम सुप्रीमो महाजनी प्रथा के खिलाफ आवाज उठाते रहे लेकिन उनकी ही पार्टी अब एक तरह से महाजनों को बढ़ावा दे रही है. शाहदेव ने कहा कि जेएमएम भारी-भरकम शुल्क आवेदन देने के लिए वसूल रहा है, तो ऐसे में टिकट मिलने के बाद पता नहीं कितने रुपए लिए जाएंगे. उन्होंने कहा कि जेएमएम के केंद्रीय प्रवक्ताओं ने कथित तौर पर इस शुल्क की घोषणा भी की है.
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हेमंत-बाबूलाल में नेतृत्व विवाद
शाहदेव ने आगे कहा कि दरअसल जेएमएम गरीबों और कमजोर वर्ग के आदिवासियों की राजनीति नहीं कर रहा बल्कि क्रीमि लेयर के ट्राईबल्स के साथ आगे बढ़ना चाह रहा है. उन्होंने कहा कि यह एक तरीके का ढकोसला है. वहीं महागठबंधन को लेकर जेएमएम के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन पर निशाना साधते हुए कहा कि हेमंत सोरेन और जेवीएम सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी के बीच लीडरशिप को लेकर अभी तक विवाद चल ही रहा है. इससे साफ होता है कि महागठबंधन किस दिशा में राजनीति को ले जाना चाहता है.