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बीजेपी को उम्मीद, सरकारी योजना के लाभुक और नए वोटर पूरा करेंगे 65 पार का लक्ष्य - झारखंड विधानसभा चुनाव

बीजेपी आगामी विधानसभा चुनावों में अपने 65 प्लस सीट के लक्ष्य को हासिल करने के लिए एक स्ट्रेटजी के तहत कदम बढ़ा रही है. पार्टी के वरिष्ठ नेता दावा करते हैं कि लोकसभा चुनावों के बाद और विधानसभा चुनाव के पहले पार्टी कैडर की संख्या 23 लाख से बढ़कर 45 लाख हो गई है.

झारखंड विधानसभा चुनाव
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Published : Oct 22, 2019, 5:54 PM IST

रांची: प्रदेश में सत्तारूढ़ बीजेपी आगामी विधानसभा चुनावों में अपने 65 प्लस सीट के लक्ष्य को हासिल करने के लिए एक स्ट्रेटजी के तहत कदम बढ़ा रही है. पार्टी सूत्रों की यकीन करें तो तीन ऐसे कंपोनेंट हैं जिस पर पार्टी का पूरा फोकस है. इन्हीं के सहारे वह अपने इस लक्ष्य को हासिल करने जा रही है. उन तीनों में सबसे प्रमुख भूमिका पार्टी के सदस्य निभाएंगे, जबकि दूसरी कड़ी सरकारी योजना के लाभुक होंगे. वहीं तीसरी कड़ी के रूप में नए मतदाता हैं.

देखिए पूरी खबर


पार्टी के वरिष्ठ नेता दावा करते हैं कि लोकसभा चुनावों के बाद और विधानसभा चुनाव के पहले पार्टी कैडर की संख्या 23 लाख से बढ़कर 45 लाख हो गई है. पार्टी का मानना है कि एक तरफ जहां प्रदेश में 2.26 करोड़ मतदाता हैं. वहीं दूसरी तरफ उनमें बड़ी संख्या में बीजेपी का कैडर है. अगर उनके एक कैडर ने तीन वोट भी बीजेपी के पक्ष में गिरवा दिए तो पार्टी का रास्ता आसान हो जाएगा.


क्या कहते हैं बीजेपी के नेता
बीजेपी युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष अमित कुमार कहते हैं कि पार्टी के सात मोर्चों को अलग-अलग जिम्मेदारी दी गई थी. सदस्यता के जो आंकड़े सामने आए हैं वह उत्साहवर्धक हैं. उन्होंने कहा कि वहीं मेंबर्स अब लोगों के बीच जाकर सरकारी योजनाओं के प्रचार-प्रसार में लगे हैं. एक तरफ जहां सदस्य हैं तो वहीं दूसरी तरफ लाभुक दोनों मिलकर विधानसभा चुनाव में वोटर टर्न आउट कहीं न कहीं बढ़ाएंगे. इसके साथ ही हर जगह नव मतदाता सम्मेलन भी हो रहा है.


चुनाव आयोग के आंकड़ों पर नजर डालें तो प्रदेश में 4.21 लाख 18 से 19 आयु वर्ग के मतदाता हैं. वहीं बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष आदित्य साहू का मानना है कि जिस तरह से सरकारी योजनाओं का लाभ लोगों को मिला है. आगामी विधानसभा चुनाव में निश्चित रूप से लोग बीजेपी की तरफ कदम बढ़ाएंगे. उन्होंने कहा कि लोगों के मन में अब यह यकीन हो गया है कि योजनाओं का लाभ अगर उन्हें मिलेगा तो सिर्फ बीजेपी के शासन काल में. यही वजह है कि आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी रणनीति के तहत काम कर रही है.


सरकारी योजनाओं का आंकड़ा
सरकारी योजनाओं के आंकड़ों पर एक झलक डालें तो गैस सिलिंडर से जुड़ी उज्ज्वला योजना का झारखंड में 31 लाख परिवार लाभ उठा चुके हैं. हालांकि राज्य सरकार ने दावा किया है कि इस साल के अंत तक 12 लाख और नए लाभुक इस योजना से जुड़ेंगे. वहीं दूसरी महत्वाकांक्षी स्कीम जन आरोग्य योजना है. जिसके तहत राज्य के 57 लाख परिवार लाभुक होंगे. गोल्डन कार्ड के जरिए 5 लाख रुपए तक का उनका इलाज आसान होगा, जबकि प्रदेश के खाद्य आपूर्ति और सार्वजनिक वितरण मामले के विभाग के अनुसार राज्य में 68 लाख परिवार वास करते हैं.


इसके अलावा हाल में शुरू किए गए मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना पर भी पार्टी को काफी भरोसा है. जिसके तहत मौजूदा वित्त वर्ष में 2250 करोड़ रुपए खर्च किए जाने हैं. इसके तहत एक एकड़ से कम जमीन के किसान को 5000 रुपए सरकार दे रही है.

ये भी पढ़ें: सरायकेला: कार के इंजन से निकला अजगर, देखें VIDEO
वहीं गरीबी रेखा से नीचे बसर करने वाले परिवार की चर्चा करें तो मुख्यमंत्री सुकन्या योजना के तहत बेटी के जन्म से लेकर शादी तक के लिए सरकार साथ अलग-अलग किस्तों में 40,000 रुपए देने की योजना पर काम कर रही है. इस योजना की शुरुआत इसी साल की गई है. इसके अलावा प्रधानमंत्री आवास योजना समेत कई ऐसी योजनाएं हैं, जिनका इंपैक्ट भी आगामी विधानसभा चुनाव में देखने को मिलेगा.

रांची: प्रदेश में सत्तारूढ़ बीजेपी आगामी विधानसभा चुनावों में अपने 65 प्लस सीट के लक्ष्य को हासिल करने के लिए एक स्ट्रेटजी के तहत कदम बढ़ा रही है. पार्टी सूत्रों की यकीन करें तो तीन ऐसे कंपोनेंट हैं जिस पर पार्टी का पूरा फोकस है. इन्हीं के सहारे वह अपने इस लक्ष्य को हासिल करने जा रही है. उन तीनों में सबसे प्रमुख भूमिका पार्टी के सदस्य निभाएंगे, जबकि दूसरी कड़ी सरकारी योजना के लाभुक होंगे. वहीं तीसरी कड़ी के रूप में नए मतदाता हैं.

देखिए पूरी खबर


पार्टी के वरिष्ठ नेता दावा करते हैं कि लोकसभा चुनावों के बाद और विधानसभा चुनाव के पहले पार्टी कैडर की संख्या 23 लाख से बढ़कर 45 लाख हो गई है. पार्टी का मानना है कि एक तरफ जहां प्रदेश में 2.26 करोड़ मतदाता हैं. वहीं दूसरी तरफ उनमें बड़ी संख्या में बीजेपी का कैडर है. अगर उनके एक कैडर ने तीन वोट भी बीजेपी के पक्ष में गिरवा दिए तो पार्टी का रास्ता आसान हो जाएगा.


क्या कहते हैं बीजेपी के नेता
बीजेपी युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष अमित कुमार कहते हैं कि पार्टी के सात मोर्चों को अलग-अलग जिम्मेदारी दी गई थी. सदस्यता के जो आंकड़े सामने आए हैं वह उत्साहवर्धक हैं. उन्होंने कहा कि वहीं मेंबर्स अब लोगों के बीच जाकर सरकारी योजनाओं के प्रचार-प्रसार में लगे हैं. एक तरफ जहां सदस्य हैं तो वहीं दूसरी तरफ लाभुक दोनों मिलकर विधानसभा चुनाव में वोटर टर्न आउट कहीं न कहीं बढ़ाएंगे. इसके साथ ही हर जगह नव मतदाता सम्मेलन भी हो रहा है.


चुनाव आयोग के आंकड़ों पर नजर डालें तो प्रदेश में 4.21 लाख 18 से 19 आयु वर्ग के मतदाता हैं. वहीं बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष आदित्य साहू का मानना है कि जिस तरह से सरकारी योजनाओं का लाभ लोगों को मिला है. आगामी विधानसभा चुनाव में निश्चित रूप से लोग बीजेपी की तरफ कदम बढ़ाएंगे. उन्होंने कहा कि लोगों के मन में अब यह यकीन हो गया है कि योजनाओं का लाभ अगर उन्हें मिलेगा तो सिर्फ बीजेपी के शासन काल में. यही वजह है कि आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी रणनीति के तहत काम कर रही है.


सरकारी योजनाओं का आंकड़ा
सरकारी योजनाओं के आंकड़ों पर एक झलक डालें तो गैस सिलिंडर से जुड़ी उज्ज्वला योजना का झारखंड में 31 लाख परिवार लाभ उठा चुके हैं. हालांकि राज्य सरकार ने दावा किया है कि इस साल के अंत तक 12 लाख और नए लाभुक इस योजना से जुड़ेंगे. वहीं दूसरी महत्वाकांक्षी स्कीम जन आरोग्य योजना है. जिसके तहत राज्य के 57 लाख परिवार लाभुक होंगे. गोल्डन कार्ड के जरिए 5 लाख रुपए तक का उनका इलाज आसान होगा, जबकि प्रदेश के खाद्य आपूर्ति और सार्वजनिक वितरण मामले के विभाग के अनुसार राज्य में 68 लाख परिवार वास करते हैं.


इसके अलावा हाल में शुरू किए गए मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना पर भी पार्टी को काफी भरोसा है. जिसके तहत मौजूदा वित्त वर्ष में 2250 करोड़ रुपए खर्च किए जाने हैं. इसके तहत एक एकड़ से कम जमीन के किसान को 5000 रुपए सरकार दे रही है.

ये भी पढ़ें: सरायकेला: कार के इंजन से निकला अजगर, देखें VIDEO
वहीं गरीबी रेखा से नीचे बसर करने वाले परिवार की चर्चा करें तो मुख्यमंत्री सुकन्या योजना के तहत बेटी के जन्म से लेकर शादी तक के लिए सरकार साथ अलग-अलग किस्तों में 40,000 रुपए देने की योजना पर काम कर रही है. इस योजना की शुरुआत इसी साल की गई है. इसके अलावा प्रधानमंत्री आवास योजना समेत कई ऐसी योजनाएं हैं, जिनका इंपैक्ट भी आगामी विधानसभा चुनाव में देखने को मिलेगा.

Intro:बाइट 1 अमित कुमार अध्यक्ष प्रदेश भाजयुमो
बाइट 2 आदित्य साहू उपाध्यक्ष, प्रदेश बीजेपी
रांची। प्रदेश में सत्तारूढ़ बीजेपी आगामी विधानसभा चुनावों में अपने 65 प्लस सीट के लक्ष्य को हासिल करने के लिए एक स्ट्रेटेजी के तहत कदम बढ़ा रही है। पार्टी सूत्रों का यकीन करें तो तीन ऐसे कंपोनेंट है जिस पर पार्टी का पूरा फोकस है। इन्हीं के सहारे वह अपने इस लक्ष्य को हासिल करने जा रही है। उन तीनों में सबसे प्रमुख भूमिका पार्टी के सदस्य निभाएंगे। जबकि दूसरा अवयव सरकारी योजना के लाभुक होंगे। वहीं तीसरी कड़ी के रूप में नए मतदाता हैं। दरअसल प्रदेश बीजेपी को अपने सदस्यों के कंधों पर ज्यादा यकीन है।
पार्टी के वरिष्ठ नेता दावा करते हैं कि लोकसभा चुनावों के बाद और विधानसभा चुनाव के पहले पार्टी कैडर की संख्या 23 लाख से बढ़कर 45 लाख हो गई है। पार्टी का मानना है कि एक तरफ जहां प्रदेश में 2.26 करोड़ मतदाता है वहीं दूसरी तरफ उनमें बड़ी संख्या में बीजेपी का कैडर है। अगर उनके एक कैडर ने तीन वोट भी बीजेपी के पक्ष में गिरवा दिए तो पार्टी का रास्ता आसान हो जाएगा।



Body:क्या कहते हैं बीजेपी के नेता
बीजेपी युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष अमित कुमार कहते हैं कि पार्टी के सात मोर्चों को अलग-अलग जिम्मेदारी दी गई थी। सदस्यता के जो आंकड़े सामने आए हैं वह उत्साहवर्धक हैं। उन्होंने कहा कि वही मेंबर्स अब लोगों के बीच जाकर सरकारी योजनाओं के प्रचार-प्रसार में लगे हैं। एक तरफ जहां सदस्य हैं वहीं दूसरी तरफ लाभुक दोनों मिलकर विधानसभा चुनाव में वोटर टर्न आउट कहीं न कहीं बढ़ाएंगे। साथ ही हर जगह नव मतदाता सम्मेलन भी हो रहा है। चुनाव आयोग के आंकड़ों पर नजर डालें तो प्रदेश में 4.21 लाख 18 से 19 आयु वर्ग के मतदाता है। वहीं बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष आदित्य साहू का मानना है कि जिस तरह से सरकारी योजनाओं का लाभ लोगों को मिला है। आगामी विधानसभा चुनाव में निश्चित रूप से लोग बीजेपी की तरफ कदम बढ़ाएंगे। उन्होंने कहा कि लोगों के मन में अब यह यकीन हो गया है कि योजनाओं का लाभ अगर उन्हें मिलेगा तो सिर्फ बीजेपी के शासन काल में। यही वजह है कि आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी रणनीति के तहत काम कर रही है।





Conclusion:ये है सरकारी योजनाओं का आंकड़ा
सरकारी योजनाओं के आंकड़ों पर एक झलक डालें तो गैस सिलेंडर से जुड़ी उज्जवला योजना का झारखंड में 31 लाख परिवार लाभ उठा चुके हैं। हालांकि राज्य सरकार ने दावा किया है कि इस साल के अंत तक 12 लाख और नए लाभुक इस योजना से जुड़ेंगे। वहीं दूसरी महत्वाकांक्षी स्कीम जन आरोग्य योजना है। जिसके तहत राज्य के 57 लाख परिवार लाभुक होंगे। गोल्डन कार्ड के जरिए 5 लाख रुपये तक का उनका इलाज आसान होगा। जबकि प्रदेश के खाद्य आपूर्ति एवं सार्वजनिक वितरण मामले के विभाग के अनुसार राज्य में 68 लाख परिवार वास करते हैं। इसके अलावा हाल में शुरू किए गए मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना पर भी पार्टी को काफी भरोसा है। जिसके तहत मौजूदा वित्त वर्ष में 2250 करोड़ रुपए खर्च किए जाने हैं। इसके तहत 1 एकड़ से कम जमीन के किसान को 5000 रुपये सरकार दे रही है।
वही गरीबी रेखा से नीचे बसर करने वाले परिवार की चर्चा करें तो मुख्यमंत्री सुकन्या योजना के तहत बेटी के जन्म से लेकर शादी तक के लिए सरकार साथ अलग-अलग किस्तों में 40000 रुपये देने की योजना पर काम कर रही है। इस योजना की शुरुआत इसी साल की गई है। इसके अलावा प्रधानमंत्री आवास योजना समेत कई ऐसी योजनाएं हैं जिनका इंपैक्ट भी आगामी विधानसभा चुनाव में देखने को मिलेगा।
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