रांची: विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद हार-जीत की समीक्षा राजनीति के पंडित अपने-अपने तरीके से करते हैं. जातीय समीकरण से लेकर प्रत्याशी की क्षेत्र में पकड़ समेत कई बिंदुओं पर हार-जीत का आंकलन होता है.
16 सीटों पर 3 लाख से ज्यादा वोटर
झारखंड में इस वक्त बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी है. दूसरे स्थान पर मुख्य विपक्षी पार्टी के रूप में जेएमएम है. इससे आप सभी वाकिफ हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि 2014 के चुनाव में बीजेपी ने जिन 37 सीटों पर जीत दर्ज की थी उनमें से 12 सीटें ऐसी थीं जहां वोटरों की संख्या सबसे ज्यादा है. झारखंड की 81 सीटों में से 16 सीटें ऐसी हैं, जहां वोटरों की संख्या तीन लाख से भी ज्यादा है.
12 सीटों पर बीजेपी का कब्जा
इनमें से 12 सीटों पर बीजेपी का कब्जा है. उन सीटों के नाम हैं बोकारो, धनबाद, हटिया, चतरा, हजारीबाग, देवघर, जमशेदपुर पश्चिम, डालटनगंज, रांची, कोडरमा, बरकट्ठा और गढ़वा, जबकि सबसे ज्यादा वोटरों के मामले में चौथे स्थान पर मौजूद रामगढ़ के मांडू में जेएमएम, बड़कागांव में कांग्रेस और भवनाथपुर सीट पर भानुप्रताप शाही और जुगसलाई सीट पर आजसू का कब्जा है.
सिर्फ मांडू सीट पर जेएमएम का कब्जा
झारखंड में जिन सीटों पर तीन लाख से ज्यादा वोटर हैं उनमें से सिर्फ मांडू सीट को जेएमएम ने 2014 में जीता था. हालांकि अब मांडू के जेएमएम विधायक जेपी पटेल बागी हो चुके हैं.
15 सीटों पर 2 लाख से कम वोटर
2014 में उसकी ज्यादातर जीत वैसी सीटों पर हुई है, जहां वोटरों की संख्या दो लाख से भी कम है. वैसी 15 सीटें हैं. राज्य में जगन्नाथपुर विधानसभा क्षेत्र में सबसे कम वोटर हैं. हालांकि यहां पूर्व सीएम मधु कोड़ा की पत्नी गीता कोड़ा की जीत हुई थी. इसके बाद कम वोटरों के मामले में दूसरे स्थान पर तोरपा है, जहां जेएमएम का कब्जा है.
11 सीटों पर जेएमएम का कब्जा
तीसरे स्थान पर चक्रधरपुर, चौथे स्थान पर मझगांव, पांचवे स्थान पर सिल्ली, छठे स्थान पर मनोहरपुर, सातवें स्थान पर बहरेट आठवें स्थान पर जामा और नौंवे स्थान पर खरसांवा का नाम आता है, जहां 2014 में जेएमएम का तीर निशाने पर लगा था. इसके अलावा लिट्टीपाड़ा, शिकारीपाड़ा और चाईबासा में भी वोटरों की संख्या दो लाख से कम है. यहां भी जेएमएम का कब्जा है.
दो लाख से कम वोटर वाले 15 सीटों में खूंटी में बीजेपी, तमाड़ में आजसू और कोलेबिरा में कांग्रेस का कब्जा है. इस चुनावी समीकरण से साफ है कि झारखंड में जहां भी वोटरों की संख्या तीन लाख से ज्यादा है वहां बीजेपी हावी है, जबकि दो लाख से कम वोटरों की संख्या वाले विधानसभा क्षेत्रों में जेएमएम का दबदबा है.