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चुनाव आयोग की नोटिस ने बढ़ाई बसंत सोरेन की मुश्किलें, भाजपा ने कार्रवाई को बताया सही - Jharkhand news

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के बाद अब उनके भाई बंसत सोरेन पर भी ऑफिस ऑफ प्रॉफिट की तलवार लटक रही है. भारत निर्वाचन आयोग ने विधायक होने के साथ पाकुड़िया के ग्रैंड माइनिंग कंपनी में बतौर निदेशक होने पर बसंत सोरेन से जवाब मांगा है.

EC notice to Basant Soren
EC notice to Basant Soren
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Published : May 5, 2022, 7:14 PM IST

Updated : May 5, 2022, 7:21 PM IST

रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के बाद उनके छोटे भाई बसंत सोरेन पर ऑफिस ऑफ प्रॉफिट की तलवार लटकने लगा है. भारत निर्वाचन आयोग ने बसंत सोरेन को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है. बसंत सोरेन पर विधायक होते हुए पाकुड़िया के ग्रैंड माइनिंग कंपनी में बतौर निदेशक होने का आरोप है. चुनाव आयोग के इस कदम को बीजेपी ने सही बताया है.

ये भी पढ़ें: सीएम हेमंत सोरेन के बाद उनके भाई बसंत सोरेन को चुनाव आयोग का नोटिस, मांगा स्पष्टीकरण

चुनाव आयोग के द्वारा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के बाद बसंत सोरेन को भेजे गये नोटिस पर गोड्डा सांसद निशिकांत दूबे ने ट्वीट कर कटाक्ष किया है. जबकि भाजपा प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि यह सरकार अजीबोगरीब है. इसमें खुद मुख्यमंत्री माइनिंग लीज लेते हैं और उनके भाई भी दूसरे माइनिंग कंपनी में निदेशक बन जाते हैं. प्रतुल शाहदेव ने कहा कि सत्य को कितना भी छिपाए आखिर सत्य की जीत होती है और होती रहेगी. बसंत सोरेन पर जो आरोप लगे हैं उसकी सत्यता सार्वजनिक है, इसलिए संवैधानिक संस्था ने जो नोटिस भेजा है उससे भाजपा को उम्मीद है कि इसपर कार्रवाई जरुर होगी.

प्रतुल शाहदेव, बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता



बंसत सोरेन के ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में बीजेपी नेताओं ने राज्यपाल के पास जाकर लिखित शिकायत की थी. इसके बाद इस मामले को राजभवन ने भारत निर्वाचन आयोग को भेज दिया था. इस मामले पर अब कार्रवाई करते हुए निर्वाचन आयोग ने बसंत सोरेन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. बसंत सोरेन वर्तमान में दुमका से झामुमो विधायक हैं. पिछले विधानसभा चुनाव में दो विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीतने के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दुमका सीट छोड़ दिया था. इस सीट से बाद में हुए विधानसभा उपचुनाव में झामुमो की टिकट पर बसंत सोरेन ने जीत हासिल की थी.


पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास बीजेपी शिष्टमंडल के साथ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनके भाई बसंत सोरेन पर पत्थर खनन का कारोबार करने का आरोप लगाते हुए राज्यपाल रमेश बैस से मुलाकात की थी. इस दौरान उन्होंने लिखित शिकायत भी की थी. रघुवर दास ने सीएम के भाई बसंत सोरेन पर खनन कंपनी ग्रैंड माइनिंग में पार्टनर होने का आरोप भी लगाया है. यही नहीं रघुवर दास का ये भी आरोप है कि उस कंपनी पर सरकार का आठ करोड़ रुपए बकाया है. पूर्व सीएम का कहना है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन उनके भाई द्वारा अवैध रूप से किए जा रहे काम भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 13 (1)d के तहत आपराधिक कृत्य है.

रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के बाद उनके छोटे भाई बसंत सोरेन पर ऑफिस ऑफ प्रॉफिट की तलवार लटकने लगा है. भारत निर्वाचन आयोग ने बसंत सोरेन को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है. बसंत सोरेन पर विधायक होते हुए पाकुड़िया के ग्रैंड माइनिंग कंपनी में बतौर निदेशक होने का आरोप है. चुनाव आयोग के इस कदम को बीजेपी ने सही बताया है.

ये भी पढ़ें: सीएम हेमंत सोरेन के बाद उनके भाई बसंत सोरेन को चुनाव आयोग का नोटिस, मांगा स्पष्टीकरण

चुनाव आयोग के द्वारा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के बाद बसंत सोरेन को भेजे गये नोटिस पर गोड्डा सांसद निशिकांत दूबे ने ट्वीट कर कटाक्ष किया है. जबकि भाजपा प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि यह सरकार अजीबोगरीब है. इसमें खुद मुख्यमंत्री माइनिंग लीज लेते हैं और उनके भाई भी दूसरे माइनिंग कंपनी में निदेशक बन जाते हैं. प्रतुल शाहदेव ने कहा कि सत्य को कितना भी छिपाए आखिर सत्य की जीत होती है और होती रहेगी. बसंत सोरेन पर जो आरोप लगे हैं उसकी सत्यता सार्वजनिक है, इसलिए संवैधानिक संस्था ने जो नोटिस भेजा है उससे भाजपा को उम्मीद है कि इसपर कार्रवाई जरुर होगी.

प्रतुल शाहदेव, बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता



बंसत सोरेन के ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में बीजेपी नेताओं ने राज्यपाल के पास जाकर लिखित शिकायत की थी. इसके बाद इस मामले को राजभवन ने भारत निर्वाचन आयोग को भेज दिया था. इस मामले पर अब कार्रवाई करते हुए निर्वाचन आयोग ने बसंत सोरेन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. बसंत सोरेन वर्तमान में दुमका से झामुमो विधायक हैं. पिछले विधानसभा चुनाव में दो विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीतने के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दुमका सीट छोड़ दिया था. इस सीट से बाद में हुए विधानसभा उपचुनाव में झामुमो की टिकट पर बसंत सोरेन ने जीत हासिल की थी.


पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास बीजेपी शिष्टमंडल के साथ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनके भाई बसंत सोरेन पर पत्थर खनन का कारोबार करने का आरोप लगाते हुए राज्यपाल रमेश बैस से मुलाकात की थी. इस दौरान उन्होंने लिखित शिकायत भी की थी. रघुवर दास ने सीएम के भाई बसंत सोरेन पर खनन कंपनी ग्रैंड माइनिंग में पार्टनर होने का आरोप भी लगाया है. यही नहीं रघुवर दास का ये भी आरोप है कि उस कंपनी पर सरकार का आठ करोड़ रुपए बकाया है. पूर्व सीएम का कहना है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन उनके भाई द्वारा अवैध रूप से किए जा रहे काम भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 13 (1)d के तहत आपराधिक कृत्य है.

Last Updated : May 5, 2022, 7:21 PM IST
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