रांची: झारखंड विधानसभा में बीजेपी के विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी को नेता प्रतिपक्ष का दर्जा नहीं दिए जाने पर पार्टी ने गवर्नर से हस्तक्षेप करने की मांग की है. प्रदेश में प्रमुख विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी ने साफ कहा कि गवर्नर द्रौपदी मुर्मू को इस बाबत विधानसभा अध्यक्ष से सीधा जवाब तलब करना चाहिए. दरअसल शुक्रवार को बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश और प्रदेश महामंत्री आदित्य साहू और प्रदीप वर्मा ने गवर्नर से राजभवन जाकर मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने गवर्नर को एक मेमोरेंडम भी सौंपा. जिसमें बाबूलाल मरांडी को जल्द नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने की मांग की गई है.
बीजेपी का आरोप लोकतांत्रिक मर्यादाओं का हो रहा है हनन
राजभवन के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए दीपक प्रकाश ने कहा कि प्रदेश में संवैधानिक और लोकतांत्रिक मर्यादाओं का हनन हो रहा है. उन्होंने कहा कि 81 इलेक्टेड सदस्यों वाली झारखंड विधानसभा में बीजेपी के पास 26 विधायक हैं. इसके साथ ही सभी विधायकों ने बाबूलाल मरांडी को पार्टी के विधायक दल के नेता के रूप में स्वीकार किया है और इससे जुड़ा पत्र भी पार्टी के तरफ से स्पीकर को सौंपा गया है. उन्होंने कहा कि स्पीकर से बार-बार इस बाबत आग्रह करने के बाद भी इस पर अभी तक निर्णय नहीं हुआ है.
राजनीतिक षडयंत्र का लगाया आरोप
दीपक प्रकाश ने कहा कि ऐसा महसूस होता है कि राजनीतिक इशारे और राजनीतिक षडयंत्र के तहत बाबूलाल मरांडी को विपक्ष का नेता नहीं बनाया जा रहा है. यही वजह है कि पार्टी के 3 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने गवर्नर से गुहार लगाई है और उनसे मुलाकात के बाद सारे विषयों पर अपनी बात रखी है. उन्होंने कहा कि इस बाबत गवर्नर को मेमोरेंडम भी दिया गया है. जिसमें कानूनी और संवैधानिक पक्ष को भी परिभाषित किया गया है. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि सबसे बड़ी बात यह है कि इलेक्शन कमीशन ने भी राज्यसभा चुनाव में यह क्लियर कर दिया कि बाबूलाल मरांडी बीजेपी के विधायक हैं. वहीं झारखंड विधानसभा में हुए मतदान के दौरान मरांडी ने भी बीजेपी के विधायक के रुप में ही अपने मत का प्रयोग किया. इसकेे बावजूद इसके अभी तक नेता प्रतिपक्ष को लेकर संशय बना हुआ है.
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कोरोना वायरस को भी राजनीतिक चश्मे से देख रही है सरकार
वहीं राज्य में बढ़ते कोरोना वायरस के प्रसार पर दीपक प्रकाश ने कहा कि मौजूदा दौर में राज्य सरकार कोरोना वायरस को भी राजनीतिक चश्मे से देख रही है. एक तरफ जहां बाबूलाल मरांडी और उन्हें दिल्ली से वापस आने के बाद होम क्वारेंटाइन में भेज दिया गया. वहीं कांग्रेस के बड़े नेता रांची आकर राजनीतिक कार्यक्रम में हिस्सा लेकर वापस चले गएय. उन्होंने कहा कि इससे सरकार की राजनीतिक प्रतिशोध और दुर्भावना की बात स्पष्ट हो जाती है. बता दें कि झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सह प्रभारी उमंग सिंघार 2 दिन के दौरे पर झारखंड आए थे लेकिन जैसे ही उनके होम क्वॉरेंटाइन और परमिशन को लेकर के मामला उठा, उन्हें वापस लौटना पड़ा.