रांची: राज्य के चाईबासा और लोहरदगा जिले में हुई हिंसक घटनाओं के खिलाफ प्रदेश में प्रमुख विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी ने राजभवन के बाहर धरना दिया. पार्टी ने चाईबासा में 7 आदिवासियों की नृशंस हत्या मामले में न्यायिक जांच की मांग की है. इसके साथ ही पीड़ित परिवार में अब एक आश्रित के लिए सरकारी नौकरी की भी मांग की है.
गवर्नर द्रौपदी मुर्मू से बीजेपी डेलिगेशन ने पीड़ित परिवार को 20 लाख रुपए मुआवजा देने और प्रभावित गांव में टीओपी की स्थापना की भी मांग की है. पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के नेतृत्व में गए डेलिगेशन ने लोहरदगा में हुए हिंसक घटना मामले में भी दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के डिमांड रखी है.
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा ने गवर्नर से मुलाकात के बाद बताया कि लोहरदगा में शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे लोगों पर आक्रमण करने वाले उपद्रवियों की गिरफ्तारी होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि घटना में घायल लोगों का भी सरकार इलाज करवाए. वहीं, उन्होंने गंभीर रूप से घायल लोगों को 10-10 लाख रुपए मुआवजा की मांग रखी है. उन्होंने कहा कि लोहरदगा में सीएए समर्थन में शांतिपूर्ण रैली पर असामाजिक तत्व का हमला यह इशारा करता है कि राज्य में कहीं न कहीं जंगलराज जैसी स्थिति उत्पन्न हो रही है.
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डेलिगेशन में लोहरदगा की घटना वाले क्षेत्र में धार्मिक स्थलों के दुरुपयोग की सघन जांच की मांग की है. इसके साथ ही उन इलाकों में अवैध हथियारों की जब्ती और दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की डिमांड रखी है. गिलुआ ने कहा कि लोहरदगा में विभिन्न स्थानों पर महिलाओं और पुरुषों के फंसे होने की सूचना भी आ रही है. सरकार उन्हें सुरक्षित जगह पर पहुंचाने की व्यवस्था करें. डेलिगेशन में बीजेपी के विधायक सीपी सिंह, नीलकंठ सिंह मुंडा, राज सिन्हा, अमर बाउरी, नवीन जायसवाल, नीरा यादव के अलावा सांसद महेश पोद्दार और सुनील सोरेन समेत अन्य पदाधिकारी शामिल थे.