रांची: अस्पतालों से निकलने वाला कचरा निष्पादन के अभाव में आम लोगों के लिए बेहद घातक साबित हो सकता है. भाजपा विधायक बिरंची नारायण ने इस मामले को सदन में उठाया. उन्होंने कहा कि बायो मेडिकल वेस्ट की वजह से कैंसर और हेपिटाइटिस जैसी गंभीर बीमारियों के फैलने का खतरा रहता है लेकिन अफसोस की बात है कि झारखंड में इसको लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं.
उन्होंने कहा कि बायो मेडिकल वेस्ट के तहत अस्पतालों से निकलने वाले मानव अंग, ब्लड सैंपल, पट्टी, सिरिंज जैसी चीजों का निस्तारण एक व्यवस्था के तहत होना चाहिए लेकिन इस दिशा में झारखंड की हालत दयनीय है. उन्होंने कहा कि कुछ अस्पतालों में बायो मेडिकल वेस्ट के तहत 7 रुपए प्रति बेड का रेट तय किया गया है जो समझ से परे है.
केंद्र सरकार ने बनाई है नीति
विधायक बिरंची नारायण ने कहा कि बायो मेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट को लेकर केंद्र सरकार ने एक नीति भी बनाई है लेकिन उस नीति के विरुद्ध राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में ही बायो मेडिकल वेस्ट प्लांट लगाया गया है, जिसे फौरन वहां से हटाना चाहिए. एजेंसी ने नारायण ने कहा कि इससे बीमारी फैलने का खतरा बना रहता है.
स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि जितनी गंभीरता से माननीय विधायक ने इस सवाल को सदन में रखा है उन्हें इस बात की जानकारी होनी चाहिए कि कुछ माह पहले पिछले 5 सालों तक उन्हीं की सरकार थी. इस पर सदन में गरमा गरम बहस हुई.
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मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी ने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में पिछले 5 सालों में उनकी सरकार ने जितना काम किया है, उतना काम शायद ही राज्य गठन के बाद कभी हुआ होगा. रामचंद्र चंद्रवंशी ने स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के अनुभव पर भी चुटकी ली.
48 घंटे के अंदर होना चाहिए ट्रीटमेंट
वहीं, स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि यह बात सही है कि 48 घंटे के भीतर बायो मेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट कट ट्रीटमेंट होना चाहिए और इसको लेकर उनकी सरकार गंभीर है. उन्होंने इस दिशा में काम करने के लिए समय की मांग की.