रांची: शनिवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार डिबडीह के कार्निवल हॉल में कार्यकर्ताओं के साथ सम्मेलन में शामिल हुए. नीतीश कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि जिस तरह से बिहार में महिलाओं की मांग पर पूरे राज्य में शराबबंदी को सरकार ने लागू किया, उसी तरह से अगर झारखंड में जेडीयू की सरकार बनती है तो यहां भी शराबबंदी को पूरी तरह लागू किया जाएगा.
'शराबबंदी को लेकर आवाज उठाई गई'
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि कुछ लोग अफवाह फैलाते हैं कि आदिवासी शराबबंदी के पक्ष में नहीं हैं. लेकिन आदिवासी महिलाओं ने ही कई बार शराबबंदी को लेकर आवाज उठाई है. उन्होंने कहा कि इसी को देखते हुए अगर जनता झारखंड में जदयू को मौका देती है तो झारखंड में भी शराबबंदी को पूर्णरूपेण लागू किया जाएगा.
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रघुवर सरकार पर निशाना
वहीं, नीतीश कुमार ने रघुवर सरकार पर भी निशाना साधते हुए कहा कि बिहार झारखंड पड़ोसी राज्य है. ऐसे में बिहार में शराबबंदी होने की वजह से कई लोग शराब का सेवन करने झारखंड आ जाते हैं. जो निश्चित रूप से नशा मुक्ति के अभियान को कमजोर करता है. उन्होंने कहा कि एक तरफ बिहार में शराबबंदी को लेकर सख्ती बरती जा रही है तो वहीं दूसरी ओर बिहार के पड़ोसी राज्य झारखंड में शराब को बेचने के लिए सरकार की तरफ से रियायत दी जा रही है.
शराबबंदी के आधार पर जनता से वोट
नीतीश कुमार ने सम्मेलन में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन की रिपोर्ट के अनुसार बात करें तो कई बीमारियों का कारण शराब का सेवन है, इसीलिए जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री सम्मेलन में मौजूद सभी कार्यकर्ताओं से अपील करते हुए कहा कि आने वाले चुनाव में जेडीयू झारखंड में शराबबंदी के आधार पर जनता से वोट मांगेगी.
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नीतीश कुमार की लोकप्रियता बढ़ी है
बता दें कि बिहार में शराबबंदी के बाद नीतीश कुमार की लोकप्रियता निश्चित रूप से बढ़ी है. इसी को देखते हुए नीतीश कुमार ने झारखंड में भी शराबबंदी को लागू करने की बात कही है.