रांची: हजारों वर्षों से चले आ रहे भ्रातृ द्वितीया आज मनाया जा रहा है. यह पर्व बहन अपने भाई की लंबी आयु के लिए मनाती हैं. इस पर्व में बहनें अपने भाई का हस्त पूजन करती हैं. हस्त पूजन के दौरान वे मंत्र पढ़ती हैं.
पूजा के दौरान बहन भाई को सिंदूर-पीठार लगाकर उसका तिलक करती हैं, उसके बाद वह आंगन में एक विशेष प्रकार की आकृति बनाकर जिसे अरिपन कहा जाता है, उस पर भाई को बैठाया जाता है. भाई के हाथ में पान, सुपारी, कोहरे का फूल, द्रव्य एवं अन्य सामग्री रखा जाता है. इसके बाद मंत्र उच्चारण करती हुई बहन बोलती है 'गंगा अपने भाई यमुना का पूजन करती हैं हम उसी तरह अपने भाई का पूजन करते हैं, जिस तरह से गंगा और यमुना का धारा बहे उसी तरह से मेरे भाई की आयु बढ़े'.