रांचीः शहर के दुर्गा पूजा समिति पंडालों के लगभग 80 प्रतिशत प्रतिमा का विसर्जन राजधानी के बड़ा तालाब में किया जाता है, लेकिन इस साल बड़ा तालाब की जो दुर्दशा है उससे यह सवाल उठ रहे हैं कि क्या मां दुर्गा की प्रतिमा का विसर्जन गंदे पानी और कचरे के अंबार से भरे बड़ा तालाब में होगा.
दरअसल, बड़ा तालाब के सौंदर्यीकरण का काम लगातार चल रहा है, लेकिन अब तक न ही सौंदर्यकरण का काम पूरा हो पाया है और न ही बड़ा तालाब की सफाई का काम ही पूरा हो पाया है. आलम यह है कि वर्तमान में बड़ा तलाब का पानी गंदगी और जलकुंभी से भर गया है और महज दो दिनों बाद ही दुर्गा पूजा समितियों द्वारा वहां मां दुर्गा की प्रतिमा का विसर्जन किया जाना है. ऐसे में अब तक न ही जलकुंभी को हटाया गया है और न ही तालाब के पानी की साफ सफाई की कोई व्यवस्था की गई है. जिससे यह सवाल उठना लाजमी हो गया है कि क्या बड़ा तलाब के गंदे पानी में मां दुर्गा की प्रतिमा का विसर्जन होगा?
निगम इस ओर नहीं दे रहा ध्यान
गणेश चतुर्थी से पहले रांची के सांसद संजय सेठ ने बड़ा तालाब का निरीक्षण भी किया था और वहां सौंदर्यकरण का कार्य कर रही कंस्ट्रक्शन कंपनी को इस साल के अंत तक का अल्टीमेटम भी दिया गया है. इसके साथ ही तालाब की सफाई के निर्देश भी दिए गए थे. जिस पर निगम ने त्वरित कार्रवाई की भी बात की थी. वहीं, राज्य के मुख्यमंत्री का बड़ा तालाब का सौंदर्यीकरण ड्रीम प्रोजेक्ट के रूप में है, लेकिन बड़ा तलाब की जो स्थिति बनी हुई है उससे यह कहना गलत नहीं होगा कि मुख्यमंत्री और सांसद तक की बात को तरजीह नहीं मिल रही है. जिसका खामियाजा लोगों को उठाना पड़ रहा है.
ये भी पढ़ें- महंगाई पर भारी पड़ी आस्था, बढ़ी कीमतों के बावजूद लोग खूब कर रहे फलों की खरीदारी
सफाई के लिए केवल 2 मजदूर
हैरत की बात तो यह है कि जब विसर्जन का समय नजदीक आया तो निगम की ओर से बड़ा तालाब की सफाई के लिए मात्र 2 सफाई कर्मी लगाए गए हैं. जो सुबह के समय जलकुंभी हटाते फिर रहे हैं, लेकिन उन्होंने भी हार मान ली है. सफाई का काम कर रहे देव कुल्लू का कहना है कि सिर्फ दो सफाई कर्मी लगाए गए हैं. ऐसे में सफाई का काम होना मुश्किल है.
संस्थापक ने सभी अधिकारियों को घेरा
वहीं, युवा दस्ता के संस्थापक राजीव रंजन मिश्रा ने बड़ा तलाब की दुर्दशा को लेकर सीधे तौर पर कहा है कि दुर्गा पूजा से लेकर छठ पूजा तक बड़ा तलाब नेताओं के लिए पर्यटन स्थल रहता है. ताकि यहां से वह राजनीत कर सके, लेकिन सफाई के नाम पर कुछ भी नहीं होता.