रांची: स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने बताया कि जांच का दायरा बढ़ाया गया है और ज्यादा से ज्यादा जांच कैसे हो इस पर काम किया जा रहा है. प्रवासी मजदूरों के झारखंड आने पर स्क्रीनिंग कराये जा रहे हैं. अगर कोई ऐसा पॉजिटिव लक्षण पाया जाता है, तो रैपिड टेस्ट के लिए भेजा जाता है. स्वास्थ्य विभाग और राज्य सरकार को इस बात की चिंता है कि राज्य के किसी भी कोने में कोई संक्रमित छूट न जाए.
उन्होंने कहा कि एक-एक मरीज को क्वॉरेंटाइन सेंटर में रखकर उसे स्वास्थ्य लाभ देना हमारी प्राथमिकता है, तभी झारखंड में हम कोरोना को हरा पाएंगे और भगा पाएंगे. वहीं उन्होंने राज्यवासियों की हिम्मत बढ़ाते हुए कहा कि अब कोरोना से हमें डरने की आवश्यकता नहीं है. हमें सचेत रहना है. हमें अपने डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ को पूरी तरह से सपोर्ट करना है. शुरुआती दौर में लोगों को कोरोना के डर ने जरूर सताया लेकिन अब लोग इस खतरनाक वायरस से लड़ने के लिए पूरी तरह तैयार हैं. झारखंड के लोगों में रोग प्रतिरोधक क्षमता अच्छी है.
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केंद्र पर सौतेलेपन का व्यवहार करने का आरोप
केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए उन्होंने बताया कि हमें साथ नहीं मिल रहा है. बिना जानकारी के ही केंद्र सरकार मजदूरों से भरी ट्रेनें लगातार भेज रही है. इसकी जानकारी राज्य सरकार को नहीं दी जा रही है. जिस कारण राज्य सरकार को सभी मजदूरों की समुचित जांच कराने में काफी मशक्कत करनी पड़ रही है. अचानक भारी संख्या में मजदूरों के आने से उनके लिए समुचित व्यवस्था नहीं हो पा रही है. क्योंकि बाहर से आ रहे मजदूरों को जांच कराने की प्रक्रिया और फिर क्वॉरेंटाइन में रहने की प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है और इसके लिए समय लगता है फिर भी जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग सतर्क है.