ETV Bharat / city

बंधु तिर्की ने सदन में उठायी बात, कहा- अधिकारियों के भरोसे नहीं रहे सरकार, नियुक्ति नियमावली को करे रिव्यू - jharkhand budget

झारखंड में जेवीएम से निलंबित बंधु तिर्की ने सरकार को अधिकारियों से बचाने की बात कही. उन्होंने कहा कि राज्य के पदाधिकारियों से सवाल करने पर वो गोल मटोल जवाब देते हैं, जो सही नहीं है. इस पर भी सरकार को संज्ञान लेना चाहिए.

Bandhu Tirki told the government to avoid the authorities in ranchi
विधायक बंधु तिर्की
author img

By

Published : Mar 4, 2020, 6:00 PM IST

Updated : Mar 4, 2020, 7:52 PM IST

रांचीः झारखंड विकास मोर्चा से निलंबित विधायक और कांग्रेस का दामन थामने वाले बंधु तिर्की ने बुधवार को कहा कि राज्य सरकार को अधिकारियों से बचना होगा. उन्होंने कहा सरकार अगर पदाधिकारियों के भरोसे रही तो आगे चलकर समस्या होगी. उन्होंने कहा कि सरकार के सभी विभागों की नियुक्ति नियमावली को रिव्यू करने की जरूरत है.

विधायक बंधु तिर्की
वित्त वर्ष 2020-21 के बजट पर सेकंड हाफ में आयोजित वाद-विवाद में हिस्सा लेते हुए तिर्की ने कहा कि पिछली सरकार ने ऐसी नीतियां बनाई जिनकी वजह से झारखंड के युवक-युवतियों की जगह बाहर के बच्चों को नौकरियां मिली है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कुछ पदाधिकारी राज्य ऐसे हैं जो 3-4 साल से अधिक समय से एक ही जगह पर आसीन हैं. तिर्की ने कहा कि जनप्रतिनिधियों का सम्मान होना चाहिए और पदाधिकारियों को यह पता होना चाहिए कि जनप्रतिनिधि के साथ कैसा व्यवहार करना चाहिए. उन्होंने कहा कि इससे जुड़े प्रोटोकॉल भी भेजा जाना चाहिए ताकि एक मैसेज जाए.

एमवीआई नियुक्ति मामले में मिले जवाब से बिफरे बंधु

दरअसल, बंधु तिर्की ने एमवीआई में हुई नियुक्तियों को लेकर फर्स्ट हाफ पर सवाल भी उठाया था. उनके उस सवाल के जवाब में उन्हें 'कतिपय' कारणों का हवाला देते हुए नियुक्तियों को रद्द करने की बात कही थी. जिस पर तिर्की ने आपत्ति जताई थी. उन्होंने साफ तौर पर कहा कि कतिपय शब्द का प्रयोग कर अधिकारी बचना चाह रहे हैं.

अमर बाउरी का दावा पर्यटन को लेकर कुछ नहीं है बजट में

वहीं, वाद विवाद में हिस्सा लेते हुए अमर बावरी ने कहा कि बिना प्रतिपक्ष नेता के साधन कैसे चलेगा. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की ओर से पेश किये गए बजट में पर्यटन को लेकर कुछ भी नहीं है. जबकि पिछली सरकार ने पर्यटन के क्षेत्र में कई काम किए थे. सदन में हो रहे कथित गतिरोध को लेकर उन्होंने कहा कि वह उन्होंने विपक्षियों से सीखा है. बावरी ने कटाक्ष करते हुए कहा कि पिछली सरकार में जो विपक्ष ने किया वो उसे फॉलो कर रहे हैं. कांग्रेस के आलमगीर आलम ने साफ कहा कि विषय वाद विवाद से जुड़ा होना चाहिए.

विपक्ष ने किया हंगामा, वेल में हुए दंडवत

विपक्ष के सदस्य नारेबाजी करने से नहीं चूके उन्होंने स्पीकर के सामने जाकर हाथ जोड़े और न्याय की गुहार लगाने लगे. भाजपा सदस्यों ने कहा कि स्पीकर बाबूलाल मरांडी को बीजेपी के विधायक दल के नेता के रूप में मान्यता दें. एक तरफ जहां बजट को लेकर विवाद चलता रहा वहीं दूसरी तरफ बीजेपी के विधायक वेल में दंडवत होकर स्पीकर से न्याय की गुहार लगाने लगे.

ये भी पढ़ें- सनकी पति की हैवानियत, पत्नी और बेटे को जिंदा जलाया


स्पीकर ने अपनाया कड़ा रुख
विपक्षी सदस्यों के वेल में आकर दंडवत होने के दौरान स्पीकर ने उन्हें अपनी जगह पर जाने को कहा. इसके साथ हो उन्होंने कहा कि दबाव देकर आसन से न्याय कराना सही नहीं है. उन्होंने सवालिया लहजे में यह भी कहा कि क्या यही परिपाटी रहेगी. उन्होंने कहा कि आसन को बाध्य नहीं किया जाए और सभी विधायक आचरण में रहे. स्पीकर ने कहा कि सबकी अपनी गरिमा है और आसन पर अनावश्यक दबाव नहीं डालें, निरपेक्ष ही रहने दें. उन्होंने कहा कि बीजेपी की मांग से जुड़ी बातें को लेकर कानूनी पक्ष की राय ली जा रही है और प्रक्रिया पूरी होने के बाद कोई निर्णय होगा. इसपर विपक्षी सदस्य जय श्री राम का नारा लगाते हुए सदन से वाकआउट कर गए.

इन सदस्यों ने लिए वाद विवाद में हिस्सा
वहीं, वित्त वर्ष 2020-21 के पेश हुए बजट को लेकर आयोजित वाद विवाद में झाविमो के प्रदीप यादव, आजसू पार्टी के लंबोदर महतो, कांग्रेस के इरफान अंसारी, भाकपा माले के विनोद सिंह, झामुमो के दीपक बिरुआ और निर्दलीय अमित यादव समेत कुछ अन्य सदस्यों ने भी हिस्सा लिया.

रांचीः झारखंड विकास मोर्चा से निलंबित विधायक और कांग्रेस का दामन थामने वाले बंधु तिर्की ने बुधवार को कहा कि राज्य सरकार को अधिकारियों से बचना होगा. उन्होंने कहा सरकार अगर पदाधिकारियों के भरोसे रही तो आगे चलकर समस्या होगी. उन्होंने कहा कि सरकार के सभी विभागों की नियुक्ति नियमावली को रिव्यू करने की जरूरत है.

विधायक बंधु तिर्की
वित्त वर्ष 2020-21 के बजट पर सेकंड हाफ में आयोजित वाद-विवाद में हिस्सा लेते हुए तिर्की ने कहा कि पिछली सरकार ने ऐसी नीतियां बनाई जिनकी वजह से झारखंड के युवक-युवतियों की जगह बाहर के बच्चों को नौकरियां मिली है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कुछ पदाधिकारी राज्य ऐसे हैं जो 3-4 साल से अधिक समय से एक ही जगह पर आसीन हैं. तिर्की ने कहा कि जनप्रतिनिधियों का सम्मान होना चाहिए और पदाधिकारियों को यह पता होना चाहिए कि जनप्रतिनिधि के साथ कैसा व्यवहार करना चाहिए. उन्होंने कहा कि इससे जुड़े प्रोटोकॉल भी भेजा जाना चाहिए ताकि एक मैसेज जाए.

एमवीआई नियुक्ति मामले में मिले जवाब से बिफरे बंधु

दरअसल, बंधु तिर्की ने एमवीआई में हुई नियुक्तियों को लेकर फर्स्ट हाफ पर सवाल भी उठाया था. उनके उस सवाल के जवाब में उन्हें 'कतिपय' कारणों का हवाला देते हुए नियुक्तियों को रद्द करने की बात कही थी. जिस पर तिर्की ने आपत्ति जताई थी. उन्होंने साफ तौर पर कहा कि कतिपय शब्द का प्रयोग कर अधिकारी बचना चाह रहे हैं.

अमर बाउरी का दावा पर्यटन को लेकर कुछ नहीं है बजट में

वहीं, वाद विवाद में हिस्सा लेते हुए अमर बावरी ने कहा कि बिना प्रतिपक्ष नेता के साधन कैसे चलेगा. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की ओर से पेश किये गए बजट में पर्यटन को लेकर कुछ भी नहीं है. जबकि पिछली सरकार ने पर्यटन के क्षेत्र में कई काम किए थे. सदन में हो रहे कथित गतिरोध को लेकर उन्होंने कहा कि वह उन्होंने विपक्षियों से सीखा है. बावरी ने कटाक्ष करते हुए कहा कि पिछली सरकार में जो विपक्ष ने किया वो उसे फॉलो कर रहे हैं. कांग्रेस के आलमगीर आलम ने साफ कहा कि विषय वाद विवाद से जुड़ा होना चाहिए.

विपक्ष ने किया हंगामा, वेल में हुए दंडवत

विपक्ष के सदस्य नारेबाजी करने से नहीं चूके उन्होंने स्पीकर के सामने जाकर हाथ जोड़े और न्याय की गुहार लगाने लगे. भाजपा सदस्यों ने कहा कि स्पीकर बाबूलाल मरांडी को बीजेपी के विधायक दल के नेता के रूप में मान्यता दें. एक तरफ जहां बजट को लेकर विवाद चलता रहा वहीं दूसरी तरफ बीजेपी के विधायक वेल में दंडवत होकर स्पीकर से न्याय की गुहार लगाने लगे.

ये भी पढ़ें- सनकी पति की हैवानियत, पत्नी और बेटे को जिंदा जलाया


स्पीकर ने अपनाया कड़ा रुख
विपक्षी सदस्यों के वेल में आकर दंडवत होने के दौरान स्पीकर ने उन्हें अपनी जगह पर जाने को कहा. इसके साथ हो उन्होंने कहा कि दबाव देकर आसन से न्याय कराना सही नहीं है. उन्होंने सवालिया लहजे में यह भी कहा कि क्या यही परिपाटी रहेगी. उन्होंने कहा कि आसन को बाध्य नहीं किया जाए और सभी विधायक आचरण में रहे. स्पीकर ने कहा कि सबकी अपनी गरिमा है और आसन पर अनावश्यक दबाव नहीं डालें, निरपेक्ष ही रहने दें. उन्होंने कहा कि बीजेपी की मांग से जुड़ी बातें को लेकर कानूनी पक्ष की राय ली जा रही है और प्रक्रिया पूरी होने के बाद कोई निर्णय होगा. इसपर विपक्षी सदस्य जय श्री राम का नारा लगाते हुए सदन से वाकआउट कर गए.

इन सदस्यों ने लिए वाद विवाद में हिस्सा
वहीं, वित्त वर्ष 2020-21 के पेश हुए बजट को लेकर आयोजित वाद विवाद में झाविमो के प्रदीप यादव, आजसू पार्टी के लंबोदर महतो, कांग्रेस के इरफान अंसारी, भाकपा माले के विनोद सिंह, झामुमो के दीपक बिरुआ और निर्दलीय अमित यादव समेत कुछ अन्य सदस्यों ने भी हिस्सा लिया.

Last Updated : Mar 4, 2020, 7:52 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.