ETV Bharat / city

कोरोना का खौफ, झारखंड के सरकारी दफ्तरों में बायोमैट्रिक हाजिरी पर रोक - बायोमैट्रिक उपस्थिति नियमावली

कोरोना को लेकर झारखंड सरकार सजग दिख रही है. झारखंड सरकार ने सरकारी दफ्तरों में बायोमैट्रिक हाजिरी पर अगले आदेश तक के लिए रोक लगा दी है.

Ban on biometric attendance
बायोमैट्रिक हाजिरी
author img

By

Published : Mar 11, 2020, 5:07 PM IST

रांची: झारखंड सरकार ने सरकारी दफ्तरों में बायोमैट्रिक हाजिरी पर अगले आदेश तक के लिए रोक लगा दी है. यह व्यवस्था कोरोना वायरस के प्रकोप से एहतियाती बचाव के मद्देनजर की गई है. केंद्र सरकार ने भी इस बाबत फैसला लिया है. इसको लेकर अधिसूचना भी जारी कर दी गई है.

Ban on biometric attendance
अधिसूचना

झारखंड में आधार आधारित बायोमैट्रिक उपस्थिति नियमावली, 2015 बनी थी. इसके तहत सभी सरकारी दफ्तरों में बायोमैट्रिक हाजिरी अनिवार्य कर दी गई थी. इसके दायरे में सरकारी कर्मचारियों के अलावा वैसे कर्मी भी आते हैं, जिनका नियोजन तीन महीने की अवधि के लिए किया गया था. अब कर्मचारियों को पूर्व की तरह उपस्थिति पंजी में मैनुअल उपस्थिति दर्ज करने को कहा गया है.

ये भी पढ़ें: मध्य प्रदेश के बाद झारखंड में भी संभावनाओं पर विचार कर सकती है बीजेपी, पार्टी ने किया इशारा

दरअसल, कोरोना के संभावित संक्रमण को देखते हुए यह फैसला लिया गया है. अभी तक की जांच में यह बात सामने आई है कि एक-दूसरे के संपर्क में आने से इस वायरस से संक्रमित होने का खतरा रहता है. बायोमैट्रिक सिस्टम के तहत हाजिरी बनाने पर संबंधित कर्मचारियों को अपनी उंगली को मशीन के स्क्रीन पर रखकर स्कैन करना पड़ता था, जिससे संक्रमण की संभावना बनी रहती थी. सरकार के इस कदम की काफी सराहना हो रही है. पिछले दिनों स्वास्थ्य विभाग की तरफ से निजी अस्पतालों को भी आइसोलेशन वार्ड की व्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया था ताकि संभावित मरीज के आने पर सरकारी अस्पताल के साथ को-ऑर्डिनेशन स्थापित की जा सके.

रांची: झारखंड सरकार ने सरकारी दफ्तरों में बायोमैट्रिक हाजिरी पर अगले आदेश तक के लिए रोक लगा दी है. यह व्यवस्था कोरोना वायरस के प्रकोप से एहतियाती बचाव के मद्देनजर की गई है. केंद्र सरकार ने भी इस बाबत फैसला लिया है. इसको लेकर अधिसूचना भी जारी कर दी गई है.

Ban on biometric attendance
अधिसूचना

झारखंड में आधार आधारित बायोमैट्रिक उपस्थिति नियमावली, 2015 बनी थी. इसके तहत सभी सरकारी दफ्तरों में बायोमैट्रिक हाजिरी अनिवार्य कर दी गई थी. इसके दायरे में सरकारी कर्मचारियों के अलावा वैसे कर्मी भी आते हैं, जिनका नियोजन तीन महीने की अवधि के लिए किया गया था. अब कर्मचारियों को पूर्व की तरह उपस्थिति पंजी में मैनुअल उपस्थिति दर्ज करने को कहा गया है.

ये भी पढ़ें: मध्य प्रदेश के बाद झारखंड में भी संभावनाओं पर विचार कर सकती है बीजेपी, पार्टी ने किया इशारा

दरअसल, कोरोना के संभावित संक्रमण को देखते हुए यह फैसला लिया गया है. अभी तक की जांच में यह बात सामने आई है कि एक-दूसरे के संपर्क में आने से इस वायरस से संक्रमित होने का खतरा रहता है. बायोमैट्रिक सिस्टम के तहत हाजिरी बनाने पर संबंधित कर्मचारियों को अपनी उंगली को मशीन के स्क्रीन पर रखकर स्कैन करना पड़ता था, जिससे संक्रमण की संभावना बनी रहती थी. सरकार के इस कदम की काफी सराहना हो रही है. पिछले दिनों स्वास्थ्य विभाग की तरफ से निजी अस्पतालों को भी आइसोलेशन वार्ड की व्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया था ताकि संभावित मरीज के आने पर सरकारी अस्पताल के साथ को-ऑर्डिनेशन स्थापित की जा सके.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.