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झारखंड में कृषि क्षेत्र के लिए जस्ट ट्रांजिशन रोडमैप लॉन्च, सोलर ऊर्जा से खुशहाल होंगे अन्नदाता!

झारखंड में कृषि क्षेत्र कैसे परंपरागत से गैर परंपरागत ऊर्जा स्रोत की ओर शिफ्ट हो, इसके लिए कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने एनर्जी ट्रांजिशन रोडमैप लॉन्च कर दिया.

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जस्ट ट्रांजिशन का रोड मैप लांच
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Published : Oct 29, 2021, 10:33 PM IST

Updated : Oct 30, 2021, 7:51 AM IST

रांची: पूरी दुनिया कोयला और पेट्रोल-डीजल जैसे परंपरागत ऊर्जा स्रोत की जगह गैर परंपरागत ऊर्जा स्रोत जैसे सोलर ऊर्जा, वायु ऊर्जा और पनबिजली की ओर शिफ्ट हो रही है. इस कड़ी में झारखंड में कृषि क्षेत्र को नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से जोड़ने की पहल शुरू हो गई. इसको लेकर झारखंड के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने एनर्जी ट्रांजिशन रोडमैप लॉन्च किया.

इसे भी पढे़ं: 4th झारखंड इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल की शुरुआत, पहले दिन 30 फिल्मों की स्क्रीनिंग

कार्यक्रम के दौरान कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि अन्नदाता की खुशहाली के लिए झारखंड सरकार ने कई कदम उठाए हैं. इस कड़ी में वर्ष 2037 तक कृषि क्षेत्र को व्यापक पैमाने पर ऊर्जा के गैर परंपरागत स्रोत से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है. ताकि कृषि क्षेत्र का विकास भी हो और परंपरागत ऊर्जा स्रोत पर निर्भरता भी कम है. उन्होंने कहा कि सरकार ने 2024 तक राज्य के जीडीपी में कृषि के योगदान को 12% से 20% तक करने का लक्ष्य रखा है.

देखें पूरी खबर
क्या कुछ खास है एनर्जी ट्रांजिशन रोडमैप में
1. यदि राज्य के कृषि फीडरों को सौर ऊर्जा से चलाया जाता है तो सरकार 12465 करोड़ रुपये बचा सकेगी और करीब 4250 मेगावाट सोलर क्षमता में वृद्धि होगी.


2. अक्षय ऊर्जा का सामाजिक और पर्यावरणीय लाभ भी होगा. राज्य में कृषि क्षेत्र में सौर ऊर्जा का इस्तेमाल बढ़ाने से वर्ष 2021-22 से वर्ष 2037-38 के बीच 36.4 मिलियन टन कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन से बचा जा सकता है. इसके लिए लक्ष्य तय किया गया है.

3. 8343 माइक्रो और मॉडल कोल्ड स्टोरेज की स्थापना से वर्ष 2021-22 से 2037-38 तक 3.64 मीट्रिक टन की भंडारण क्षमता पैदा होगी.

4. करीब 234000 ग्रिड कनेक्टेड सिंचाई पम्प और करीब 45950 स्टैंडअलोन ऑफ ग्रिड सोलर पंप सम्मिलित रूप से करीब 520 मेगा वाट बिजली की मांग पूरा कर सकेंगे.

5. ग्राम स्तर पर 81000 गोदामों की सुविधाओं के विकास से सोलर रूफ टॉप के जरिये 160 मेगावाट स्वच्छ ऊर्जा की राह खुलेगी.


6. सोलर एनर्जी के माध्यम से संचालित 10600 कृषि मशीनीकरण बैंकों का निर्माण प्रगतिशील खेती और आजीविका की ओर ले जा सकता है.


इसे भी पढे़ं: 5 लाख 89 हजार अन्नदाताओं की ऋण माफी, 8 लाख किसानों का लोन आवेदन स्वीकृत


सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ झारखंड, सीड, जरेडा और झारखंड सरकार की सलाह

1. राज्य में सस्टेनेबल एग्रीकल्चर मिशन की शुरु की जानी चाहिए.

2. यह मिशन सभी प्रमुख विभागों के बीच एक विजन और कन्वर्जेंस अप्रोच के साथ काम करे.

3. यह मिशन आर्थिक गतिविधियों में अक्षय ऊर्जा के समावेश के लिए नीतिगत पहल में अपनी भूमिका निभाए. क्योंकि यह बुनियादी ढांचे में निवेश, तकनीकी प्रदर्शन और जानकारी को बढ़ावा देने के लिए पायलट परियोजनाओं के राज्यव्यापी विस्तार के लिए जरूरी है.

4. विशेषज्ञों की मदद ली जाए.

5. लोगों में सोलर पावर को लेकर जागरुकता लाई जाए. क्योंकि ग्रामीण क्षेत्र के किसान को अभी भी नहीं पता है कि सरकार कितना सब्सिडी सोलर ऊर्जा के बढ़ावा देने के लिए दे रही है.

रांची: पूरी दुनिया कोयला और पेट्रोल-डीजल जैसे परंपरागत ऊर्जा स्रोत की जगह गैर परंपरागत ऊर्जा स्रोत जैसे सोलर ऊर्जा, वायु ऊर्जा और पनबिजली की ओर शिफ्ट हो रही है. इस कड़ी में झारखंड में कृषि क्षेत्र को नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से जोड़ने की पहल शुरू हो गई. इसको लेकर झारखंड के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने एनर्जी ट्रांजिशन रोडमैप लॉन्च किया.

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कार्यक्रम के दौरान कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि अन्नदाता की खुशहाली के लिए झारखंड सरकार ने कई कदम उठाए हैं. इस कड़ी में वर्ष 2037 तक कृषि क्षेत्र को व्यापक पैमाने पर ऊर्जा के गैर परंपरागत स्रोत से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है. ताकि कृषि क्षेत्र का विकास भी हो और परंपरागत ऊर्जा स्रोत पर निर्भरता भी कम है. उन्होंने कहा कि सरकार ने 2024 तक राज्य के जीडीपी में कृषि के योगदान को 12% से 20% तक करने का लक्ष्य रखा है.

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क्या कुछ खास है एनर्जी ट्रांजिशन रोडमैप में
1. यदि राज्य के कृषि फीडरों को सौर ऊर्जा से चलाया जाता है तो सरकार 12465 करोड़ रुपये बचा सकेगी और करीब 4250 मेगावाट सोलर क्षमता में वृद्धि होगी.


2. अक्षय ऊर्जा का सामाजिक और पर्यावरणीय लाभ भी होगा. राज्य में कृषि क्षेत्र में सौर ऊर्जा का इस्तेमाल बढ़ाने से वर्ष 2021-22 से वर्ष 2037-38 के बीच 36.4 मिलियन टन कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन से बचा जा सकता है. इसके लिए लक्ष्य तय किया गया है.

3. 8343 माइक्रो और मॉडल कोल्ड स्टोरेज की स्थापना से वर्ष 2021-22 से 2037-38 तक 3.64 मीट्रिक टन की भंडारण क्षमता पैदा होगी.

4. करीब 234000 ग्रिड कनेक्टेड सिंचाई पम्प और करीब 45950 स्टैंडअलोन ऑफ ग्रिड सोलर पंप सम्मिलित रूप से करीब 520 मेगा वाट बिजली की मांग पूरा कर सकेंगे.

5. ग्राम स्तर पर 81000 गोदामों की सुविधाओं के विकास से सोलर रूफ टॉप के जरिये 160 मेगावाट स्वच्छ ऊर्जा की राह खुलेगी.


6. सोलर एनर्जी के माध्यम से संचालित 10600 कृषि मशीनीकरण बैंकों का निर्माण प्रगतिशील खेती और आजीविका की ओर ले जा सकता है.


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सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ झारखंड, सीड, जरेडा और झारखंड सरकार की सलाह

1. राज्य में सस्टेनेबल एग्रीकल्चर मिशन की शुरु की जानी चाहिए.

2. यह मिशन सभी प्रमुख विभागों के बीच एक विजन और कन्वर्जेंस अप्रोच के साथ काम करे.

3. यह मिशन आर्थिक गतिविधियों में अक्षय ऊर्जा के समावेश के लिए नीतिगत पहल में अपनी भूमिका निभाए. क्योंकि यह बुनियादी ढांचे में निवेश, तकनीकी प्रदर्शन और जानकारी को बढ़ावा देने के लिए पायलट परियोजनाओं के राज्यव्यापी विस्तार के लिए जरूरी है.

4. विशेषज्ञों की मदद ली जाए.

5. लोगों में सोलर पावर को लेकर जागरुकता लाई जाए. क्योंकि ग्रामीण क्षेत्र के किसान को अभी भी नहीं पता है कि सरकार कितना सब्सिडी सोलर ऊर्जा के बढ़ावा देने के लिए दे रही है.

Last Updated : Oct 30, 2021, 7:51 AM IST
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