रांची: झारखंड में कोरोना के कारण शिक्षा व्यवस्था बे-पटरी हो गई है. सरकारी स्कूलों में ऑनलाइन क्लास जारी रखना विभाग के लिए फिर से चुनौती बन गई है. वर्ष 2020 से अब तक लगातार कोशिश के बावजूद अब भी ग्रामीण क्षेत्र के 80 फीसदी विद्यार्थी ऑनलाइन पढ़ाई से दूर हैं.
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स्मार्टफोन के कारण बढ़ी परेशानी: साल 2020 की ऑनलाइन पढ़ाई की फीडबैक में शिक्षा विभाग को पता चला कि ऑनलाइन पढ़ाई से दूरी की वजह बच्चों के हाथों में स्मार्टफोन का नहीं होना है. इसके बाद झारखंड पुलिस ने मदद के लिए हाथ बढाया. झारखंड पुलिस ने विभिन्न जिलों में 432 उपकरण बैंक बना कर आमजन से स्मार्टफोन आदि देने की अपील की. इसके बाद जो स्मार्टफोन, टैब, लैपटॉप मिले उसे पुलिस ने जिलावार बच्चों के बीच बांटे. अब तक हजारों स्मार्टफोन दिए जा चुके हैं. इसके बाद भी जो फर्क आया वो महज 7 फीसदी है. मिली जानकारी के अनुसार अब तक पुलिस उपकरण बैंकों में 21 लैपटाप, 39 कंप्यूटर, 1489 स्मार्टफोन व 32 टैब जमा हो चुके हैं. कई कॉरपोरेट संस्थानों ने भी आठ मोबाइल एक लैपटॉप और 20 कंप्यूटर दान दिए हैं.
अधिकारियों के पास नहीं है जवाब: मामले को लेकर संबंधित अधिकारियों से भी बातचीत करने की कोशिश की गई. लेकिन उन्होंने फिलहाल इस पूरे मामले पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया. वहीं अभिभावकों ने भी माना है कि ऑनलाइन क्लास से बच्चों को कोई फायदा नहीं मिल रहा है. ऐसे में पठन-पाठन की गुणवत्ता में धीरे धीरे कमी आ रही है. राज्य सरकार के पूर्व मंत्री अमर कुमार बाउरी की माने तो वर्तमान सरकार ने शिक्षा पर फोकस ही नहीं किया है. शिक्षा व्यवस्था पर ध्यान नहीं देने की वजह से यह स्थिति उत्पन्न हुई है.