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Corona Effect in Jharkhand न मोबाइल, न नेटवर्क, ऊपर से स्कूल बंद, कैसे पढ़ेंगे बच्चे

कोरोना के कारण झारखंड की शिक्षा व्यवस्था बेपटरी हो गई है. सरकारी स्कूलों में ऑनलाइन क्लास सुचारू रखना विभाग के लिए चुनौती बन गई है. बच्चों और उनके अभिभावकों के हाथों में स्मार्टफोन नहीं होने की वजह से गांव में रहने वाले बच्चे ऑनलाइन क्लास से वंचित हो जाते हैं.

How will children study
बच्चों की कैसे होगी पढ़ाई
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Published : Jan 10, 2022, 5:32 PM IST

Updated : Jan 10, 2022, 7:59 PM IST

रांची: झारखंड में कोरोना के कारण शिक्षा व्यवस्था बे-पटरी हो गई है. सरकारी स्कूलों में ऑनलाइन क्लास जारी रखना विभाग के लिए फिर से चुनौती बन गई है. वर्ष 2020 से अब तक लगातार कोशिश के बावजूद अब भी ग्रामीण क्षेत्र के 80 फीसदी विद्यार्थी ऑनलाइन पढ़ाई से दूर हैं.

ये भी पढ़ें- Corona Vaccination in Jharkhand: झारखंड में कोरोना बूस्टर डोज देने की शुरुआत

स्मार्टफोन के कारण बढ़ी परेशानी: साल 2020 की ऑनलाइन पढ़ाई की फीडबैक में शिक्षा विभाग को पता चला कि ऑनलाइन पढ़ाई से दूरी की वजह बच्चों के हाथों में स्मार्टफोन का नहीं होना है. इसके बाद झारखंड पुलिस ने मदद के लिए हाथ बढाया. झारखंड पुलिस ने विभिन्न जिलों में 432 उपकरण बैंक बना कर आमजन से स्मार्टफोन आदि देने की अपील की. इसके बाद जो स्मार्टफोन, टैब, लैपटॉप मिले उसे पुलिस ने जिलावार बच्चों के बीच बांटे. अब तक हजारों स्मार्टफोन दिए जा चुके हैं. इसके बाद भी जो फर्क आया वो महज 7 फीसदी है. मिली जानकारी के अनुसार अब तक पुलिस उपकरण बैंकों में 21 लैपटाप, 39 कंप्यूटर, 1489 स्मार्टफोन व 32 टैब जमा हो चुके हैं. कई कॉरपोरेट संस्थानों ने भी आठ मोबाइल एक लैपटॉप और 20 कंप्यूटर दान दिए हैं.

देखें वीडियो

झारखंड पुलिस का प्रयास:
पुलिस की ओर से बांटे गये स्मार्टफोन की जिलावार बात करें तो रांची पुलिस ने नौ स्मार्टफोन, खूंटी ने 21 स्मार्टफोन, गुमला पुलिस ने 14 स्मार्टफोन, सिमडेगा पुलिस ने 162 स्मार्टफोन और एक लैपटॉप, सरायकेला पुलिस ने 25 स्मार्टफोन और 02 टैबलेट, रामगढ़ पुलिस ने 52 स्मार्टफोन और 10 टैबलेट, चतरा पुलिस ने आठ स्मार्टफोन और एक लैपटाप, गिरिडीह पुलिस ने 31 स्मार्टफोन, गोड्डा पुलिस ने 25 स्मार्टफोन तो वहीं साहिबगंज पुलिस ने नौ स्मार्टफोन बांटे हैं.
80 फीसदी बच्चे पढ़ाई से वंचित: एक सर्वे के मुताबिक पांच राज्यों में सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले 80 फीसदी बच्चे पढ़ाई नहीं कर पाए हैं. बच्चे ऑनलाइन क्लास में शामिल नहीं हो सके. इसके पीछे जो सबसे बड़ी वजह बतायी गयी वह यह थी कि अधिकांश परिवारों के बच्चों के पास ऑनलाइन क्लास करने के लिए संसाधन नहीं थे. झारखंड के सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में सर्वे किया गया. जिसके तहत पाया गया कि अधिकतर बच्चों के पास और उनके अभिभावक के पास स्मार्टफोन है ही नहीं और अगर स्मार्टफोन है भी तो इंटरनेट की कमी के कारण ऑनलाइन क्लास से बच्चे वंचित हुए हैं.



अधिकारियों के पास नहीं है जवाब: मामले को लेकर संबंधित अधिकारियों से भी बातचीत करने की कोशिश की गई. लेकिन उन्होंने फिलहाल इस पूरे मामले पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया. वहीं अभिभावकों ने भी माना है कि ऑनलाइन क्लास से बच्चों को कोई फायदा नहीं मिल रहा है. ऐसे में पठन-पाठन की गुणवत्ता में धीरे धीरे कमी आ रही है. राज्य सरकार के पूर्व मंत्री अमर कुमार बाउरी की माने तो वर्तमान सरकार ने शिक्षा पर फोकस ही नहीं किया है. शिक्षा व्यवस्था पर ध्यान नहीं देने की वजह से यह स्थिति उत्पन्न हुई है.

रांची: झारखंड में कोरोना के कारण शिक्षा व्यवस्था बे-पटरी हो गई है. सरकारी स्कूलों में ऑनलाइन क्लास जारी रखना विभाग के लिए फिर से चुनौती बन गई है. वर्ष 2020 से अब तक लगातार कोशिश के बावजूद अब भी ग्रामीण क्षेत्र के 80 फीसदी विद्यार्थी ऑनलाइन पढ़ाई से दूर हैं.

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स्मार्टफोन के कारण बढ़ी परेशानी: साल 2020 की ऑनलाइन पढ़ाई की फीडबैक में शिक्षा विभाग को पता चला कि ऑनलाइन पढ़ाई से दूरी की वजह बच्चों के हाथों में स्मार्टफोन का नहीं होना है. इसके बाद झारखंड पुलिस ने मदद के लिए हाथ बढाया. झारखंड पुलिस ने विभिन्न जिलों में 432 उपकरण बैंक बना कर आमजन से स्मार्टफोन आदि देने की अपील की. इसके बाद जो स्मार्टफोन, टैब, लैपटॉप मिले उसे पुलिस ने जिलावार बच्चों के बीच बांटे. अब तक हजारों स्मार्टफोन दिए जा चुके हैं. इसके बाद भी जो फर्क आया वो महज 7 फीसदी है. मिली जानकारी के अनुसार अब तक पुलिस उपकरण बैंकों में 21 लैपटाप, 39 कंप्यूटर, 1489 स्मार्टफोन व 32 टैब जमा हो चुके हैं. कई कॉरपोरेट संस्थानों ने भी आठ मोबाइल एक लैपटॉप और 20 कंप्यूटर दान दिए हैं.

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झारखंड पुलिस का प्रयास:
पुलिस की ओर से बांटे गये स्मार्टफोन की जिलावार बात करें तो रांची पुलिस ने नौ स्मार्टफोन, खूंटी ने 21 स्मार्टफोन, गुमला पुलिस ने 14 स्मार्टफोन, सिमडेगा पुलिस ने 162 स्मार्टफोन और एक लैपटॉप, सरायकेला पुलिस ने 25 स्मार्टफोन और 02 टैबलेट, रामगढ़ पुलिस ने 52 स्मार्टफोन और 10 टैबलेट, चतरा पुलिस ने आठ स्मार्टफोन और एक लैपटाप, गिरिडीह पुलिस ने 31 स्मार्टफोन, गोड्डा पुलिस ने 25 स्मार्टफोन तो वहीं साहिबगंज पुलिस ने नौ स्मार्टफोन बांटे हैं.
80 फीसदी बच्चे पढ़ाई से वंचित: एक सर्वे के मुताबिक पांच राज्यों में सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले 80 फीसदी बच्चे पढ़ाई नहीं कर पाए हैं. बच्चे ऑनलाइन क्लास में शामिल नहीं हो सके. इसके पीछे जो सबसे बड़ी वजह बतायी गयी वह यह थी कि अधिकांश परिवारों के बच्चों के पास ऑनलाइन क्लास करने के लिए संसाधन नहीं थे. झारखंड के सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में सर्वे किया गया. जिसके तहत पाया गया कि अधिकतर बच्चों के पास और उनके अभिभावक के पास स्मार्टफोन है ही नहीं और अगर स्मार्टफोन है भी तो इंटरनेट की कमी के कारण ऑनलाइन क्लास से बच्चे वंचित हुए हैं.



अधिकारियों के पास नहीं है जवाब: मामले को लेकर संबंधित अधिकारियों से भी बातचीत करने की कोशिश की गई. लेकिन उन्होंने फिलहाल इस पूरे मामले पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया. वहीं अभिभावकों ने भी माना है कि ऑनलाइन क्लास से बच्चों को कोई फायदा नहीं मिल रहा है. ऐसे में पठन-पाठन की गुणवत्ता में धीरे धीरे कमी आ रही है. राज्य सरकार के पूर्व मंत्री अमर कुमार बाउरी की माने तो वर्तमान सरकार ने शिक्षा पर फोकस ही नहीं किया है. शिक्षा व्यवस्था पर ध्यान नहीं देने की वजह से यह स्थिति उत्पन्न हुई है.

Last Updated : Jan 10, 2022, 7:59 PM IST
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