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बाबूलाल मरांडी का राज्य सरकार पर आरोप, कहा- लोगों को पानी देने के बजाए शराब की दुकान खुलवा रही सरकार

सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री सह बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने राज्य सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि जनता को सुविधा मुहैया कराने की होती है तब सरकार केवल खानापूर्ति कर रही है. इसके अलावा कहा कि भीषण गर्मी में लोगों को पानी देने की जगह सरकार शराब की दुकान खोलने में मशगूल है.

babulal, बाबूलाल
बाबूलाल मरांडी, विधायक
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Published : May 19, 2020, 7:28 PM IST

रांची : बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने मंगलवार को झारखंड सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार जनता का दोहन करने का कोई मौका नहीं छोड़ रही है. मरांडी ने कहा बात जब जनता को सुविधा मुहैया कराने की होती है तब सरकार केवल खानापूर्ति करती नजर आती है. कोरोना संक्रमण के जांच का उदाहरण देते हुए मरांडी ने कहा कि दूसरों प्रदेशों में जहां 2500 रुपये में इसकी जांच हो रही है वहीं झारखंड में से इसकी कीमत 4500 रुपये निजी लैब में लग रहे हैं.

क्वॉरेंटाइन सेंटर में दिए जा रहे भोजन की दर काफी कम
इतना ही नहीं क्वॉरेंटाइन सेंटर में प्रति व्यक्ति तीनों वक्त के भोजन के दर भी काफी कम है. उन्होंने कहा कि पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ में यह दर 150 रुपये है तो बिहार में इसकी दर 125 रुपये तय की गई है. हैरत की बात यह है कि झारखंड में यह दर महज 60 रुपये है, ऐसे में पौष्टिक भोजन किस प्रकार का होगा यह आसानी से समझा जा सकता है.

ये भी पढ़ें- लातेहार में मिला एक और कोरोना पॉजिटिव मरीज, तेलंगाना से लौटा था मजदूर

पानी की जगह शराब की दुकान खुलवाने में लगी है सरकार
वहीं, मरांडी ने राज्य सरकार के शराब की दुकान खोलने के निर्णय पर भी सवाल उठाया है. उन्होंने कहा कि भीषण गर्मी में लोगों को पानी मिले, साथ ही उनकी जरूरत के सामान मिले इस पर सरकार का ध्यान नहीं है लेकिन सरकार शराब की दुकान खोलने में मशगूल है. उन्होंने आगे कहा कि रमजान के महीने में रोजा रखनेवालों की भी सबसे बड़ी जरूरत पानी है लेकिन सरकार तात्कालिक जरूरत और महत्व के मुद्दों को नजरअंदाज कर इस तरह की गतिविधियों में शामिल हो रही है.

रांची : बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने मंगलवार को झारखंड सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार जनता का दोहन करने का कोई मौका नहीं छोड़ रही है. मरांडी ने कहा बात जब जनता को सुविधा मुहैया कराने की होती है तब सरकार केवल खानापूर्ति करती नजर आती है. कोरोना संक्रमण के जांच का उदाहरण देते हुए मरांडी ने कहा कि दूसरों प्रदेशों में जहां 2500 रुपये में इसकी जांच हो रही है वहीं झारखंड में से इसकी कीमत 4500 रुपये निजी लैब में लग रहे हैं.

क्वॉरेंटाइन सेंटर में दिए जा रहे भोजन की दर काफी कम
इतना ही नहीं क्वॉरेंटाइन सेंटर में प्रति व्यक्ति तीनों वक्त के भोजन के दर भी काफी कम है. उन्होंने कहा कि पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ में यह दर 150 रुपये है तो बिहार में इसकी दर 125 रुपये तय की गई है. हैरत की बात यह है कि झारखंड में यह दर महज 60 रुपये है, ऐसे में पौष्टिक भोजन किस प्रकार का होगा यह आसानी से समझा जा सकता है.

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पानी की जगह शराब की दुकान खुलवाने में लगी है सरकार
वहीं, मरांडी ने राज्य सरकार के शराब की दुकान खोलने के निर्णय पर भी सवाल उठाया है. उन्होंने कहा कि भीषण गर्मी में लोगों को पानी मिले, साथ ही उनकी जरूरत के सामान मिले इस पर सरकार का ध्यान नहीं है लेकिन सरकार शराब की दुकान खोलने में मशगूल है. उन्होंने आगे कहा कि रमजान के महीने में रोजा रखनेवालों की भी सबसे बड़ी जरूरत पानी है लेकिन सरकार तात्कालिक जरूरत और महत्व के मुद्दों को नजरअंदाज कर इस तरह की गतिविधियों में शामिल हो रही है.

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