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बाबूलाल मरांडी और दीपक प्रकाश की अमित शाह से मुलाकात, झारखंड कांग्रेस में हलचल

दिल्ली में बीजपी विधायक दल के नेता बाबूबाल मरांडी, प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के बीच हुई मुलाकात से प्रदेश कांग्रेस में हलचल मच गई है. जेपीसीसी ने आशंका जाहीर करते हुए कहा की ऐसी संकट की घड़ी में दिल्ली जाकर मुलाताक करना कोई साधारण बात नहीं है. इसके पीछे कोई राजनीतिक मायने छिपे है.

Congress on BJP
कांग्रेसियों में हलचल
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Published : Jul 18, 2020, 5:04 PM IST

रांचीः झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने आशंका जताई है कि बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी, प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के बीच हुई बातचीत कोई साधारण मुलाकात नहीं है, बल्कि इस भेंट में कई राजनीतिक मायने छिपे हुए हैं. प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता आलोक दुबे ने कहा है कि कोरोना संक्रमण काल में जब केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी कई सार्वजनिक कार्यक्रमों में हिस्सा लेने या लोगों से मुलाकात करने में बच रहे है. ऐसे में अचानक रांची से दिल्ली जाना कोई साधारण बात नहीं हो सकती है. उन्होंने कहा कि इस मुलाकात में कई रहस्य छिपे हुए है. इसके साथ ही बीजेपी नेताओं के दिल्ली से वापस आने पर कोरोना से बचाव के गाइडलाइन का पालन कराए जाने की भी मांग की है.

कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता आलोक दुबे
वहीं, कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता किशोर नाथ शाहदेव ने कहा कि झारखंड में कांग्रेस, जेएमएम और आरजेडी गठबंधन बेहतर तरीके से काम कर रही है. कोरोना संकटकाल में पुलिस प्रशासन ने जहां बेहतर तरीके से विधि व्यवस्था को बनाये रखने में कामयाबी हासिल की है. वहीं इस लॉकडाउन में थानों में चलने वाले सामुदायिक किचन से झारखंड पुलिस का देशभर में मानवीय चेहरा भी उभर कर सामने आया है. उन्होंने कहा कि बाबूलाल मरांडी और उनके दल के नेताओं को सिर्फ अपनी चिंता है. कभी भाजपा नेता पार्टी सांसद निशिकांत दुबे के खिलाफ दर्ज मामले को लेकर राज्यपाल से मिलते है, तो कभी बाबूलाल मरांडी अपनी पार्टी के नेताओं को बॉडी गार्ड दिलाने को लेकर मुख्यमंत्री से लेकर केंद्रीय गृहमंत्री तक को पत्र लिखते है, लेकिन जनता की समस्याओं को लेकर कोई बात नहीं करते.

ये भी पढ़ें- सांसद पुत्र के युवा ड्राइवर की कोरोना से मौत, धनबाद में मची सनसनी

इधर, प्रदेश प्रवक्ता राजेश गुप्ता छोटू ने कहा कि झारखंड के एक विपक्षी नेता होने के कारण राज्य की जनता बाबूलाल मरांडी से यह उम्मीद कर रही थी कि वे लॉकडाउन से उत्पन्न परिस्थति में गरीबों की मदद, युवाओं को रोजगार और झारखंड को आर्थिक मदद मुहैय्या कराने पर बात करेंगे, लेकिन यह मुलाकात सिर्फ नौटंकी बनकर रह गया है. बाबूलाल मरांडी को सिर्फ अपनी और अपने पार्टी के नेताओं की चिंता है. राज्य की चिंता नहीं है, लेकिन हेमंत सोरेन और रामेश्वर उरांव के नेतृत्व में कानून कायम रहेगा.

रांचीः झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने आशंका जताई है कि बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी, प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के बीच हुई बातचीत कोई साधारण मुलाकात नहीं है, बल्कि इस भेंट में कई राजनीतिक मायने छिपे हुए हैं. प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता आलोक दुबे ने कहा है कि कोरोना संक्रमण काल में जब केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी कई सार्वजनिक कार्यक्रमों में हिस्सा लेने या लोगों से मुलाकात करने में बच रहे है. ऐसे में अचानक रांची से दिल्ली जाना कोई साधारण बात नहीं हो सकती है. उन्होंने कहा कि इस मुलाकात में कई रहस्य छिपे हुए है. इसके साथ ही बीजेपी नेताओं के दिल्ली से वापस आने पर कोरोना से बचाव के गाइडलाइन का पालन कराए जाने की भी मांग की है.

कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता आलोक दुबे
वहीं, कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता किशोर नाथ शाहदेव ने कहा कि झारखंड में कांग्रेस, जेएमएम और आरजेडी गठबंधन बेहतर तरीके से काम कर रही है. कोरोना संकटकाल में पुलिस प्रशासन ने जहां बेहतर तरीके से विधि व्यवस्था को बनाये रखने में कामयाबी हासिल की है. वहीं इस लॉकडाउन में थानों में चलने वाले सामुदायिक किचन से झारखंड पुलिस का देशभर में मानवीय चेहरा भी उभर कर सामने आया है. उन्होंने कहा कि बाबूलाल मरांडी और उनके दल के नेताओं को सिर्फ अपनी चिंता है. कभी भाजपा नेता पार्टी सांसद निशिकांत दुबे के खिलाफ दर्ज मामले को लेकर राज्यपाल से मिलते है, तो कभी बाबूलाल मरांडी अपनी पार्टी के नेताओं को बॉडी गार्ड दिलाने को लेकर मुख्यमंत्री से लेकर केंद्रीय गृहमंत्री तक को पत्र लिखते है, लेकिन जनता की समस्याओं को लेकर कोई बात नहीं करते.

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इधर, प्रदेश प्रवक्ता राजेश गुप्ता छोटू ने कहा कि झारखंड के एक विपक्षी नेता होने के कारण राज्य की जनता बाबूलाल मरांडी से यह उम्मीद कर रही थी कि वे लॉकडाउन से उत्पन्न परिस्थति में गरीबों की मदद, युवाओं को रोजगार और झारखंड को आर्थिक मदद मुहैय्या कराने पर बात करेंगे, लेकिन यह मुलाकात सिर्फ नौटंकी बनकर रह गया है. बाबूलाल मरांडी को सिर्फ अपनी और अपने पार्टी के नेताओं की चिंता है. राज्य की चिंता नहीं है, लेकिन हेमंत सोरेन और रामेश्वर उरांव के नेतृत्व में कानून कायम रहेगा.

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