रांचीः देश के अति पिछड़े जिलों में विकास की गति तेज हो. इसको लेकर आकांक्षी जिलों का चयन किया गया. इन चयनित जिलों में विकास की कई योजनाएं चलाई जा रही है. इसमें कई योजनायें महिला और बाल विकास से जुड़ी हैं. इन योजनाओं की समीक्षा को लेकर शनिवार को रांची में भारत सरकार और झारखंड सरकार की महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से जोनल समीक्षा बैठक आयोजित की गई.
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भारत सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग में राज्यमंत्री डॉ मुंजापारा महेंद्र भाई, केंद्रीय सचिव इंडेवर पांडे, झारखंड सरकार की मंत्री जोबा मांझी, विभागीय निदेशक बी राजेश्वरी, रांची के डीसी रवि रंजन के साथ साथ छत्तीसगढ़ और ओडिशा के आकांक्षी जिलों के डीडीसी और विभागीय अधिकारी मौजूद थे. इस बैठक में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी शामिल होने वाली थी. लेकिन किसी कारणवश शामिल नहीं हुई है.
मंत्री जोबा मांझी ने कहा कि झारखंड सरकार अपने स्तर से कुपोषित बच्चों के लिए कार्यक्रम चला रही है और सप्ताह में 6 दिन अंडा दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि अगर भारत सरकार राज्य को अपना केंद्रांश दे देती है तो रांची सहित राज्य के कई जिलों में नये आंगनबाड़ी केंद्र और सीडीपीओ को दुर्गम इलाके में जाने के लिए वाहन की व्यवस्था हो जाती. नीति आयोग के सलाहकार रामाकांत राजू ने कहा कि आकांक्षी जिलों में महिला और बाल विकास की योजनाओं में बेहतर काम हुआ है और उसका असर भी दिखने लगा है. लेकिन अभी और काम करने की जरूरत है, ताकि आकांक्षी जिलों में कुपोषण, अशिक्षा और स्वास्थ समस्याओं से मुक्ति पाई जा सके.
केंद्रीय राज्यमंत्री डॉ मुंजापारा महेंद्र भाई ने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्रों के निर्माण और अन्य योजनाओं के लिए जो प्रस्ताव झारखंड सरकार देगी. उसपर केंद्र सकारात्मक सोच के साथ विचार करेगी. उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार की केंद्रांश की भुगतान शीघ्र कर दिया जायेगा.