रांची: मेयर आशा लकड़ा ने गुरुवार को कहा है कि राज्य में कोरोना का कहर विकराल होता जा रहा है. कोरोना संक्रमितों की संख्या दिनों दिन बढ़ती ही जा रही है. राज्य सरकार के जारी किए गए आंकड़ों से स्पष्ट हो रहा है कि अब कोरोना वायरस का कम्युनिटी ट्रांसमिशन तेजी से हो रहा है. फिर भी इस वैश्विक महामारी को नियंत्रित करने की दिशा में कारगर कदम नहीं उठाए जा रहे हैं.
मेयर ने कहा कि राज्य सरकार अपनी नाकामी को छिपाने के लिए जनता से पाबंदियों का अनुपालन कराने के लिए कानून पारित कर रही है और जनहित में किए जाने वाले कार्यों से राज्य सरकार पीछे हट रही है. मेयर ने राज्य सरकार को सुझाव देते हुए कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय इस दिशा में चिंतन करे. अस्पतालों में कोरोना के मरीजों के इलाज के लिए पर्याप्त मात्रा में दवा और सुरक्षा उपकरणों की व्यवस्था की जाए. निजी अस्पतालों में निर्धारित शुल्क का भुगतान कर कोरोना जांच कराना आम लोगों के बाहर हो गई है.
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अधिक से अधिक संख्या में कोरोना संक्रमित मरीजों की जांच के लिए निजी अस्पतालों में भी कोरोना जांच निःशुल्क किया जाए. मेयर ने इस संबंध में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखा है. जिसमे कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए राज्य सरकार को रांची समेत पूरे राज्य में 15 से 20 दिनों के लिए लॉकडाउन करने का सुझाव दिया गया है. साथ ही कहा है कि संपूर्ण लॉकडाउन किए बिना शारीरिक दूरी और मुंह पर मास्क लगाने के निर्देशों का अनुपालन कराना संभव नहीं है. क्योंकि शहर में सभी प्रकार के हाट, बाजार, दुकान साथ ही सभी प्रकार के सरकारी और निजी ऑफिस समेत अन्य संस्थान खोल दिए गए हैं.
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर गंभीर नहीं है. जिस प्रकार प्रतिदिन सैंकड़ों की संख्या में कोरोना संक्रमित मिल रहे हैं. ऐसी स्थिति में स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली को दुरुस्त करने की जरुरत है. सभी सरकारी और निजी अस्पतालों के मुख्य अधिकारियों, सिविल सर्जन समेत राज्य के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों और विभागीय मंत्री के साथ मुख्यमंत्री को समीक्षा कर कोविड केयर सेंटर, क्वॉरेंटाइन सेंटर और कोरोना जांच में तेजी लाने की जरूरत है. साथ ही राज्य के सभी सदर अस्पतालों में दवा की कमी और लचर व्यवस्था को दुरुस्त करने की जरूरत है.
इसके अलावा रांची नगर निगम क्षेत्र में तत्काल अस्थाई 1,000 बेड का कोविड केयर सेंटर तैयार करने की जरूरत है, ताकि कोरोना संक्रमितों को भर्ती कर बेहतर चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध करायी जा सके. साथ ही 22 जुलाई को कैबिनेट की बैठक में कोरोना के रोकथाम से संबंधित पारित नियम को पूर्ण लॉकडाउन करने के बाद ही लागू करें, ताकि संबंधित नियमावली का सख्ती के साथ अनुपालन कराया जा सके.