रांचीः राजधानी के थड़पखना स्थिति चार दुकानों में 2 अक्टूबर को आग लग गयी थी. कड़ी मशक्कत के बाद फायर ब्रिगेड की टीम ने आग पर काबू पाया था. बताया गया कि एक गैस दुकान के सिलेंडर में ब्लास्ट से उठी आग की लपटों ने एक किराना दुकान, एक आइस्क्रीम की दुकान और एक प्लास्टिक की दुकान को अपनी चपेट में ले लिया था. लेकिन अब इस मामले ने एक नया रंग ले लिया है. इसे आदिवासी जमीन हड़पने की साजिश बताया जा रहा है (Conspiracy to grab tribal land).
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झारखंड की चर्चित सामाजिक कार्यकर्ता वास्वी किड़ो का आरोप है कि चंद्रप्रकाश गुप्ता और पुलिस मुख्यालय में बड़ा बाबू के पद पर तैनात राजेश सिंह ने संबंधित जमीन को हड़पने के लिए दुकानों में ज्वलनशील पदार्थ फेंककर आग लगवाई थी. वास्वी किड़ो ने गुरुवार को अन्य सामाजिक संगठन के कार्यकर्ताओं के साथ इसे बड़ी साजिश बताते हुए लोअर थाना पुलिस को निष्पक्ष जांच के लिए आवेदन दिया है. उन्होंने आरोप लगाया है कि चंद्रप्रकाश गुप्ता नामक शख्स उनकी जमीन को गैरकानूनी रूप से हड़पना चाहते हैं.
वास्वी किड़ो ने कह कि एचबी रोड के एमएस प्लॉट 1910 का निबंधन उनके भाई संजय उरांव, राजदीप उरांव, अनिता उरांव और संदीप उरांव द्वारा किया गया है. इस जमीन पर 70 सालों से कब्जा है. यहां उनका पूरा परिवार रहते हैं. लेकिन अचानक पिछले दिनों चंद्रप्रकाश गुप्ता 23 सितंबर को नापी करवाने आ गये. इसको रोका गया. इस दौरान चंद्रप्रकाश के साथ गनमैन भी था. उस दौरान चंद्रप्रकाश गुप्ता ने धमकी दी कि देखते हैं दीपावली और दशहरा आपलोग कैसे मनाते हैं.
वास्वी किड़ो का आरोप है कि पुलिस मुख्यालय में तैनात राजेश सिंह नामक बड़ा बाबू भी इस साजिश में शामिल है. वास्वी के समर्थन में एड़वा, आदिवासी अधिकार मंच, झारखंड आंदोलनकारी मोर्चा, मार्क्सवादी कोआर्डिनेशन कमेटी, आदिवासी विकास परिषद, सीपीआई और सीपीएमएल हैं. झारखंड महिला आयोग की पूर्व सदस्य वास्वी किड़ो ने लोअर बाजार थाना प्रभारी को आवेदन देकर प्राथमिकी दर्ज करने और सुरक्षा मुहैया कराने की मांग की है.