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Agneepath Scheme: रांची में सेना के अफसरों ने अग्निपथ योजना के बारे में दी जानकारी, कहा- इंडियन आर्मी होगी मजबूत

Agneepath Scheme के जरिए रक्षा मंत्रालय ने 10वीं 12वीं पास महिला पुरुष अभ्यर्थियों के लिए सेना के दरवाजे खोल दिए हैं. खास बात ये है कि इस योजना के तहत सिर्फ चार साल के लिए ही भारतीय सेना में शामिल होने का मौका मिलेगा. इसमें एयरफोर्स, नेवी और थल सेना शामिल हैं.

Agneepath Scheme
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Published : Jun 15, 2022, 6:48 PM IST

Updated : Jun 15, 2022, 9:27 PM IST

रांची: कॉकरेल डिवीजन के मेजर जनरल राजेश कुमार ने Agneepath Scheme 'अग्निपथ- सशस्त्र बलों में भर्ती की नई योजना' पर डिपाटोली स्थिति डिवीजन के मुख्यालय में मीडिया से बात की. इस दौरान उन्होंने कहा कि अग्निपथ 'योजना एक परिवर्तनकारी सुधार है. इसकी घोषणा 14 जून 2022 को रक्षा मंत्रालय द्वारा की गई है.

अग्निपथ योजना के संबंध में जानकारी देने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. इसी कड़ी में रांची में भी मीडिया को जानकारी दी गई. मेजर जनरल राजेश कुमार ने कहा कि हमारे सशस्त्र बलों को अधिक युवा, विविध और तकनीकी जानकार बनाने के उद्देश्य से इस योजना की शुरुआत हुई है. युद्ध का स्वरूप बदल रहा है जिसके लिए भारतीय सशस्त्र बलों को खुद को ढालने की जरूरत है.

ये भी पढ़ें: 4 साल के लिए सेना में होगी भर्ती, 'अग्निपथ स्कीम' का राजनाथ सिंह ने किया एलान

मेजर जनरल राजेश कुमार ने कहा कि हमारे देश के विशाल युवा जनसंख्या को देखते हुए भविष्य के युद्धक्षेत्र की चुनौतियों का सामना करने के लिए कुशल भर्ती की प्रक्रिया की आवश्यकता है. अग्निपथ योजना आईटीआई और अन्य तकनीकी प्रतिष्ठानों से भर्ती करके सैनिकों की तकनीकी सीमा बढ़ाएगी. यह 2030 तक भारतीय सशस्त बलों की औसत आयु प्रोफाइल को 32 वर्ष से घटाकर 24-26 वर्ष कर देगी. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यह वर्दी में उन लोगों के प्रतिनिधित्व को औरों से अधिक भिन्न बना देगी.

देखें वीडियो

हालांकि, अब तक भर्ती राज्यों के भर्ती योग्य पुरुष आबादी पर आधारित थी, लेकिन देश के कुल 755 जिलों में से केवल 168 में ही 75 % से अधिक का योगदान था. अब सभी 7226 ब्लॉकों को सेना में प्रतिनिधित्व का अवसर मिलेगा. भारत के युवाओं में राष्ट्र की सेवा करने के लिए देशभक्ति की एक मजबूत भावना देखी जाती है. अग्निपथ योजना उन्हें छोटी और लंबी दोनों अवधि के लिए सेवा करने का अवसर प्रदान करेगी.

सेवा में रहते हुए युवा सम्मानजनक वेतन और भत्ते प्राप्त करेंगे, जबकि 4 साल के बाद छोड़ने वालों को अपने दूसरे करियर में शामिल होने के लिए वित्तीय, तकनीकी और संस्थानिक रूप से सशक्त बनाया जाएगा. इसके अतिरिक्त निकट भविष्य में 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य रखने वाले बढ़ते भारत के लिए कुशल, अनुशासित और प्रेरित कार्यबल की आवश्यकता होगी. 2030 तक भारत की जनसंख्या लगभग 140 करोड़ हो जाएगी. जिसमें से 50 प्रतिशत की आयु 25 वर्ष से कम होगी. अग्निपथ योजना इस विशाल जनसांख्यिकीय लाभांश का अधिकतम उपयोग करने में सक्षम होगी. 4 साल के बाद छोड़ने वाले अग्निवीरों में से 75 फीसदी को अपने गैर सैन्य करियर में शामिल होने के लिए वित्तीय और तकनीकी दोनों रूप से सशक्त बनाया जाएगा.


मेजर जनरल ने जानकारी देते हुए कहा कि पिछले दो वर्षों में इस योजना पर सोच समझकर विचार किया गया है. विदेशी सशस्त्र बलों के प्रारूपों का अध्ययन किया गया, इसे लेकर विस्तृत चर्चा भी की गई है. देश में सभी योजना को परिवर्तन किसी भी अन्य परिवर्तनकारी सुधार की तरह, चरणबद्ध तरीके से धीरे-धीरे इस योजना को भी लागू करने के उद्देश्य से इस योजना के प्रति युवाओं को जागरूक किया जा रहा है.

रांची: कॉकरेल डिवीजन के मेजर जनरल राजेश कुमार ने Agneepath Scheme 'अग्निपथ- सशस्त्र बलों में भर्ती की नई योजना' पर डिपाटोली स्थिति डिवीजन के मुख्यालय में मीडिया से बात की. इस दौरान उन्होंने कहा कि अग्निपथ 'योजना एक परिवर्तनकारी सुधार है. इसकी घोषणा 14 जून 2022 को रक्षा मंत्रालय द्वारा की गई है.

अग्निपथ योजना के संबंध में जानकारी देने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. इसी कड़ी में रांची में भी मीडिया को जानकारी दी गई. मेजर जनरल राजेश कुमार ने कहा कि हमारे सशस्त्र बलों को अधिक युवा, विविध और तकनीकी जानकार बनाने के उद्देश्य से इस योजना की शुरुआत हुई है. युद्ध का स्वरूप बदल रहा है जिसके लिए भारतीय सशस्त्र बलों को खुद को ढालने की जरूरत है.

ये भी पढ़ें: 4 साल के लिए सेना में होगी भर्ती, 'अग्निपथ स्कीम' का राजनाथ सिंह ने किया एलान

मेजर जनरल राजेश कुमार ने कहा कि हमारे देश के विशाल युवा जनसंख्या को देखते हुए भविष्य के युद्धक्षेत्र की चुनौतियों का सामना करने के लिए कुशल भर्ती की प्रक्रिया की आवश्यकता है. अग्निपथ योजना आईटीआई और अन्य तकनीकी प्रतिष्ठानों से भर्ती करके सैनिकों की तकनीकी सीमा बढ़ाएगी. यह 2030 तक भारतीय सशस्त बलों की औसत आयु प्रोफाइल को 32 वर्ष से घटाकर 24-26 वर्ष कर देगी. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यह वर्दी में उन लोगों के प्रतिनिधित्व को औरों से अधिक भिन्न बना देगी.

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हालांकि, अब तक भर्ती राज्यों के भर्ती योग्य पुरुष आबादी पर आधारित थी, लेकिन देश के कुल 755 जिलों में से केवल 168 में ही 75 % से अधिक का योगदान था. अब सभी 7226 ब्लॉकों को सेना में प्रतिनिधित्व का अवसर मिलेगा. भारत के युवाओं में राष्ट्र की सेवा करने के लिए देशभक्ति की एक मजबूत भावना देखी जाती है. अग्निपथ योजना उन्हें छोटी और लंबी दोनों अवधि के लिए सेवा करने का अवसर प्रदान करेगी.

सेवा में रहते हुए युवा सम्मानजनक वेतन और भत्ते प्राप्त करेंगे, जबकि 4 साल के बाद छोड़ने वालों को अपने दूसरे करियर में शामिल होने के लिए वित्तीय, तकनीकी और संस्थानिक रूप से सशक्त बनाया जाएगा. इसके अतिरिक्त निकट भविष्य में 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य रखने वाले बढ़ते भारत के लिए कुशल, अनुशासित और प्रेरित कार्यबल की आवश्यकता होगी. 2030 तक भारत की जनसंख्या लगभग 140 करोड़ हो जाएगी. जिसमें से 50 प्रतिशत की आयु 25 वर्ष से कम होगी. अग्निपथ योजना इस विशाल जनसांख्यिकीय लाभांश का अधिकतम उपयोग करने में सक्षम होगी. 4 साल के बाद छोड़ने वाले अग्निवीरों में से 75 फीसदी को अपने गैर सैन्य करियर में शामिल होने के लिए वित्तीय और तकनीकी दोनों रूप से सशक्त बनाया जाएगा.


मेजर जनरल ने जानकारी देते हुए कहा कि पिछले दो वर्षों में इस योजना पर सोच समझकर विचार किया गया है. विदेशी सशस्त्र बलों के प्रारूपों का अध्ययन किया गया, इसे लेकर विस्तृत चर्चा भी की गई है. देश में सभी योजना को परिवर्तन किसी भी अन्य परिवर्तनकारी सुधार की तरह, चरणबद्ध तरीके से धीरे-धीरे इस योजना को भी लागू करने के उद्देश्य से इस योजना के प्रति युवाओं को जागरूक किया जा रहा है.

Last Updated : Jun 15, 2022, 9:27 PM IST
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