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बिरसा मुंडा संग्रहालय का अर्जुन मुंडा ने किया निरीक्षण, 12 मार्च को पीएम मोदी करेंगे उद्घाटन - रांची में बिरसा मुंडा संग्रहालय

रांची के रेडियम रोड स्थित पुराने बिरसा मुंडा कारागार में जीर्णोद्धार का काम चल रहा है. बिरसा मुंडा म्यूजियम का निरीक्षण करने के लिए केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा पहुंचे और जेल परिसर का निरीक्षण किया.

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अर्जुन मुंडा
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Published : Jan 18, 2021, 1:44 PM IST

Updated : Jan 18, 2021, 2:02 PM IST

रांची: रेडियम रोड स्थित पुराने बिरसा मुंडा कारागार में चल रहे जीर्णोद्धार कार्य, बिरसा मुंडा म्यूजियम का निरीक्षण करने के लिए आदिवासी मामलों के केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा पहुंचे. इस दौरान उनके साथ राज्यसभा सांसद समीर उरांव, जनजातीय मंत्रालय सचिव दीपक खांडूकर और वरीय अधिकारी उपस्थित रहे. निरीक्षण के दौरान बिरसा मुंडा जेल परिसर का जल्द से जल्द जीर्णोद्धार कार्य पूरा करने का निर्देश दिया है.

देखें पूरी खबर


बिरसा मुंडा जेल झारखंड की है धरोहर
अर्जुन मुंडा ने कहा कि जेल परिसर झारखंड की एक धरोहर है और यहां पर लोग भगवान बिरसा मुंडा के जीवन के बारे में जान सकेंगे. इसी तरीके से उन्होंने अपने संघर्ष की बदौलत जल, जंगल, जमीन की लड़ाई को निरंतर जारी रखा. भगवान बिरसा मुंडा स्वतंत्रता सेनानी और एक महान योद्धा थे. उन्होंने अंग्रेजो के खिलाफ लड़ाई लड़ी है. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि संभवत 12 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथ भगवान बिरसा मुंडा संग्रहालय का उद्घाटन होगा.

बिरसा मुंडा की याद में किया जा रहा संरक्षित
सर्कुलर रोड स्थित जेल परिसर को म्यूजियम के रूप में परिवर्तित किया जा रहा है. सरकार की मंशा है कि आने वाली पीढ़ी के युवा अपनी पुरानी विरासत और धरोहर को जानेंगे और उन्हें अपने जीवन में आदर्श के रूप में अपना सकेंगे. भगवान बिरसा मुंडा पुराने जेल परिसर को बिरसा मुंडा के याद के रूप में संरक्षित किया जा रहा है.

पूरे कैंपस में जहां-जहां खुली जगह है, उसे खूबसूरत गार्डन के तौर पर विकसित किया जा रहा है. इसके अलावा यहां लाइट और साउंड की भी व्यवस्था की जा रही है ताकि इसके जरिए यहां पर आने वाले लोगों को जेल और भगवान बिरसा मुंडा के इतिहास के बारे में बताया जा सके. बिरसा मुंडा पुराने जेल परिसर के प्रथम तल्ले के चार कमरों में से एक कमरे में भगवान बिरसा मुंडा के जीवन के अभिलेख के दर्शाया जाएगा.

ये भी पढ़े- धूल की गर्द में राजा मेदनी राय का स्वर्णिम युग, खंडहर बन चुका है उनका किला

इसी जेल में भगवान बिरसा मुंडा ने अपने जीवन के आखिरी दिन काटे और यहीं उनकी मृत्यु हुई. उन्हें 3 फरवरी को अंग्रेजों ने पकड़ा था और इस जेल में 9 जून 1900 भगवान बिरसा मुंडा की मृत्यु हो गई थी. अंग्रेजों ने भगवान बिरसा मुंडा की मौत की वजह डायरिया बताई थी पर कहा जाता है कि उन्हें धीमा जहर देकर मारा गया था. उसी की याद में 150 साल पुराने इस जेल में जीर्णोद्धार का कार्य किया जा रहा है.

रांची: रेडियम रोड स्थित पुराने बिरसा मुंडा कारागार में चल रहे जीर्णोद्धार कार्य, बिरसा मुंडा म्यूजियम का निरीक्षण करने के लिए आदिवासी मामलों के केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा पहुंचे. इस दौरान उनके साथ राज्यसभा सांसद समीर उरांव, जनजातीय मंत्रालय सचिव दीपक खांडूकर और वरीय अधिकारी उपस्थित रहे. निरीक्षण के दौरान बिरसा मुंडा जेल परिसर का जल्द से जल्द जीर्णोद्धार कार्य पूरा करने का निर्देश दिया है.

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बिरसा मुंडा जेल झारखंड की है धरोहर
अर्जुन मुंडा ने कहा कि जेल परिसर झारखंड की एक धरोहर है और यहां पर लोग भगवान बिरसा मुंडा के जीवन के बारे में जान सकेंगे. इसी तरीके से उन्होंने अपने संघर्ष की बदौलत जल, जंगल, जमीन की लड़ाई को निरंतर जारी रखा. भगवान बिरसा मुंडा स्वतंत्रता सेनानी और एक महान योद्धा थे. उन्होंने अंग्रेजो के खिलाफ लड़ाई लड़ी है. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि संभवत 12 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथ भगवान बिरसा मुंडा संग्रहालय का उद्घाटन होगा.

बिरसा मुंडा की याद में किया जा रहा संरक्षित
सर्कुलर रोड स्थित जेल परिसर को म्यूजियम के रूप में परिवर्तित किया जा रहा है. सरकार की मंशा है कि आने वाली पीढ़ी के युवा अपनी पुरानी विरासत और धरोहर को जानेंगे और उन्हें अपने जीवन में आदर्श के रूप में अपना सकेंगे. भगवान बिरसा मुंडा पुराने जेल परिसर को बिरसा मुंडा के याद के रूप में संरक्षित किया जा रहा है.

पूरे कैंपस में जहां-जहां खुली जगह है, उसे खूबसूरत गार्डन के तौर पर विकसित किया जा रहा है. इसके अलावा यहां लाइट और साउंड की भी व्यवस्था की जा रही है ताकि इसके जरिए यहां पर आने वाले लोगों को जेल और भगवान बिरसा मुंडा के इतिहास के बारे में बताया जा सके. बिरसा मुंडा पुराने जेल परिसर के प्रथम तल्ले के चार कमरों में से एक कमरे में भगवान बिरसा मुंडा के जीवन के अभिलेख के दर्शाया जाएगा.

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इसी जेल में भगवान बिरसा मुंडा ने अपने जीवन के आखिरी दिन काटे और यहीं उनकी मृत्यु हुई. उन्हें 3 फरवरी को अंग्रेजों ने पकड़ा था और इस जेल में 9 जून 1900 भगवान बिरसा मुंडा की मृत्यु हो गई थी. अंग्रेजों ने भगवान बिरसा मुंडा की मौत की वजह डायरिया बताई थी पर कहा जाता है कि उन्हें धीमा जहर देकर मारा गया था. उसी की याद में 150 साल पुराने इस जेल में जीर्णोद्धार का कार्य किया जा रहा है.

Last Updated : Jan 18, 2021, 2:02 PM IST
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