रांची: लालू यादव से जुड़े पशुपालन घोटाला के डोरंडा कोषागार (आरसी 47A/96) से अवैध निकासी के मामले में सोमवार को ट्रांसपोर्टर सहित छह आरोपियाें की ओर से बहस की गई. बहस सीबीआई के विशेष न्यायाधीश एसके शशि की अदालत में हुई़. सीबीआई की विशेष अदालत में आरोपी ट्रांसपोर्टर राजेंद्र हरित, आपूर्तिकर्ता रवि मेहरा, मो. सईद के चार संबंधी पत्नी शेरू निशा, मो. इकराम, मो. हुसैन और एक अन्य की ओर से पक्ष रखा गया.
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वहीं अदालत में सुनवाई के दौरान सीबीआई के वरीय विशेष लाेक अभियोजक बीएमपी सिंह मैजूद रहे. बहस के दौरान पूजा ट्रांसपोर्ट के संचालक राजेंद्र हरित ने कहा कि उन्होंने ट्रक मालिक को सामान ढोने के लिए दिया था. उन्होंने कहा कि पशुपालन से संबंधित जितने भी सामान मेरे ट्रक से ढोए गए हैं, उसका बिल मैंने सही दिया है, इसलिए मैं इस मामले में निर्दोष हूं. वहीं बहस के दौरान मो. सईद ने कहा कि मेरे जितने संबंधी का नाम आया है वे लोग स्लिपिंग पार्टनर थे. सारा काम मैं करता था. मेरे संबंधियों का इस मामले में कोई दोष नहीं है, इसलिए उन्हें रिहा किया जाए.
37 आरोपियों को हो चुका है निधन
चारा घोटाले के सबसे बड़े डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ रुपये की अवैध निकासी से जुड़े मामले में लालू प्रसाद, पूर्व सांसद जगदीश शर्मा, डॉ. आरके राणा, पीएसी के तत्कालीन अध्यक्ष ध्रुव भगत, डॉ. केएम प्रसाद, डॉ. गौरी शंकर प्रसाद समेत 108 आरोपी मुकदमा का सामना कर रहे हैं. सीबीआई ने शुरुआत में 170 लोगों को आरोपी बनाया था. लालू समेत 147 आरोपियों के खिलाफ आरोप साबित हुआ था. सुनवाई के दौरान अब तक बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ जगन्नाथ मिश्र समेत 37 आरोपियों का निधन हो चुका है.