रांची: अपनी विभिन्न मांगों को लेकर झारखंड प्रदेश आंगनबाड़ी वर्कर्स यूनियन के बैनर तले हजारों की संख्या में सेविकाएं और सहायिकाओं ने राजभवन के समक्ष प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारी सेविकाओं ने कहा कि वर्तमान सरकार ने मानदेय बढ़ाने की घोषणा की थी, लेकिन घोषणा होने के बाद भी इन्होंने उसे अब तक पूरा नहीं किया. उन्होंने कहा कि सरकार ने कहा था कि आंगनबाड़ी सेविकाओं को 10 हजार प्रतिमाह और सहिया को आठ हजार प्रतिमाह मानदेय की बढ़ोतरी की जाएगी और सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिया जाएगा, लेकिन आज तक ऐसा नहीं हुआ.
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प्रदर्शनकारियों ने कहा कि वर्तमान सराकर के तीन साल बीत जाने के बाद भी उनकी मांगों पर गंभीरता से विचार नहीं किया जा रहा है, जो दुखद है. उन्होंने कहा कि आज आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका एक एक पैसे को मोहताज हैं. उन्हें पिछले 10 महीने से वेतन नहीं मिला है. वेतन भुगतान नहीं होने से बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है. इसके अलावा वे आर्थिक संकट से जूझ रहीं हैं.
क्या है मांग
- आंगनबाड़ी सेविका सहायिका की नियमावली बनाई जाये
- श्रमिक का दर्जा दिया जाये
- सरकारी कर्मचारी घोषित की जाये
- समान काम के लिये समान वेतन लागू किया जाये
- आंगनबाड़ी सेविका सहायिका को सेवानिवृत्त होने के बाद आर्थिक लाभ या एकमुश्त पांच लाख और पेंशन की सुविधा दी जाये
आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका मंगलवार को अपनी मांगों को लेकर राजभवन के समक्ष प्रदर्शन किया. आंगनबाड़ी सेविकाएं और सहायिकाओं ने धरना प्रदर्शन कर अपनी आवाज बुलंद की. प्रदर्शनकारी महिलाओं ने कहा कि सरकार उनकी मांगों पर विचार नहीं करती है तो वे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगी. इसकी जिम्मेदार सिर्फ सरकार की होगी.