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बीजेपी ने डॉ. अजय के बयान पर ली चुटकीः कांग्रेस का पलटवार- धर्म के नाम पर लोगों को बांट रही है भाजपा

झारखंड विधानसभा में नमाज रूम को लेकर कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर अजय कुमार की सीएम को लिखी चिट्ठी और नियोजन नीति को लेकर दिए बयान को लेकर प्रदेश में सियासी बयानबाजी शुरू हो गई है. बीजेपी ने इसको लेकर कांग्रेस पर तंज कसा है तो कांग्रेस ने पलटवार में भाजपा पर धर्म के नाम पर लोगों को बांटने का आरोप लगाया है.

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Published : Sep 12, 2021, 4:23 PM IST

रांचीः प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष डॉ. अजय कुमार के विधानसभा में नमाज के लिए जगह आवंटित करने के मामले को लेकर दिए गए बयान पर भाजपा ने कांग्रेस पर हमला किया है. भाजपा का कहना है कि कांग्रेस पार्टी की ओर से दोहरा चरित्र अपनाया जा रहा है. कांग्रेस पार्टी सदन के अंदर कुछ कहती है और सदन के बाहर उनके नेता कुछ और कहते हैं.

इसे भी पढ़ें- विधानसभा में नमाज के लिए कक्षः मुख्यमंत्री को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष डॉक्टर अजय कुमार ने लिखी चिट्ठी, धर्म को लोकतंत्र के मंदिर से दूर रखने की दी सलाह


प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने रविवार को कहा कि विधानसभा में नमाज स्थल बनाने के मुद्दे पर कांग्रेस का राजनीतिक चेहरा एक्सपोज हो गया है. कांग्रेस विधायकों ने सदन के अंदर नमाज स्थल का समर्थन किया जबकि भाजपा ने सदन और सड़क पर विरोध किया और सरकार को झुकना पड़ा, जिसके बाद कमिटी बनायी गई है.

कांग्रेस-बीजेपी में आरोप-प्रत्यारोप

उन्होंने कहा कि अब कांग्रेस अपनी इज्जत बचाने के लिए अपने नेता अजय कुमार से बयान दिलवाया कि विधानसभा में किसी प्रकार का पूजा स्थल या धार्मिक स्थल नहीं बनना चाहिए, ऐसे में अगर कांग्रेस का यह स्टैंड था तो विधानसभा के अंदर इस स्टैंड को क्यों नहीं रखा. डॉ. अजय कुमार का बयान कांग्रेस के दल के नेता और प्रदेश अध्यक्ष के बयान के विपरीत है.

भाजपा ने डॉ. अजय कुमार को लेकर दिए गए बयान पर कांग्रेस ने पलटवार किया है. प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि भाजपा दोयम दर्जे की राजनीति पर विश्वास रखती है, कहती कुछ और करती कुछ और है. कांग्रेस ने उल्लेख किया है कि धर्म राजनीति एक साथ सम्मिलित नहीं हो सकता है. भाजपा ने बेवजह के मुद्दे को उठाकर सत्र को बर्बाद कर दिया और अमर्यादित आचरण का प्रदर्शन किया है, इसकी जितनी भी निंदा की जाए वह कम है.

उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने ही कमिटी बनाने के लिए आवाज उठाई है, भाजपा को यह नहीं दिखाई दे रहा है. उन्होंने कहा कि डॉ. अजय कुमार ने सही बातें कही हैं. भाजपा की तरफ से धर्म और राजनीति का समन्वय बनाकर लोगों को बांटने के लिए वातावरण बनाने का काम किया जा रहा है, इससे बचना चाहिए.

इसे भी पढ़ें- कांग्रेस नेता डॉ अजय ने अपनी ही सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा, कहा- बकवास है नियोजन नीति



डॉ. अजय ने अपनी ही सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा!

कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर अजय कुमार ने सीएम हेमंत सोरेन को चिट्ठी लिखकर धर्म को राजनीति से अलग रखने की मांग की है. उन्होंने लिखा है कि विधानसभा लोकतंत्र का मंदिर है. इसे किसी भी प्रकार के धार्मिक प्रथा से दूर रखा जाना चाहिए क्योंकि विधानसभा एक ऐसा स्थान है जहां सभी विधायक, मंत्री हमारे लोगों और राज्य से संबंधित मुद्दों पर चर्चा करते हैं. उन्होंने लिखा है कि धर्म लंबे समय से राजनीति में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहा है लेकिन राजनीतिक शासन में और धार्मिक प्रथाएं दो अलग-अलग पहलू हैं जिन्हें एक साथ नहीं मिलाया जाना चाहिए.

राज्य सरकार की नियोजन नीति पर सवाल

डॉ. अजय कुमार ने राज्य के नियोजन नीति पर भी सवाल उठाए. इसके अलावा सातवीं अनुसूची से मैथिली, मगही सहित अन्य भाषाओं को बाहर करने पर भी नाराजगी जताई है. उन्होंने बताया कि इससे राज्य के बड़े पदों पर योग्य अभ्यर्थियों का चयन नहीं हो सकेगा. सामान्य वर्ग के छात्रों का राज्य से बाहर स्नातक करने पर राज्य की तृतीय वर्ग की नौकरियों में रोक और आरक्षित वर्ग के बच्चों के लिए नौकरियां देने के मामले पर डॉ. अजय ने हेमंत सरकार से कहा कि आरक्षित और गैर आरक्षित वर्ग में मतभेद पैदा करना बंद करना चाहिए. उन्होंने कहा कि ऐसा नियम हरगिज नहीं बनाना चाहिए जिससे सामान्य वर्ग, ओबीसी, एएससी और एसटी के बीच लड़ाई शुरू हो जाए.

रांचीः प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष डॉ. अजय कुमार के विधानसभा में नमाज के लिए जगह आवंटित करने के मामले को लेकर दिए गए बयान पर भाजपा ने कांग्रेस पर हमला किया है. भाजपा का कहना है कि कांग्रेस पार्टी की ओर से दोहरा चरित्र अपनाया जा रहा है. कांग्रेस पार्टी सदन के अंदर कुछ कहती है और सदन के बाहर उनके नेता कुछ और कहते हैं.

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प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने रविवार को कहा कि विधानसभा में नमाज स्थल बनाने के मुद्दे पर कांग्रेस का राजनीतिक चेहरा एक्सपोज हो गया है. कांग्रेस विधायकों ने सदन के अंदर नमाज स्थल का समर्थन किया जबकि भाजपा ने सदन और सड़क पर विरोध किया और सरकार को झुकना पड़ा, जिसके बाद कमिटी बनायी गई है.

कांग्रेस-बीजेपी में आरोप-प्रत्यारोप

उन्होंने कहा कि अब कांग्रेस अपनी इज्जत बचाने के लिए अपने नेता अजय कुमार से बयान दिलवाया कि विधानसभा में किसी प्रकार का पूजा स्थल या धार्मिक स्थल नहीं बनना चाहिए, ऐसे में अगर कांग्रेस का यह स्टैंड था तो विधानसभा के अंदर इस स्टैंड को क्यों नहीं रखा. डॉ. अजय कुमार का बयान कांग्रेस के दल के नेता और प्रदेश अध्यक्ष के बयान के विपरीत है.

भाजपा ने डॉ. अजय कुमार को लेकर दिए गए बयान पर कांग्रेस ने पलटवार किया है. प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि भाजपा दोयम दर्जे की राजनीति पर विश्वास रखती है, कहती कुछ और करती कुछ और है. कांग्रेस ने उल्लेख किया है कि धर्म राजनीति एक साथ सम्मिलित नहीं हो सकता है. भाजपा ने बेवजह के मुद्दे को उठाकर सत्र को बर्बाद कर दिया और अमर्यादित आचरण का प्रदर्शन किया है, इसकी जितनी भी निंदा की जाए वह कम है.

उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने ही कमिटी बनाने के लिए आवाज उठाई है, भाजपा को यह नहीं दिखाई दे रहा है. उन्होंने कहा कि डॉ. अजय कुमार ने सही बातें कही हैं. भाजपा की तरफ से धर्म और राजनीति का समन्वय बनाकर लोगों को बांटने के लिए वातावरण बनाने का काम किया जा रहा है, इससे बचना चाहिए.

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डॉ. अजय ने अपनी ही सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा!

कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर अजय कुमार ने सीएम हेमंत सोरेन को चिट्ठी लिखकर धर्म को राजनीति से अलग रखने की मांग की है. उन्होंने लिखा है कि विधानसभा लोकतंत्र का मंदिर है. इसे किसी भी प्रकार के धार्मिक प्रथा से दूर रखा जाना चाहिए क्योंकि विधानसभा एक ऐसा स्थान है जहां सभी विधायक, मंत्री हमारे लोगों और राज्य से संबंधित मुद्दों पर चर्चा करते हैं. उन्होंने लिखा है कि धर्म लंबे समय से राजनीति में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहा है लेकिन राजनीतिक शासन में और धार्मिक प्रथाएं दो अलग-अलग पहलू हैं जिन्हें एक साथ नहीं मिलाया जाना चाहिए.

राज्य सरकार की नियोजन नीति पर सवाल

डॉ. अजय कुमार ने राज्य के नियोजन नीति पर भी सवाल उठाए. इसके अलावा सातवीं अनुसूची से मैथिली, मगही सहित अन्य भाषाओं को बाहर करने पर भी नाराजगी जताई है. उन्होंने बताया कि इससे राज्य के बड़े पदों पर योग्य अभ्यर्थियों का चयन नहीं हो सकेगा. सामान्य वर्ग के छात्रों का राज्य से बाहर स्नातक करने पर राज्य की तृतीय वर्ग की नौकरियों में रोक और आरक्षित वर्ग के बच्चों के लिए नौकरियां देने के मामले पर डॉ. अजय ने हेमंत सरकार से कहा कि आरक्षित और गैर आरक्षित वर्ग में मतभेद पैदा करना बंद करना चाहिए. उन्होंने कहा कि ऐसा नियम हरगिज नहीं बनाना चाहिए जिससे सामान्य वर्ग, ओबीसी, एएससी और एसटी के बीच लड़ाई शुरू हो जाए.

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