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सीएजी रिपोर्ट के बाद घेरे में रिम्स के चिकित्सक और पदाधिकारी, 35 लाख के घोटाले की खबर

बुधवार को सीएजी का रिपोर्ट आई जिसमें कई चौकाने वाले खुलासे हुए हैं. रिपोर्ट में रिम्स के डेंटल विभाग के वित्तीय अनियमितता का खुलासा हुआ है. रिम्स निदेशक डॉ. डीके सिंह ने कहा कि इसमें जो भी दोषी हैं उन पर नियम के अनुसार कार्रवाई होगी.

allegation on physician and officer of RIMS
घेरे में रिम्स के चिकित्सक और पदाधिकारी
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Published : Jun 25, 2020, 7:38 PM IST

रांची: बुधवार को सीएजी की रिपोर्ट आने के बाद रिम्स के डेंटल विभाग में हड़कंप मच गया है. सीएजी ने अपनी रिपोर्ट में खुलासा करते हुए कहा कि साल 2018 में डेंटल चेयर और डेंटल वैन की खरीद में कई तरह के वित्तीय अनियमितता पाई गई है. रिम्स निदेशक डॉ. डीके सिंह ने बताया कि सीएजी की तरफ से रिपोर्ट भेज दी गई है. रिपोर्ट का गहन अध्ययन किया जा रहा है और जो लोग इसमें दोषी हैं, उन पर नियम संगत कार्रवाई की जाएगी.

देखें पूरी खबर

वहीं, उन्होंने बताया कि पहले भी डेंटल वैन और डेंटल विभाग में खरीदे गए अन्य उपकरण की खरीद को लेकर हमारी ओर से राज्य सरकार को सूचित भी किया गया था. उन्होंने कहा कि 'मेरे अनुभव के हिसाब से मुझे पहले ही लगा था कि डेंटल वैन और डेंटल चेयर की खरीद में निश्चित ही कई तरह की वित्तीय अनियमितता हुई है.' डॉ. डीके सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि पहले भी डेंटल विभाग में वित्तीय अनिमियता को लेकर कई सवाल खड़े हुए हैं.

ये भी पढ़ें- शत्रुघ्न सिन्हा बोले- डब्लूएचओ की चेतावनी के बाद भी नमस्ते ट्रंप का आयोजन लापरवाही

स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव ने राज्य महालेखाकार से ऑडिट कराया जिसके बाद कई तरह की बातें सामने आई हैं. सीएजी ने अपनी रिपोर्ट में खुलासा करते हुए कहा है कि वर्ष 2018 में तत्कालीन निदेशक डॉ. आरके श्रीवास्तव के कार्यकाल में डेंटल विभाग में खरीदे गए डेंटल चेयर की कीमत बाजार से 7 गुना अधिक दाम पर खरीदी गई. वहीं, जिस डेंटल वैन की बाजार में कीमत 30 से 35 लाख है. उसे तत्कालीन प्रबंधन ने डेढ़ करोड़ में खरीदा था.

तत्कालीन निदेशक समेत अन्य चिकित्सकों पर आरोप

पूरे मामले पर रिम्स के तत्कालीन निदेशक डॉ. आर के श्रीवास्तव, वर्तमान अधीक्षक डॉ. विवेक, पूर्व प्रधानाध्यापक डॉ. पंकज गोयल सहित रिम्स के कई पदाधिकारी और कर्मचारियों के नाम सामने आ रहे हैं. अब यह देखना होगा कि रिम्स के वर्तमान निदेशक डॉ. डीके सिंह के जवाब के बाद राज्य सरकार पूरे मामले पर क्या कार्रवाई करती है.

रांची: बुधवार को सीएजी की रिपोर्ट आने के बाद रिम्स के डेंटल विभाग में हड़कंप मच गया है. सीएजी ने अपनी रिपोर्ट में खुलासा करते हुए कहा कि साल 2018 में डेंटल चेयर और डेंटल वैन की खरीद में कई तरह के वित्तीय अनियमितता पाई गई है. रिम्स निदेशक डॉ. डीके सिंह ने बताया कि सीएजी की तरफ से रिपोर्ट भेज दी गई है. रिपोर्ट का गहन अध्ययन किया जा रहा है और जो लोग इसमें दोषी हैं, उन पर नियम संगत कार्रवाई की जाएगी.

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वहीं, उन्होंने बताया कि पहले भी डेंटल वैन और डेंटल विभाग में खरीदे गए अन्य उपकरण की खरीद को लेकर हमारी ओर से राज्य सरकार को सूचित भी किया गया था. उन्होंने कहा कि 'मेरे अनुभव के हिसाब से मुझे पहले ही लगा था कि डेंटल वैन और डेंटल चेयर की खरीद में निश्चित ही कई तरह की वित्तीय अनियमितता हुई है.' डॉ. डीके सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि पहले भी डेंटल विभाग में वित्तीय अनिमियता को लेकर कई सवाल खड़े हुए हैं.

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स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव ने राज्य महालेखाकार से ऑडिट कराया जिसके बाद कई तरह की बातें सामने आई हैं. सीएजी ने अपनी रिपोर्ट में खुलासा करते हुए कहा है कि वर्ष 2018 में तत्कालीन निदेशक डॉ. आरके श्रीवास्तव के कार्यकाल में डेंटल विभाग में खरीदे गए डेंटल चेयर की कीमत बाजार से 7 गुना अधिक दाम पर खरीदी गई. वहीं, जिस डेंटल वैन की बाजार में कीमत 30 से 35 लाख है. उसे तत्कालीन प्रबंधन ने डेढ़ करोड़ में खरीदा था.

तत्कालीन निदेशक समेत अन्य चिकित्सकों पर आरोप

पूरे मामले पर रिम्स के तत्कालीन निदेशक डॉ. आर के श्रीवास्तव, वर्तमान अधीक्षक डॉ. विवेक, पूर्व प्रधानाध्यापक डॉ. पंकज गोयल सहित रिम्स के कई पदाधिकारी और कर्मचारियों के नाम सामने आ रहे हैं. अब यह देखना होगा कि रिम्स के वर्तमान निदेशक डॉ. डीके सिंह के जवाब के बाद राज्य सरकार पूरे मामले पर क्या कार्रवाई करती है.

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