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झारखंड अग्निशमन विभाग में आधे से ज्यादा पद खाली, आग लगी तो भगवान भरोसे

राजधानी रांची से लेकर झारखंड के कई शहर सूरज की तपिश में झुलस रहे हैं. गर्मी के मौसम में आग की दुर्घटनाओं से झारखंड के लोग सहमे हुए हैं. इसका कारण झारखंड का अग्निशमन विभाग है. बता दें कि यहां मैन पावर की घोर कमी है. रांची के डोरंडा स्थित अग्निशमन विभाग की ओर से खाली पड़े पदों के लिए कई बार सरकार को प्रस्ताव भेजा गया, लेकिन अभी तक रिक्तियों को भरा नहीं जा सका है.

झारखंड अग्निशमन विभाग का हाल
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Published : May 11, 2019, 8:05 PM IST

रांची: झारखंड में प्रचंड गर्मी से आम लोग परेशान हैं. राजधानी रांची से लेकर झारखंड के कई शहर सूरज की तपिश में झुलस रहे हैं. गर्मी के मौसम में आग की दुर्घटनाओं से झारखंड के लोग सहमे पड़े हैं. वहीं झारखंड का अग्निशमन विभाग मैन पावर की कमी से परेशान है.

झारखंड अग्निशमन विभाग का हाल

875 पद, लेकिन कर्मचारी मात्र 433
रांची के डोरंडा स्थित अग्निशमन विभाग की ओर से खाली पड़े पदों के लिए कई बार सरकार को प्रस्ताव भेजा गया, लेकिन अभी तक रिक्तियों को भरा नहीं जा सका है. हालात यह है कि राज्य में एक भी फायर स्टेशन पदाधिकारी नहीं हैं. जबकि इसके लिए 44 पद सृजित किए जा चुके हैं.

ये भी पढ़ें- रांची: घर में लगी भीषण आग, मां के साथ 5 साल के मासूम की हुई मौत

दूसरे इकाइयों का भी यही आलम
अग्निशमन विभाग के दूसरे इकाइयों का भी यही आलम है. झारखंड अग्निशमन विभाग में कुल 875 पद सृजित हैं, जबकि विभाग 433 पदाधिकारियों और कर्मचारियों से ही काम चला रहा है. यानी विभाग के पास वर्तमान में आधे से ज्यादा यानी 442 कर्मचारियों की कमी है.

क्या कहते हैं आंकड़े

  • झारखंड अग्निशमन विभाग के द्वारा मिले आंकड़ों के अनुसार, राज्य अग्निशमन पदाधिकारी के लिए स्वीकृत पद एक है. लेकिन इस पर फिलहाल कोई भी अधिकारी तैनात नहीं हैं.
  • अपर आग अग्निशमन पदाधिकारी के दो पद हैं, दोनों ही खाली हैं.
  • प्रमंडलीय अग्निशमन पदाधिकारी के 6 पद हैं, लेकिन सभी पद वर्तमान में खाली हैं.
  • अग्निशमन अधिकारी के 12 पद हैं, जिस पर वर्तमान में मात्र एक ही अग्निशमन अधिकारी हैं, जबकि 11 पद खाली हैं.
  • फायर स्टेशन अफसर के 44 पद हैं, यहां भी सभी पद वर्तमान में रिक्त हैं.
  • सब फायर स्टेशन अफसर के 44 पद हैं, जिसमें वर्तमान में 34 कर्मचारी काम कर रहे हैं, यहां भी 10 पद खाली हैं.
  • प्रधान अग्नि चालक के 221 पद हैं, जिसमें 151 वर्तमान में काम कर रहे हैं, जबकि 70 पद रिक्त हैं.
  • अग्नि चालक के 502 पद हैं, जिनमें फिलहाल 235 काम कर रहे हैं, जबकि 267 पद रिक्त हैं.
  • स्टेनो सह कंप्यूटर ऑपरेटर के 8 पद हैं. सभी आठों पद वर्तमान में रिक्त हैं.
  • प्रधान लिपिक से लेखापाल के दो पद हैं. दोनों पद वर्तमान में खाली हैं.
  • एलडीसी के 15 पद हैं, जिसमें से 6 पर वर्तमान में लोग काम कर रहे हैं, जबकि यहां 9 पद रिक्त हैं.
  • आदेशपाल के 18 पद हैं, जिसमें में से मात्र दो ही लोग काम कर रहे हैं, जबकि 16 पद रिक्त हैं.
  • सबसे हैरानी की बात यह है कि वर्तमान में झारखंड अग्निशमन विभाग का मुखिया का पद भी खाली है.

आधारभूत सरंचना है, पर कर्मचारी नहीं
झारखंड अग्निशमन विभाग के पास आधारभूत संरचना की कोई कमी नहीं है, लेकिन उन संसाधनों के एक्सपर्ट की कमी है. जो उपलब्ध मैन पावर हैं वह एक्जिस्टिंग सिस्टम का हिस्सा बन चुके हैं. मतलब साफ है कि मैन पावर के जुगाड़ तंत्र के भरोसे झारखंड राज्य का अग्निशमन विभाग चल रहा है.

झारखंड में हैं 35 फायर स्टेशन, रांची में पांच
झारखंड कुल 35 फायर स्टेशन हैं. जहां वाटर टेंडर, वॉटर वॉयजर, होम वाटर टेंडर, मिनी वाटर टेंडर, इमरजेंसी रेस्क्यू टेंडर, ब्रांडों स्काई लिफ्ट जैसे वाहनों के जरिए आग पर काबू पाया जाता है. लेकिन इन सभी जगहों पर कर्मचारियों की घोर कमी है.

ये भी पढ़ें- VIRAL VIDEO : विवाहिता ने प्रेमी को मिलने बुलाया, गांववालों ने पकड़ दोनों की कर दी धुनाई

इन सभी जगहों पर कर्मचारी की घोर कमी
झारखंड में राजधानी रांची के अलावा गिरिडीह, डालटेनगंज, जमशेदपुर के गोलमुरी, मानगो, बहरागोड़ा, सरायकेला, आदित्यपुर और चांडिल, बोकारो, गढ़वा, कोडरमा, धनबाद के झरिया और सिंदरी, चाईबासा, चतरा, लातेहार, गुमला, दुमका, गोड्डा, हजारीबाग, बरही, देवघर, साहिबगंज, पाकुड़, लोहरदगा, सिमडेगा, जामताड़ा, रामगढ़, खूंटी, चास और हुसैनाबाद में फायर स्टेशन हैं. इसके अलावा जमशेदपुर के सोनारी हवाई अड्डा और तेनुघाट बोकारो में भी फायर ब्रिगेड की सुविधा है, लेकिन इन सभी जगहों पर कर्मचारियों की घोर कमी है.

रांची: झारखंड में प्रचंड गर्मी से आम लोग परेशान हैं. राजधानी रांची से लेकर झारखंड के कई शहर सूरज की तपिश में झुलस रहे हैं. गर्मी के मौसम में आग की दुर्घटनाओं से झारखंड के लोग सहमे पड़े हैं. वहीं झारखंड का अग्निशमन विभाग मैन पावर की कमी से परेशान है.

झारखंड अग्निशमन विभाग का हाल

875 पद, लेकिन कर्मचारी मात्र 433
रांची के डोरंडा स्थित अग्निशमन विभाग की ओर से खाली पड़े पदों के लिए कई बार सरकार को प्रस्ताव भेजा गया, लेकिन अभी तक रिक्तियों को भरा नहीं जा सका है. हालात यह है कि राज्य में एक भी फायर स्टेशन पदाधिकारी नहीं हैं. जबकि इसके लिए 44 पद सृजित किए जा चुके हैं.

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दूसरे इकाइयों का भी यही आलम
अग्निशमन विभाग के दूसरे इकाइयों का भी यही आलम है. झारखंड अग्निशमन विभाग में कुल 875 पद सृजित हैं, जबकि विभाग 433 पदाधिकारियों और कर्मचारियों से ही काम चला रहा है. यानी विभाग के पास वर्तमान में आधे से ज्यादा यानी 442 कर्मचारियों की कमी है.

क्या कहते हैं आंकड़े

  • झारखंड अग्निशमन विभाग के द्वारा मिले आंकड़ों के अनुसार, राज्य अग्निशमन पदाधिकारी के लिए स्वीकृत पद एक है. लेकिन इस पर फिलहाल कोई भी अधिकारी तैनात नहीं हैं.
  • अपर आग अग्निशमन पदाधिकारी के दो पद हैं, दोनों ही खाली हैं.
  • प्रमंडलीय अग्निशमन पदाधिकारी के 6 पद हैं, लेकिन सभी पद वर्तमान में खाली हैं.
  • अग्निशमन अधिकारी के 12 पद हैं, जिस पर वर्तमान में मात्र एक ही अग्निशमन अधिकारी हैं, जबकि 11 पद खाली हैं.
  • फायर स्टेशन अफसर के 44 पद हैं, यहां भी सभी पद वर्तमान में रिक्त हैं.
  • सब फायर स्टेशन अफसर के 44 पद हैं, जिसमें वर्तमान में 34 कर्मचारी काम कर रहे हैं, यहां भी 10 पद खाली हैं.
  • प्रधान अग्नि चालक के 221 पद हैं, जिसमें 151 वर्तमान में काम कर रहे हैं, जबकि 70 पद रिक्त हैं.
  • अग्नि चालक के 502 पद हैं, जिनमें फिलहाल 235 काम कर रहे हैं, जबकि 267 पद रिक्त हैं.
  • स्टेनो सह कंप्यूटर ऑपरेटर के 8 पद हैं. सभी आठों पद वर्तमान में रिक्त हैं.
  • प्रधान लिपिक से लेखापाल के दो पद हैं. दोनों पद वर्तमान में खाली हैं.
  • एलडीसी के 15 पद हैं, जिसमें से 6 पर वर्तमान में लोग काम कर रहे हैं, जबकि यहां 9 पद रिक्त हैं.
  • आदेशपाल के 18 पद हैं, जिसमें में से मात्र दो ही लोग काम कर रहे हैं, जबकि 16 पद रिक्त हैं.
  • सबसे हैरानी की बात यह है कि वर्तमान में झारखंड अग्निशमन विभाग का मुखिया का पद भी खाली है.

आधारभूत सरंचना है, पर कर्मचारी नहीं
झारखंड अग्निशमन विभाग के पास आधारभूत संरचना की कोई कमी नहीं है, लेकिन उन संसाधनों के एक्सपर्ट की कमी है. जो उपलब्ध मैन पावर हैं वह एक्जिस्टिंग सिस्टम का हिस्सा बन चुके हैं. मतलब साफ है कि मैन पावर के जुगाड़ तंत्र के भरोसे झारखंड राज्य का अग्निशमन विभाग चल रहा है.

झारखंड में हैं 35 फायर स्टेशन, रांची में पांच
झारखंड कुल 35 फायर स्टेशन हैं. जहां वाटर टेंडर, वॉटर वॉयजर, होम वाटर टेंडर, मिनी वाटर टेंडर, इमरजेंसी रेस्क्यू टेंडर, ब्रांडों स्काई लिफ्ट जैसे वाहनों के जरिए आग पर काबू पाया जाता है. लेकिन इन सभी जगहों पर कर्मचारियों की घोर कमी है.

ये भी पढ़ें- VIRAL VIDEO : विवाहिता ने प्रेमी को मिलने बुलाया, गांववालों ने पकड़ दोनों की कर दी धुनाई

इन सभी जगहों पर कर्मचारी की घोर कमी
झारखंड में राजधानी रांची के अलावा गिरिडीह, डालटेनगंज, जमशेदपुर के गोलमुरी, मानगो, बहरागोड़ा, सरायकेला, आदित्यपुर और चांडिल, बोकारो, गढ़वा, कोडरमा, धनबाद के झरिया और सिंदरी, चाईबासा, चतरा, लातेहार, गुमला, दुमका, गोड्डा, हजारीबाग, बरही, देवघर, साहिबगंज, पाकुड़, लोहरदगा, सिमडेगा, जामताड़ा, रामगढ़, खूंटी, चास और हुसैनाबाद में फायर स्टेशन हैं. इसके अलावा जमशेदपुर के सोनारी हवाई अड्डा और तेनुघाट बोकारो में भी फायर ब्रिगेड की सुविधा है, लेकिन इन सभी जगहों पर कर्मचारियों की घोर कमी है.

Intro:डे प्लान की खबर।
ओपनिंग - क्लोजिंग पीटूसी और विजुवल है।
ग्राफिक्स के लिए आंकड़े स्क्रिप्ट में है।

झारखंड में प्रचंड गर्मी आम लोग परेशान हैं। राजधानी रांची से लेकर झारखंड के कई शहर सूरज की तपिश में झुलस रहे हैं। गर्मी के मौसम में आज की दुर्घटनाओं से झारखंड के लोग सह में पड़े हैं। वहीं झारखंड का अग्निशमन विभाग मैन पावर की कमी से परेशान है।

875 पद लेकिन कर्मचारी है मात्र 433

रांची के डोरंडा स्थित अग्निशमन विभाग की ओर से खाली पड़े पदों के लिए कई बार सरकार को प्रस्ताव भेजा दिया लेकिन अभी तक रिक्तियों को भरा नहीं जा सका है हालात यह है कि राज्य में एक भी फायर स्टेशन पदाधिकारी नहीं है ।जबकि इसके लिए 44 पद सृजित किए जा चुके हैं। अग्निशमन विभाग के दूसरे इकाइयों का भी यही आलम है। झारखंड अग्निशमन विभाग में कुल 875 पद सृजित हैं जबकि विभाग 433 पदाधिकारियों और कर्मचारियों से ही काम चला रहा है। यानी विभाग के पास वर्तमान में आधे से ज्यादा यानी 442 कर्मचारियों की कमी है।

क्या कहते है आंकड़े

झारखंड अग्निशमन विभाग के द्वारा मिले आंकड़ों के अनुसार राज्य अग्निशमन पदाधिकारी क स्वीकृत पद एक है। लेकिन इस पर फिलहाल कोई भी अधिकारी तैनात नहीं है।

अप पर आज अग्निशमन पदाधिकारी के दो पद हैं दोनों ही खाली हैं।

प्रमंडलीय अग्निशमन पदाधिकारी के 6 पद हैं ।लेकिन सभी पद वर्तमान में खाली हैं।

सर अग्निशमन अधिकारी के 12 पद हैं ।जिस पर वर्तमान में मात्र एक ही अग्निशमन अधिकारी है जबकि 11 पद खाली हैं।

फायर स्टेशन अफसर के 44 पद है ।यहां भी सभी पद वर्तमान में रिक्त हैं।

सब फायर स्टेशन अफसर के 44 पद हैं। जिसमें वर्तमान में 34 कर्मचारी काम कर रहे हैं। यहां भी 10 पद खाली हैं।

प्रधान अग्नि चालक के 221 पद हैं ।जिसमें 151 वर्तमान में काम कर रहे हैं जबकि 70 पद रिक्त हैं।

अग्नि चालक के 502 पद हैं ।जिनमें फिलहाल 235 काम कर रहे हैं जबकि 267 पद रिक्त हैं।

स्टेनो सा कंप्यूटर ऑपरेटर के 8 पद हैं। सभी आठों पद वर्तमान में रिक्त हैं।

प्रधान लिपिक से लेखापाल के दो पद हैं। दोनों पद वर्तमान में खाली हैं।

एलडीसी के 15 पद हैं जिसमें से 6 पर वर्तमान में लोग काम कर रहे हैं जबकि यहां 9 पद रिक्त है।

अर्दली सा आदेशपाल के 18 पद है। जिसमें में से मात्र दो ही लोग काम कर रहे हैं जबकि 16 पद रिक्त हैं।

सबसे हैरानी की बात यह है कि वर्तमान में झारखंड अग्निशमन विभाग का मुखिया का पद भी खाली है।

आधारभूत सरंचना है पर कर्मचारी नही

झारखंड अग्निशमन विभाग के पास आधारभूत संरचना की कोई कमी नहीं है ।लेकिन उन संसाधनों के एक्सपर्ट की कमी है । जो उपलब्ध मैन पावर हैं वह एक्जिस्टिंग सिस्टम का हिस्सा बन चुके हैं। मतलब साफ है कि मैन पावर के जुगाड़ तंत्र के भरोसे झारखंड राज्य का अग्निशमन विभाग चल रहा है।

झारखंड में है 35 फायर स्टेसन ,रांची में 5

झारखंड कुल 35 फायर स्टेशन है ।जहां वाटर टेंडर , वॉटर वॉयजर , होम वाटर टेंडर , मिनी वाटर टेंडर ,इमरजेंसी रेस्क्यू टेंडर , ब्रांडों स्काई लिफ्ट जैसे वाहनों के जरिए आग पर काबू पाया जाता है। लेकिन इन सभी जगहों पर कर्मचारियों की घोर कमी है।झारखंड में राजधानी रांची के अलावा गिरिडीह ,डालटेनगंज जमशेदपुर के गोलमुरी, मानगो , बहरागोड़ा, सरायकेला, आदित्यपुर और चांडिल , बोकारो ,गढ़वा ,कोडरमा ,धनबाद के झरिया और सिंदरी ,चाईबासा ,चतरा ,लातेहार, गुमला ,दुमका, गोड्डा, हजारीबाग, बरही, देवघर ,साहिबगंज, पाकुड़ ,लोहरदगा, सिमडेगा ,जामताड़ा ,रामगढ़ ,खूंटी ,चास और हुसैनाबाद में फायर स्टेशन है। इसके अलावा जमशेदपुर के सुनारी हवाई अड्डा और तेनुघाट बोकारो में भी फायर ब्रिगेड की सुविधा है।लेकिन इन सभी जगहों पर कर्मचारियों की घोर कमी है।








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