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सीएम ने माना लॉकडाउन के बाद चौतरफा घिर सकता है झारखंड, केंद्र के अलावा और कोई उम्मीद नहीं

कोरोना को लेकर रांची के प्रोजेक्ट भवन में शुक्रवार को सर्वदलीय बैठक हुई. इस दौरान सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड में कोरोना संक्रमण को लेकर कुछ दिन पहले तक स्थिति ठीक थी, लेकिन पिछले दिनों जिस तरह से संक्रमण के मामले सामने आए हैं उससे मामला गंभीर बन गया है.

All party meeting in Jharkhand regarding Corona
सीएम हेमंत सोरेन
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Published : Apr 10, 2020, 4:44 PM IST

रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शुक्रवार को कहा कि राज्य के सामने कोरोना को लेकर लगे लॉकडाउन हटाए जाने के बाद गंभीर समस्या खड़ी होगी. उन्होंने कहा कि क्योंकि राज्य चारों तरफ से वैसे राज्यों से घिरा हुआ है, जहां कोरोना संक्रमण के अधिक मामले हैं. ऐसे में जैसे ही लॉक डाउन टूटेगा वहां से लोग बड़ी संख्या में इधर आएंगे.

सीएम हेमंत सोरेन

उन्होंने कहा कि झारखंड में कोरोना संक्रमण को लेकर कुछ दिन पहले तक स्थिति ठीक थी, लेकिन पिछले दिनों जिस तरह से संक्रमण के मामले सामने आए हैं उससे मामला गंभीर बन गया है. उन्होंने कहा कि झारखंड में विलंब से संक्रमण के मामले सामने आए हैं.

लॉकडाउन हटने के बाद होगी बड़ी समस्या

सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि लॉकडाउन की वजह से बेरोजगारी राज्य में फैल चुकी है और बड़ी संख्या में लोग इसके खुलने का इंतजार कर रहे है. उन्होंने कहा कि ऐसे लोग लॉकडाउन खुलने के बाद अपने राज्य लौटेंगे. ऐसे लोगों को आईडेंटिफाई कर निश्चित रूप से स्वास्थ्य सेवा के घेरे में रखना होगा. इसके साथ ही राज्य, समाज, सरकार के सामने आगे चलकर में रोजगार मुहैया कराना भी एक बड़ी चुनौती है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने वैसी स्थिति से निपटने के लिए सभी विभागों से एक रोडमैप बनाने को कहा है. उस मामले में सकारात्मक काम किया जा सके. वहीं, उन्होंने कहा कि झारखंड में सुविधाओं की कमी है और यह बात बार-बार कही जा रही है. ऐसे में सिवाय केंद्र सरकार पर निर्भरता के अलावे झारखंड सरकार के सामने और कोई रास्ता नहीं है.

माहौल बिगाड़ने की कोशिश

वहीं, मुख्यमंत्री ने कहा है कि राज्य इस समय आपदा से गुजर रहा है. मौजूदा परिस्थिति में कुछ ऐसे भी तत्व है जो माहौल को बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों पर पुलिस सख्ती करें. उसके लिए सरकार ने निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि ऐसे असामाजिक तत्वों से सरकार कड़ाई से निपटेगी. दरअसल, राजधानी के कुछ इलाकों से ऐसी बातें भी सामने आ रही थी कि सेनेटाइजेशन में लगे नगर निगम के कर्मियों के ऊपर एक खास इलाके में लोग थूक फेंक रहे हैं या उनके काम को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं.

वहीं, मुख्यमंत्री ने मरकज से जुड़े सवाल पर किसी तरह की टिप्पणी करने से इंकार कर दिया. हालांकि, उन्होंने कहा कि संक्रमित व्यक्ति उनकी नजर में महज एक मरीज है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यह बीमारी हमारे देश में पैदा नहीं हुई है बल्कि दूसरे देशों से फैलते हुए यहां आई है. ऐसे में सुरक्षा कवच तैयार करने की जिम्मेदारी भी देश की है.

ये भी पढ़ें: प्रशासन चला रहा जागरूकता अभियान, लोकभाषा और लोकगीत के माध्यम से बता रहा कोरोना की भयावहता

बाहर से आए लोगों से जांच कराने की अपील

मौजूदा परिस्थिति में जांच नहीं कराने वाले लोगों से भी मुख्यमंत्री ने हाथ जोड़ कर अपील की. उन्होंने बाद में फिर कड़े शब्दों में कहा कि जांच से बचने वाले लोग मौत को दावत दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि लोगों से बार-बार इस बाबत अपील की जा रही है. अगर इस अपील और आग्रह के बावजूद अन्य राज्यों से झारखंड आए लोग अगर स्वास्थ्य केंद्र नहीं पहुंच रहे हैं तो वह जानबूझकर अपनी मौत को दावत दे रहे हैं.

रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शुक्रवार को कहा कि राज्य के सामने कोरोना को लेकर लगे लॉकडाउन हटाए जाने के बाद गंभीर समस्या खड़ी होगी. उन्होंने कहा कि क्योंकि राज्य चारों तरफ से वैसे राज्यों से घिरा हुआ है, जहां कोरोना संक्रमण के अधिक मामले हैं. ऐसे में जैसे ही लॉक डाउन टूटेगा वहां से लोग बड़ी संख्या में इधर आएंगे.

सीएम हेमंत सोरेन

उन्होंने कहा कि झारखंड में कोरोना संक्रमण को लेकर कुछ दिन पहले तक स्थिति ठीक थी, लेकिन पिछले दिनों जिस तरह से संक्रमण के मामले सामने आए हैं उससे मामला गंभीर बन गया है. उन्होंने कहा कि झारखंड में विलंब से संक्रमण के मामले सामने आए हैं.

लॉकडाउन हटने के बाद होगी बड़ी समस्या

सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि लॉकडाउन की वजह से बेरोजगारी राज्य में फैल चुकी है और बड़ी संख्या में लोग इसके खुलने का इंतजार कर रहे है. उन्होंने कहा कि ऐसे लोग लॉकडाउन खुलने के बाद अपने राज्य लौटेंगे. ऐसे लोगों को आईडेंटिफाई कर निश्चित रूप से स्वास्थ्य सेवा के घेरे में रखना होगा. इसके साथ ही राज्य, समाज, सरकार के सामने आगे चलकर में रोजगार मुहैया कराना भी एक बड़ी चुनौती है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने वैसी स्थिति से निपटने के लिए सभी विभागों से एक रोडमैप बनाने को कहा है. उस मामले में सकारात्मक काम किया जा सके. वहीं, उन्होंने कहा कि झारखंड में सुविधाओं की कमी है और यह बात बार-बार कही जा रही है. ऐसे में सिवाय केंद्र सरकार पर निर्भरता के अलावे झारखंड सरकार के सामने और कोई रास्ता नहीं है.

माहौल बिगाड़ने की कोशिश

वहीं, मुख्यमंत्री ने कहा है कि राज्य इस समय आपदा से गुजर रहा है. मौजूदा परिस्थिति में कुछ ऐसे भी तत्व है जो माहौल को बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों पर पुलिस सख्ती करें. उसके लिए सरकार ने निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि ऐसे असामाजिक तत्वों से सरकार कड़ाई से निपटेगी. दरअसल, राजधानी के कुछ इलाकों से ऐसी बातें भी सामने आ रही थी कि सेनेटाइजेशन में लगे नगर निगम के कर्मियों के ऊपर एक खास इलाके में लोग थूक फेंक रहे हैं या उनके काम को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं.

वहीं, मुख्यमंत्री ने मरकज से जुड़े सवाल पर किसी तरह की टिप्पणी करने से इंकार कर दिया. हालांकि, उन्होंने कहा कि संक्रमित व्यक्ति उनकी नजर में महज एक मरीज है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यह बीमारी हमारे देश में पैदा नहीं हुई है बल्कि दूसरे देशों से फैलते हुए यहां आई है. ऐसे में सुरक्षा कवच तैयार करने की जिम्मेदारी भी देश की है.

ये भी पढ़ें: प्रशासन चला रहा जागरूकता अभियान, लोकभाषा और लोकगीत के माध्यम से बता रहा कोरोना की भयावहता

बाहर से आए लोगों से जांच कराने की अपील

मौजूदा परिस्थिति में जांच नहीं कराने वाले लोगों से भी मुख्यमंत्री ने हाथ जोड़ कर अपील की. उन्होंने बाद में फिर कड़े शब्दों में कहा कि जांच से बचने वाले लोग मौत को दावत दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि लोगों से बार-बार इस बाबत अपील की जा रही है. अगर इस अपील और आग्रह के बावजूद अन्य राज्यों से झारखंड आए लोग अगर स्वास्थ्य केंद्र नहीं पहुंच रहे हैं तो वह जानबूझकर अपनी मौत को दावत दे रहे हैं.

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