रांची: अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ ने राज्य सरकार के विभिन्न निर्णय के खिलाफ आंदोलन करने का फैसला लिया है. शिक्षक संघ की मानें तो पंचायत चुनाव के दौरान शिक्षकों से ड्यूटी ली गई. इसके बाद विभाग द्वारा दबाव बनाकर कई तरह के गैर शैक्षणिक कार्य लिए जा रहे हैं. इसके विरोध में अब शिक्षक सड़कों पर उतरकर आंदोलन करने के लिए विवश हो रहे हैं.
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अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ ने राज्य सरकार के शिक्षा विभाग पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. संघ की मानें तो शिक्षकों पर दबाव बनाकर गैर शैक्षणिक कार्य लगातार लिया जा रहा है. इतना ही नहीं ग्रीष्मावकाश में भी राज्य में पंचायत चुनाव से लेकर मतगणना कार्य सहित सभी तरह के कार्य को शिक्षकों ने सफलतापूर्वक संपन्न कराए हैं. इसके बावजूद शिक्षकों से विद्यालय का अंकेक्षण. एमडीएम में छात्रों को कुकिंग कॉस्ट की राशि वितरण, मुख्यमंत्री मेधा छात्रवृति योजना 30 मई तक फॉर्म भरना, मॉडल स्कूल में नामांकन फॉर्म भरना, गर्मी छुट्टी के दौरान ही यह सब काम दिया जा रहा है.
शिक्षकों का आरोप है कि उनके अधिकार को लगातार प्रदेश में मारा जा रहा है. उनका कहना है कि गर्मी छुट्टी के दौरान आखिर विद्यालय में बच्चों को कैसे राशि भुगतान किया जा सकता है यह समझ से परे है. कोरोना महामारी के मद्देनजर पिछले 2 वर्षों से विद्यार्थियों को राशि मुहैया नहीं कराई गई है और यह शिक्षकों की नहीं बल्कि अधिकारियों की लापरवाही है. एमडीएम में टेंडर का क्या हुआ इसमें भी अधिकारी ही जिम्मेदार हैं. जबकि शिक्षकों को विभाग द्वारा टारगेट किया जा रहा है. ऐसे ही और भी कई मामलों को लेकर प्राथमिक शिक्षक संघ ने राज्य में आंदोलन करने की चेतावनी शिक्षा विभाग को दी है. शिक्षकों का कहना है कि गर्मी छुट्टी के बाद स्कूल खुलते ही वार्षिक मूल्यांकन परीक्षा लेने पर तिथि निर्धारित की गई है. जो कहीं से भी तर्कसंगत नहीं है.