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नक्सलियों के पीएलजीए सप्ताह को लेकर झारखंड में अलर्ट, सुरक्षाबलों के लिए जारी किए गए कई निर्देश

भाकपा माओवादियों का पीएलजीए सप्ताह आज से शुरू हो गया है. इसको लेकर झारखंड में सभी जिलों को अलर्ट जारी किया गया है. 2 दिसंबर से 8 दिसंबर तक चलने वाले इस सप्ताह में नक्सली हिंसा को देखते हुए पुलिस मुख्यालय ने कई निर्देश जारी किए हैं.

PLGA week of Naxalites
पीएलजीए सप्ताह को लेकर झारखंड में अलर्ट
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Published : Dec 2, 2021, 4:39 PM IST

Updated : Dec 2, 2021, 5:24 PM IST

रांची: आज (2 दिसंबर ) से 8 दिसंबर तक चलने वाला भाकपा माओवादियों का पीएलजीए ( Peoples Liberation of Guerrilla Army) सप्ताह शुरू हो गया है. 6 दिनों तक चलने वाले पीएलजीए सप्ताह के दौरान नक्सलियों के किसी बड़ी साजिश को अंजाम देने की आशंका को देखते हुए पुलिस मुख्यालय की तरफ से सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों को अलर्ट जारी किया गया है.

ये भी पढ़ें- Naxal band के दौरान दहशत फैलाने में तीन गिरफ्तार, नक्सली प्रशांत बोस की गिरफ्तारी के विरोध में की थी वारदात

हाई अलर्ट पर झारखंड पुलिस

झारखंड पुलिस के आईजी अभियान अमोल होमकर ने सभी जिलों के एसपी को अलर्ट रहने का निर्देश दिया है. जिलों के एसपी को यह निर्देश दिया गया है कि वे कोबरा, जगुआर और केंद्रीय पारा मिलिट्री फोर्स के साथ रणनीति बनाकर माओवादियों के मूवमेंट पर नजर रखे और उसे रोकने का काम करें.

देखें वीडियो

रेलवे रूट पर विशेष निगरानी के निर्देश

रेलवे नक्सलियों का हमेशा से सॉफ्ट टारगेट रहा है, जिसे देखते हुए रेलवे रूट पर विशेष चौकसी बरतने की हिदायत भी मुख्यालय के द्वारा दी गई है. रेलवे के साथ केंद्र और राज्य के प्रतिष्ठानों की सुरक्षा के लिए भी जरूरी एहतियाती कदम उठाने के निर्देश जारी किए गए हैं. माओवादी गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए सीआरपीएफ, एसएसबी, आरपीएफ, सीआईएसएफ के साथ समन्वय स्थापित करने का निर्देश भी दिया गया है.

naxalite poster
नक्सली पोस्टर

बौखलाए हुए हैं नक्सली

भाकपा माओवादियों के ईआरबी के सचिव और पोलित ब्यूरो सदस्य प्रशांत बोस उर्फ किशन दा की गिरफ्तारी से नक्सली बौखलाए हुए हैं. वे झारखंड में किसी बड़े हमले को अंजाम देकर अपनी धमक दिखाना चाहते हैं. सूचना के अनुसार पीएलजीए सप्ताह के दौरान अपने प्रभाव वाले जिलों में माओवादी हिंसक कार्रवाई कर सकते हैं. खासकर केंद्रीय प्रतिष्ठानों, रेलवे को निशाना बनाया जा सकता है.

Security forces checking railway station
रेलवे स्टेशन की जांच करते सुरक्षाबल
मुखबिरों की बढ़ाई गई सुरक्षाप्रशांत बोस की गिरफ्तारी के बाद नक्सली संगठन भाकपा माओवादी में भारी आक्रोश है. संगठन उन लोगों की तलाश में भी जुटा हुआ है जिन लोगों ने पुलिस को प्रशांत बोस की मुखबिरी की है. मिली जानकारी के अनुसार पारसनाथ इलाके में लगातार लोगों से पूछताछ भी की जा रही है. अनुमान लगाया जा रहा है कि अगर नक्सलियों को किसी के ऊपर जरा सा भी शक भी हुआ तो तुरंत उसकी हत्या हो सकती है. ऐसे में पारसनाथ में भी सुरक्षा बलों की निगरानी बढ़ा दी गई है खासकर वैसे लोग जो नक्सलियों के खिलाफ पुलिस का साथ देते हैं उनकी सुरक्षा को बढ़ाया गया है.

कहां-कहां हमला कर सकते हैं नक्सली

मिली जानकारी के अनुसार नक्सली पीएलजीए सप्ताह के दौरान सुरक्षाबलों के कैंप, थाने, पिकेट, पोस्ट, गश्ती या एस्कार्ट वाहन को टारगेट कर सकते हैं. साथ ही सरकार या गैर सरकारी प्रतिष्ठान, अंचल कार्यालय, बैंक, वन विभाग के कार्यालय, विकास योजनाओं, संचार सेवाओं को निशाना बनाया जा सकता है. कोल साइडिंग, कोल डंप व खनन इलाकों में विशेष एहतियात बरतने के निर्देश दिए गए हैं. सभी महत्वपूर्ण रेलवे लाइन, रेलवे साइडिंग, स्टेशनों पर भी नजर रखने व निर्देश दिया गया है.

पुलिस मुख्यालय का निर्देश
पीएलजीए सप्ताह को लेकर पुलिस मुख्यालय की तरफ से कई निर्देश जारी किए गए हैं जो जवानों की सुरक्षा के लिए काफी अहम माने जा रहे हैं. क्या है पुलिस मुख्यालय का निर्देश आइए जानते हैं.

  1. पुलिस पिकेट या कैंप तक पहुंचने वाले रास्तों को सेनेटाइज किया जाए और ये जांच की जाए की मूवमेंट के रास्ते में आईईडी लगी है या नहीं
  2. पीएलजीए सप्ताह को लेकर नक्सलियों ने कई जगहों पर पोस्टरबाजी भी की है. ऐसे में सुरक्षाबलों को निर्देश दिया गया है कि वह पोस्टर हटाने से पहले विशेष सतर्कता बरतें
  3. संवेदनशील जगहों पर काम करने वाले एसपीओ को सुरक्षा देने, रेलवे लाइन सुरक्षित रहें इसके लिए रेलवे अथॉरिटी के साथ जांच पड़ताल करने का निर्देश दिया गया है
  4. नक्सल क्षेत्र में पड़ने वाले नेशनल हाईवे या दूसरी प्रमुख सड़कों पर आवाजाही प्रभावित न किया जा सके, इसे लेकर भी जिलों के एसपी को रणनीति बनाने का निर्देश दिया गया है.

रांची: आज (2 दिसंबर ) से 8 दिसंबर तक चलने वाला भाकपा माओवादियों का पीएलजीए ( Peoples Liberation of Guerrilla Army) सप्ताह शुरू हो गया है. 6 दिनों तक चलने वाले पीएलजीए सप्ताह के दौरान नक्सलियों के किसी बड़ी साजिश को अंजाम देने की आशंका को देखते हुए पुलिस मुख्यालय की तरफ से सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों को अलर्ट जारी किया गया है.

ये भी पढ़ें- Naxal band के दौरान दहशत फैलाने में तीन गिरफ्तार, नक्सली प्रशांत बोस की गिरफ्तारी के विरोध में की थी वारदात

हाई अलर्ट पर झारखंड पुलिस

झारखंड पुलिस के आईजी अभियान अमोल होमकर ने सभी जिलों के एसपी को अलर्ट रहने का निर्देश दिया है. जिलों के एसपी को यह निर्देश दिया गया है कि वे कोबरा, जगुआर और केंद्रीय पारा मिलिट्री फोर्स के साथ रणनीति बनाकर माओवादियों के मूवमेंट पर नजर रखे और उसे रोकने का काम करें.

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रेलवे रूट पर विशेष निगरानी के निर्देश

रेलवे नक्सलियों का हमेशा से सॉफ्ट टारगेट रहा है, जिसे देखते हुए रेलवे रूट पर विशेष चौकसी बरतने की हिदायत भी मुख्यालय के द्वारा दी गई है. रेलवे के साथ केंद्र और राज्य के प्रतिष्ठानों की सुरक्षा के लिए भी जरूरी एहतियाती कदम उठाने के निर्देश जारी किए गए हैं. माओवादी गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए सीआरपीएफ, एसएसबी, आरपीएफ, सीआईएसएफ के साथ समन्वय स्थापित करने का निर्देश भी दिया गया है.

naxalite poster
नक्सली पोस्टर

बौखलाए हुए हैं नक्सली

भाकपा माओवादियों के ईआरबी के सचिव और पोलित ब्यूरो सदस्य प्रशांत बोस उर्फ किशन दा की गिरफ्तारी से नक्सली बौखलाए हुए हैं. वे झारखंड में किसी बड़े हमले को अंजाम देकर अपनी धमक दिखाना चाहते हैं. सूचना के अनुसार पीएलजीए सप्ताह के दौरान अपने प्रभाव वाले जिलों में माओवादी हिंसक कार्रवाई कर सकते हैं. खासकर केंद्रीय प्रतिष्ठानों, रेलवे को निशाना बनाया जा सकता है.

Security forces checking railway station
रेलवे स्टेशन की जांच करते सुरक्षाबल
मुखबिरों की बढ़ाई गई सुरक्षाप्रशांत बोस की गिरफ्तारी के बाद नक्सली संगठन भाकपा माओवादी में भारी आक्रोश है. संगठन उन लोगों की तलाश में भी जुटा हुआ है जिन लोगों ने पुलिस को प्रशांत बोस की मुखबिरी की है. मिली जानकारी के अनुसार पारसनाथ इलाके में लगातार लोगों से पूछताछ भी की जा रही है. अनुमान लगाया जा रहा है कि अगर नक्सलियों को किसी के ऊपर जरा सा भी शक भी हुआ तो तुरंत उसकी हत्या हो सकती है. ऐसे में पारसनाथ में भी सुरक्षा बलों की निगरानी बढ़ा दी गई है खासकर वैसे लोग जो नक्सलियों के खिलाफ पुलिस का साथ देते हैं उनकी सुरक्षा को बढ़ाया गया है.

कहां-कहां हमला कर सकते हैं नक्सली

मिली जानकारी के अनुसार नक्सली पीएलजीए सप्ताह के दौरान सुरक्षाबलों के कैंप, थाने, पिकेट, पोस्ट, गश्ती या एस्कार्ट वाहन को टारगेट कर सकते हैं. साथ ही सरकार या गैर सरकारी प्रतिष्ठान, अंचल कार्यालय, बैंक, वन विभाग के कार्यालय, विकास योजनाओं, संचार सेवाओं को निशाना बनाया जा सकता है. कोल साइडिंग, कोल डंप व खनन इलाकों में विशेष एहतियात बरतने के निर्देश दिए गए हैं. सभी महत्वपूर्ण रेलवे लाइन, रेलवे साइडिंग, स्टेशनों पर भी नजर रखने व निर्देश दिया गया है.

पुलिस मुख्यालय का निर्देश
पीएलजीए सप्ताह को लेकर पुलिस मुख्यालय की तरफ से कई निर्देश जारी किए गए हैं जो जवानों की सुरक्षा के लिए काफी अहम माने जा रहे हैं. क्या है पुलिस मुख्यालय का निर्देश आइए जानते हैं.

  1. पुलिस पिकेट या कैंप तक पहुंचने वाले रास्तों को सेनेटाइज किया जाए और ये जांच की जाए की मूवमेंट के रास्ते में आईईडी लगी है या नहीं
  2. पीएलजीए सप्ताह को लेकर नक्सलियों ने कई जगहों पर पोस्टरबाजी भी की है. ऐसे में सुरक्षाबलों को निर्देश दिया गया है कि वह पोस्टर हटाने से पहले विशेष सतर्कता बरतें
  3. संवेदनशील जगहों पर काम करने वाले एसपीओ को सुरक्षा देने, रेलवे लाइन सुरक्षित रहें इसके लिए रेलवे अथॉरिटी के साथ जांच पड़ताल करने का निर्देश दिया गया है
  4. नक्सल क्षेत्र में पड़ने वाले नेशनल हाईवे या दूसरी प्रमुख सड़कों पर आवाजाही प्रभावित न किया जा सके, इसे लेकर भी जिलों के एसपी को रणनीति बनाने का निर्देश दिया गया है.

Last Updated : Dec 2, 2021, 5:24 PM IST
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