रांची: कोरोना के नए वेरिएंट को लेकर राज्य के स्वास्थ्य सचिव अरुण कुमार सिंह ने राज्य के सभी उपायुक्त और सिविल सर्जन को पत्र जारी करते हुए दिशा निर्देश दिया है कि नए वेरिएंट को लेकर जिनोम सीक्वेंसिंग और सर्विलांस पर बेहतर काम करने की जरूरत है. स्वास्थ्य सचिव ने निर्देश देते हुए कहा कि जो भी लोग बाहर के प्रदेश से झारखंड पहुंच रहे हैं, उनके पास 72 घंटे पहले तक की कोविड रिपोर्ट होनी जरूरी है या फिर वैक्सीन के दोनों डोज का प्रमाण पत्र दिखाना होगा.
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इसके अलावा विदेशों से आने वाले यात्रियों को आरटी पीसीआर टेस्ट कराना भी अनिवार्य होगा. साथ ही साथ ऐसे यात्रियों की ट्रेवल हिस्ट्री पर भी जिला प्रशासन को निगरानी रखनी होगी. वहीं जो भी यात्री हाई रिस्क देशों से झारखंड पहुंच रहे हैं, वैसे यात्रियों को एयरपोर्ट पर चिन्हित करना है और उन्हें रांची एयरपोर्ट पहुंचने के बाद कोरोना जांच करानी होगी. इसके साथ ही अन्य सावधानियां भी बरतनी होगी. सभी जिलों के उपायुक्तों को निर्देश देते हुए कहा गया है कि जांच के दायरे को ज्यादा से ज्यादा बढ़ाए, क्योंकि इसी के माध्यम से हम संक्रमण के प्रभाव और प्रसार को रोक सकते हैं. जो भी विदेशी यात्री झारखंड पहुंच रहे हैं, उन्हें अपनी सारी जानकारी जिला प्रशासन से डेली बेसिस पर साझा करनी होगी.
idspjharkhand3@gmail.com पर जाकर बाहर से आने वाले यात्रियों को अपना विवरण देना होगा, ताकि जरूरत पड़ने पर उनके सैंपल को जिनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजा जा सके. जिनोम सीक्वेंसिंग के लिए सैंपल को भुवनेश्वर भेजने को लेकर भी स्वास्थ्य सचिव ने डिस्ट्रिक्ट सर्विलांस ऑफिसर, नोडल ऑफिसर, आरटीपीसीआर जांच केंद्र और माइक्रोबायोलॉजी विभाग के हेड को भी महत्त्वपूर्ण दिशा निर्देश दिए हैं.
स्वास्थ विभाग की तरफ से कोरोना वैक्सीनेशन में गति बढ़ाने के लिए भी जिले के अधिकारियों को कहा गया है. साथ ही यह भी कहा गया है कि यदि किसी व्यक्ति या क्षेत्र में कोरोना के टीके को लेकर कोई आशंका है तो उसे भी लोगों के मन से दूर करें और ज्यादा से ज्यादा लोगों को टीका लेने के लिए प्रेरित करें. लोगों को सचेत करने के लिए जिले के सभी अधिकारियों को यह निर्देश दिया गया है कि ज्यादा से ज्यादा प्रेस ब्रीफिंग और बुलेटिन के माध्यम से लोगों को कोरोना से बचने की सावधानियों के बारे में जानकारी समय-समय पर देते रहें.
दूसरे वेब के प्रकोप से मिले अनुभव को ध्यान में रखते हुए विपरीत परिस्थिति में बेड, मैन पावर, इक्विपमेंट्स और दवा की पर्याप्त मात्रा को जुटाने का दिशा-निर्देश दिया गया. साथ ही PICU, NICU और HDU की आवश्यकताओं को भी पूरी करने के लिए सभी जिले के अधिकारियों को कहा गया है.
सभी चेक नाका और एंट्री पॉइंट पर रैपिड एंटीजन टेस्ट किट और आरटीपीसीआर जांच की व्यवस्था पर भी विचार करने की बात कही गई. ताकि सड़क मार्ग से बाहर के राज्यों से आने वाले लोगों की भी नियमित जांच की जा सके. सभी जिले के अस्पतालों में ऑक्सीजन की मजबूत व्यवस्था और पीएसए प्लांट को तैयार करने का भी दिशा निर्देश जिले के अधिकारियों को दिया गया. सभी जिलों के अधिकारियों को कहा गया है कि विपरीत परिस्थिति में कैसे मरीजों को सही समय पर इलाज मिले उसके लिए भी अपने क्षेत्र में मॉक ड्रिल कराएं. गौरतलब है कि ओमीक्रोन वेरिएंट को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है. खास करके हाई रिस्क देशों से आने वाले यात्रियों की सूची तैयार की जा रही है. क्योंकि विदेशी यात्रियों से ही इस वेरिएंट के फैलने का ज्यादा खतरा है.