रांची: झारखंड विधानसभा बजट सत्र का आज 14वां दिन है. सदन के अंदर सत्ता दल और विपक्षी दल के विधायक अपने-अपने क्षेत्र से जुड़े जन मुद्दों को सदन के अंदर उठा रहे हैं, लेकिन कई ऐसी मांग होती है जिन पर सरकार कोई ठोस कदम नहीं उठा पाती है. इसी कड़ी में आजसू से गोमिया विधानसभा के विधायक लंबोदर महतो शहीद परिवार को उचित सम्मान और मुआवजे की मांग को लेकर सदन के बाहर भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं. ईटीवी भारत की टीम ने विधायक लंबोदर महतो से खास बातचीत की और जानने की कोशिश की है कि आखिर किन मुद्दों को लेकर वह सदन के बाहर भूख हड़ताल पर बैठे हैं.
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पीड़ित परिवार को नहीं मिला है कोई मुआवजा
धरने पर बैठे गोमिया विधानसभा के विधायक लंबोदर महतो ने कहा कि छत्तीसगढ़ के सुकमा में नक्सलियों से हुए मुठभेड़ में शहीद विनोद यादव के आश्रितों को अब तक किसी तरह का कोई मुआवजा नहीं मिला है. इसको लेकर सदन में कई बार आवाज भी उठाई गई है, लेकिन आश्वासन के बाद उनके परिवार को अब तक किसी तरह का कोई मुआवजा नहीं दिया गया है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से भी इस विषय में उनके चेंबर में मुलाकात हुई है लेकिन उनके ओर से भी उचित कार्रवाई का भरोसा दिलाया गया. न तो उनके परिवार को अब तक मुआवजा मिला है और जो घोषणा की गई थी पेट्रोल पंप देने की वह भी नहीं दी गई है.
भूख हड़ताल पर बैठे हैं विधायक लंबोदर महतो
लंबोदर महतो ने कहा कि विभागीय लापरवाही और अधिकारियों की मनमानी के कारण सदन के अंदर आवाज उठाए गए मुद्दों पर आश्वासन मिल जाता है लेकिन जब धरातल में काम करने की बारी आती है तो नहीं हो पाता है. इन्हीं मुद्दों को लेकर आज सदन के बाहर में भूख हड़ताल पर बैठे हैं. तेनुघाट स्थित घरवाटांड़ निवासी विनोद यादव 4 अप्रैल 2014 को छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में बुर्कापाड़ा में नक्सलियों से मुठभेड़ के दौरान शहीद हो गए थे. अप्रैल 2014 को झारखंड के तत्कालीन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और कांग्रेस के तत्कालीन सांसद सुबोधकांत सहाय ने शहीद विनोद यादव के परिवार को सरकार की ओर से मुआवजा और आश्रित को नौकरी देने की घोषणा की थी. 6 साल बीत जाने के बाद भी शहीद परिवार के परिजनों को ना तो मुआवजा मिला है और ना ही नौकरी.