नई दिल्ली: झारखंड के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख नई दिल्ली के दौरे के क्रम में गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे. उन्होंने किसान नेता राकेश टिकैट सहित हजारों आंदोलनरत किसानों से मुलाकात की. कृषिमंत्री बादल पत्रलेख ने उन्हें झारखंड का पानी पिलाकर यह आश्वस्त किया कि रत्नगर्भा राज्यवासियों के साथ ही नहीं, बल्कि यहां का पवित्र जल, जंगल और जमीन भी अन्नदाताओं के साथ है.
केंद्र सरकार हो गई है संवेदनहीन
कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि केंद्र सरकार संवेदनहीन हो गई है. किसानों के दर्द को वह समझ नहीं पा रही है. सड़कों पर लोहे की कीलें, कंटीले तार और सीमेंट की दीवार बनाकर अन्याय के खिलाफ शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन कर रहे हमारे अन्नदाताओं को अपने ही देश में दुश्मन बनाकर प्रताड़ित किया जा रहा है. बिजली, पानी, इंटरनेट सेवाएं बाधित कर दी जा रही है. केंद्र सरकार का यह रवैया लोकतंत्र के लिए बेहतर नहीं है.
ये भी पढ़े- बाबूलाल मरांडी दलबदल मामला: 15 फरवरी को स्पीकर के न्यायाधिकरण में होगी सुनवाई, भेजा गया नोटिस
कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर उरांव साहब का साफ संदेश है कि हम सभी झारखंड के लोग किसान आंदोलन के साथ कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ रहे हैं. गोड्डा से देवघर तक लंबी ट्रैक्टर रैली निकाली किसानों के समर्थन में और यह पूरे राज्य स्तर पर आगे भी जारी रहेगी. कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने बॉर्डर पर ही किसानों के साथ देर रात खाना भी खाया.