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डेढ़ साल बीतने पर भी बोर्ड-निगम का नहीं हुआ बंटवारा, जानिए कांग्रेस इसमें क्यों चाहती है अपने कार्यकर्ताओं की भागीदारी - Congress State Spokesperson Shamsher Alam

डेढ़ वर्ष बीतने के बाद भी सूबे में हेमंत सोरेन के नेतृत्व में चल रही गठबंधन सरकार में बोर्ड-निगम का बंटवारा नहीं हो पाया है. वहीं, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सह वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने कहा कि कोरोना ने सभी को प्रभावित किया है. इससे अर्थव्यवस्था और सरकारी कामकाज प्रभावित हुआ है. लेकिन कोरोना काल के बाद इसका बंटवारा किया जाएगा.

Board Corporation of Jharkhand
झारखंड की बोर्ड निगम
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Published : Jun 23, 2021, 4:22 PM IST

रांची: झारखंड में लगभग सभी बोर्ड निगम आयोग खाली पड़े हैं. हेमंत सोरेन की अगुवाई में सरकार बने डेढ़ साल हो गए हैं. इस बीच मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री के दिल्ली दौरे को इससे जोड़ कर देखा जा रहा था, तो वहीं अब कांग्रेस विधायकों ने दिल्ली में शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात कर बोर्ड निगम के जल्द बंटवारे और पार्टी नेता, कार्यकर्ताओं को इसमें जगह दिए जाने का आग्रह किया है. लेकिन बोर्ड-निगम के बंटवारे को लेकर तालमेल क्यों नहीं बैठ रहा और क्या पेंच है, यह एक बड़ा सवाल बना हुआ है.

ये भी पढ़ें- हेमंत सोरेन मानहानि मामला: फेसबुक और ट्विटर को भेजा गया नोटिस, निशिकांत दुबे पर 100 करोड़ मानहानि का दावा

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सह वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने कहा कि कोरोना ने सभी को प्रभावित किया है. इससे अर्थव्यवस्था और सरकारी कामकाज प्रभावित हुआ है. बोर्ड निगम आयोग के गठन के लिए सरकार तैयार है. लेकिन जब इसको शुरू करना चाहते हैं, तो कोरोना आ जाता है. इसलिए मामला शांत पड़ जाता है. उन्होंने कहा कि स्थिति सामान्य होगी तो बोर्ड-निगम का गठन कर लिया जाएगा. वहीं दिल्ली दौरे के मसले पर कोई बातचीत नहीं होने की बात कही है.

देखें पूरी खबर

गठबंधन के कार्यकर्ताओं को निश्चित तौर पर मिलेगी जगह

कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता शमशेर आलम ने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष और विधायक दल के नेता बोर्ड निगम को लेकर लगातार प्रयास करते रहे हैं. लेकिन कोरोना संक्रमण की वजह से बाधा आ रही है. सरकार के मुखिया हेमंत सोरेन, प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर उरांव, आलमगीर आलम की मंशा है कि सक्रिय और इमानदार कार्यकर्ताओं को बोर्ड निगम में जगह मिले. लेकिन संक्रमण की वजह से ब्रेक लगा है. उम्मीद जताई जा रही है कि संक्रमण काल खत्म होने पर इस पर पहल होगी और निष्ठावान गठबंधन के कार्यकर्ताओं को जगह निश्चित तौर पर मिलेगी.

रांची: झारखंड में लगभग सभी बोर्ड निगम आयोग खाली पड़े हैं. हेमंत सोरेन की अगुवाई में सरकार बने डेढ़ साल हो गए हैं. इस बीच मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री के दिल्ली दौरे को इससे जोड़ कर देखा जा रहा था, तो वहीं अब कांग्रेस विधायकों ने दिल्ली में शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात कर बोर्ड निगम के जल्द बंटवारे और पार्टी नेता, कार्यकर्ताओं को इसमें जगह दिए जाने का आग्रह किया है. लेकिन बोर्ड-निगम के बंटवारे को लेकर तालमेल क्यों नहीं बैठ रहा और क्या पेंच है, यह एक बड़ा सवाल बना हुआ है.

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कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सह वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने कहा कि कोरोना ने सभी को प्रभावित किया है. इससे अर्थव्यवस्था और सरकारी कामकाज प्रभावित हुआ है. बोर्ड निगम आयोग के गठन के लिए सरकार तैयार है. लेकिन जब इसको शुरू करना चाहते हैं, तो कोरोना आ जाता है. इसलिए मामला शांत पड़ जाता है. उन्होंने कहा कि स्थिति सामान्य होगी तो बोर्ड-निगम का गठन कर लिया जाएगा. वहीं दिल्ली दौरे के मसले पर कोई बातचीत नहीं होने की बात कही है.

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कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता शमशेर आलम ने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष और विधायक दल के नेता बोर्ड निगम को लेकर लगातार प्रयास करते रहे हैं. लेकिन कोरोना संक्रमण की वजह से बाधा आ रही है. सरकार के मुखिया हेमंत सोरेन, प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर उरांव, आलमगीर आलम की मंशा है कि सक्रिय और इमानदार कार्यकर्ताओं को बोर्ड निगम में जगह मिले. लेकिन संक्रमण की वजह से ब्रेक लगा है. उम्मीद जताई जा रही है कि संक्रमण काल खत्म होने पर इस पर पहल होगी और निष्ठावान गठबंधन के कार्यकर्ताओं को जगह निश्चित तौर पर मिलेगी.

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