रांची: झारखंड में लगभग सभी बोर्ड निगम आयोग खाली पड़े हैं. हेमंत सोरेन की अगुवाई में सरकार बने डेढ़ साल हो गए हैं. इस बीच मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री के दिल्ली दौरे को इससे जोड़ कर देखा जा रहा था, तो वहीं अब कांग्रेस विधायकों ने दिल्ली में शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात कर बोर्ड निगम के जल्द बंटवारे और पार्टी नेता, कार्यकर्ताओं को इसमें जगह दिए जाने का आग्रह किया है. लेकिन बोर्ड-निगम के बंटवारे को लेकर तालमेल क्यों नहीं बैठ रहा और क्या पेंच है, यह एक बड़ा सवाल बना हुआ है.
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कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सह वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने कहा कि कोरोना ने सभी को प्रभावित किया है. इससे अर्थव्यवस्था और सरकारी कामकाज प्रभावित हुआ है. बोर्ड निगम आयोग के गठन के लिए सरकार तैयार है. लेकिन जब इसको शुरू करना चाहते हैं, तो कोरोना आ जाता है. इसलिए मामला शांत पड़ जाता है. उन्होंने कहा कि स्थिति सामान्य होगी तो बोर्ड-निगम का गठन कर लिया जाएगा. वहीं दिल्ली दौरे के मसले पर कोई बातचीत नहीं होने की बात कही है.
गठबंधन के कार्यकर्ताओं को निश्चित तौर पर मिलेगी जगह
कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता शमशेर आलम ने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष और विधायक दल के नेता बोर्ड निगम को लेकर लगातार प्रयास करते रहे हैं. लेकिन कोरोना संक्रमण की वजह से बाधा आ रही है. सरकार के मुखिया हेमंत सोरेन, प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर उरांव, आलमगीर आलम की मंशा है कि सक्रिय और इमानदार कार्यकर्ताओं को बोर्ड निगम में जगह मिले. लेकिन संक्रमण की वजह से ब्रेक लगा है. उम्मीद जताई जा रही है कि संक्रमण काल खत्म होने पर इस पर पहल होगी और निष्ठावान गठबंधन के कार्यकर्ताओं को जगह निश्चित तौर पर मिलेगी.