रांची: नगर निगम शहर को सुंदर और स्वच्छ बनाने के लिए हमेशा प्रयासरत रहता है. इसके तहत लगातार टेक्नोलॉजी को भी लाने का काम किया जा रहा है, लेकिन इसके साथ ही पहले से जो व्यवस्थाएं हैं. उसका मेंटेनेंस नहीं हो पाना दुर्भाग्यपूर्ण है. खासकर राजधानी के विभिन्न सड़क, बाजार, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, चौक चौराहों के आसपास 80 मॉड्यूलर टॉयलेट है जिसकी स्थिति दयनीय है. बावजूद इसके नगर निगम लगभग 4 करोड़ रुपए की खर्च कर एरोबिक बायो टॉयलेट बनाने की तैयारी में है.
एरोबिक बायो टॉयलेट के लिए टेंडर
रांची नगर निगम ने एरोबिक बायो टॉयलेट निर्माण के लिए टेंडर भी निकाल दिया है. इसके तहत पहले फेज में शहर के 4 स्थानों को चिन्हित किया गया है. जिसमें मेडिका अस्पताल, करम टोली तालाब, लाइन टैंक रोड और मोरहाबादी मैदान शामिल है. इन स्थानों पर एरोबिक बायो टॉयलेट का निर्माण कराया जाएगा. इनका निर्माण लगभग 4 करोड़ रुपए की राशि से होगा. इस लिहाज से एक एरोबिक बायो टॉयलेट पर एक करोड़ रुपए की लागत आएगी.
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महिलाओं के लिए चेंजिंग और फीडिंग रूम
टॉयलेट की खास बात यह है कि इसमें महिलाओं के लिए चेंजिंग और फीडिंग रूम भी बनाए जाएंगे, साथ ही रांची नगर निगम टॉयलेट के आसपास गार्डनिंग करेगी. ताकि यहां पर आने वाले लोगों को स्वच्छता और हरियाली का एहसास हो सके. इसके अलावा यह टॉयलेट दुर्गंध रहित होगा.
मॉड्यूलर टॉयलेट में गंदगी
ऐसे में एरोबिक बायो टॉयलेट राजधानी के लोगों के लिए लाभदायक साबित जरूर होगा. लेकिन इसके साथ ही अगर रांची नगर निगम मॉड्यूलर टॉयलेट की स्थिति में सुधार कर दें, तो वह भी लोगों के लिए फायदेमंद होगा. क्योंकि वर्तमान में कई मॉड्यूलर टॉयलेट में गंदगी फैली हुई है. पानी की भी समस्या है, साथ ही लाइट की समस्या की वजह से लोग रात में उस में जाने से कतराते हैं. जबकि भीड़भाड़ वाले इलाके में मौजूद टॉयलेट महिला और पुरुष दोनों के लिए सबसे ज्यादा जरूरी हो जाता है और लाखों लोग इसका इस्तेमाल भी करते हैं.