रांची: झारखंड में डायल 100 बेहतरीन तरीके से काम कर रहा है, हाल में ही डायल 112 भी झारखंड में काम करना शुरू किया है. ऐसे में डायल 112 के रिस्पांस टाइम पर ट्रैकिंग सिस्टम को सशक्त बनाने के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है. डायल 112 के रिस्पांस टाइम को सटीक करने के लिए शुक्रवार को एडीजी अभियान संजय आनंद लौटकर ने रांची एसएसपी, एसपी वायरलेस और सीसीआर के अधिकारियों के साथ महत्वपूर्ण बैठक की (ADG reviews Dial 100 and 112 response time).
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बेहद महत्वपूर्ण है दोनों हेल्पलाइन: किसी भी संकट की स्थिति में लोग डायल 100 पर कॉल करते हैं. अब डायल 112 की सुविधा भी झारखंड में मिलने लगी है. ऐसे में के ये दो बेहद कारगर हेल्पलाइन नंबर आम लोगों के लिए है जिसे वे किसी भी समय पुलिस की सहायता प्राप्त कर सकते हैं. ऐसे में जरूरत है कि 112 के रिस्पांस समय को बेहतर किया जाए. 112 को बेहद कारगर बनाने के लिए शुक्रवार को एडीजी अभियान संजय आनंद लाटकर खुद रांची के पुलिस कंट्रोल रूम पहुंचे. पुलिस कंट्रोल रूम में एडीजी ने रांची एसएसपी, एसपी वायरलेस और कंट्रोल रूम के सभी वरीय अधिकारियों के साथ महत्वपूर्ण बैठक की. बैठक में उन तमाम तकनीक और सुविधाओं पर चर्चा हुई जिनके बलबूते पर डायल 112 का रिस्पांस टाइम बेहतर हो सके.
सबसे पहले दुरुस्त होगा नेटवर्क: एडीजी के मीटिंग में सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा मोबाइल कंपनियों के नेटवर्क को लेकर था. लगातार शिकायत आ रही थी राजधानी के कई इलाको में नेटवर्क काम नहीं करता है. ऐसे में सूचना मिलने पर भी पीसीआर और टाइगर रास्ता भटक जाते हैं और वह घटनास्थल तक जल्दी नहीं पहुंच पाते हैं. इस मामले को सुलझाने के लिए एडीजी ने रांची सीनियर एसपी को निर्देश दिया है कि वह वायरलेस एसपी के साथ मिलकर जल्द सभी नेटवर्क ऑपरेटर को बुलाकर उनके साथ मीटिंग करें और उन्हें नेटवर्क को दुरुस्त करने का निर्देश दें. दरअसल जब भी 112 में कॉल आता है तो कॉलर का लोकेशन भी आ जाता है उसी लोकेशन के आधार पर पीसीआर या फिर टाइगर के जवान फोन करने वाले की मदद के लिए मौके पर पहुंचते हैं, लेकिन अगर नेटवर्क सही ना हो तो फिर लोकेशन नहीं मिल पाता है.
एडीजी ने दिए कई निर्देश: मीटिंग के दौरान एडीजी संजय आनंद लाटकर ने कंट्रोल रूम में तैनात सभी पुलिसकर्मियों को यह निर्देश दिया कि वह फोन करने वाले पीड़ितों से बेहतर तरीके से बात करें. अच्छा होगा कि वह हर फोन करने वाले को जय हिंद कह कर बात करें, उनकी समस्याओं को सुनें और तुरंत रिस्पांस दें. एडीजी ने यह भी बताया कि जब 112 या 100 पर कॉल आता है तो पीसीआर और टाइगर के जवानों को लोकेशन की सही जानकारी देनी है, अगर लोकेशन की सही जानकारी नहीं दी जाएगी तब कभी भी घटनाएं नहीं रुकेंगी. वही पीसीआर के जवानों को यह निर्देश दिया गया है जब फोन आने पर वे मौके पर पहुंचते हैं तो वहां उन्होंने क्या कार्रवाई की इसकी जानकारी में दोबारा फोन कर सीसीआर को दें ताकि उसकी जानकारी वरीय अधिकारियों तक पहुंच सके.
उपकरण और शिफ्ट पर भी हुई चर्चा: आने वाले दिनों में 100 और 112 को मर्ज किया जाना है ऐसे में सीसीआर में तैनात पुलिस कर्मियों की जिम्मेदारी और बढ़ेगी. मीटिंग के दौरान खराब उपकरणों की चर्चा हुई जिन्हें बदलने को लेकर एडीजी ने निर्देश दिए हैं, वहीं सीसीआर में 8 घंटे से ज्यादा की ड्यूटी नहीं कराने का निर्देश भी एडीजी ने दिया है.