रांची: तुपुदाना के हजाम बस्ती में 14 साल पहले डायन-बिसाही के आरोप में एक ही परिवार के सात लोगों की हत्या के मामले में दसवें आरोपी की गिरफ्तारी हुई है. गिरफ्तार आरोपी आनंद महतो है और वह हजाम बस्ती का ही रहने वाला है. घटना के बाद से आरोपी आनंद गांव छोड़कर खूंटी में जा बसा था.
नाम बदलकर खूंटी में रह रहा था
खूंटी में आनंद राजू महतो के नाम से रह रहा था. तकनीकी सेल की मदद से तुपुदाना ओपी प्रभारी तारिक अनवर ने टीम के साथ खूंटी में छापेमारी कर उसे दबोच लिया. आरोपी के खिलाफ न्यायालय से भी वारंट जारी थी. आरोपी आनंद ने पूछताछ के क्रम में पुलिस के सामने अपना जुर्म भी स्वीकार किया है. इससे पहले तुपुदाना पुलिस मामले में हरि महतो और मोटू खोया उर्फ सुनील खोया को भी जेल भेज चुकी है. तुपुदाना थानेदार के अनुसार आनंद महतो वर्ष 2005 में घटना को अंजाम देने के बाद पंजाब भाग गया था. वहीं मजूदरी करता था. इधर हाल में उसे लगा कि पुलिस उसे भूल चुकी है. इसके बाद वह खूंटी स्थित अपने ससुराल में आकर रहने लगा था. बीच-बीच में वह हजाम आता था.
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2005 में घर को घेरकर की थी हत्या
हजाम बस्ती के रहने वाले बिरबल महतो समेत उनके परिवार के सात सदस्यों की 2005 में हत्या कर दी गई थी. डायन बिसाही का आरोप लगाकर धारदार हथियार से सो रहे परिवार के एक-एक सदस्य को मार डाला था. बिरबल के गोतिया आसमान महतो का बिरबल के साथ जमीन विवाद चल रहा था. इस विवाद को लेकर आसमान महतो ने ग्रामीणों को बिरबल की पत्नी को डायन बताकर हत्या के लिए उकसाया था. इसके बाद ही बिरबल के घर को घेरकर पूरे परिवार को मार डाला गया था. हालांकि बिरबल की पत्नी रात के अंधेरे का फायदा उठाकर अपने दुधमुंहे बच्चे के साथ झाड़ी में छिपकर रात बिताई थी.
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थानेदार ने मामले को गंभीरता से लिया
सुबह महिला तुपुदाना टीओपी (अब ओपी) पहुंचकर मामले की जानकारी दी थी. उस समय पुलिस ने मानसिक रोगी समझकर मामले को हल्के में लिया. इसके बाद धुर्वा थाना के तत्कालीन थाना प्रभारी कमाल खान ने मामले को गंभीरता से लेते हुए घटनास्थल पहुंचे. लाश को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम करवाया. इसके बाद इस मामले में आठ की गिरफ्तारी हुई थी.